01 सितंबर से 07 सितंबर तक अभियान चलाकर प्रथम चरण में 20 जनपदों में निराश्रित गोवंश के संरक्षण का कार्य किया जाए
अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और मंडलीय अपर निदेशक की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाए
नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत 621 समितियों के संचालन का कार्य 15 सितंबर तक पूर्ण कर लिया जाए
-श्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ: 29 अगस्त, 2024
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि आगामी 01 सितंबर से 07 सितंबर तक सघन अभियान चलाकर प्रथम चरण में प्रदेश के 20 जनपदों में निराश्रित गोवंश का संरक्षण कार्य कर जनपदों को छुट्टा गोवंश मुक्त घोषित किया जाए। अभियान की लक्ष्य पूर्ति के लिए जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और मंडलीय अपर निदेशक की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाए और कार्य में शिथिलता या लापरवाही बरतने पर तत्काल सख्त कार्यवाही की जायेगी। श्री सिंह ने कहा कि नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत 18 जनपदों में निर्धारित 621 समितियों के संचालन का कार्य 15 सितंबर तक पूर्ण कर लिया जाए और मिशन का लाभ प्रदेश के सभी जनपदों में पहुंचाने के लिए आवश्यक कार्ययोजना शीघ्र तैयार की जाए।
श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवम दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। श्री सिंह ने बैठक में पीसीडीएफ के डेयरी प्लांट्स के प्रभावी क्षमता उपयोगिता,पीसीडीएफ के पुनरोद्धार,पूर्वांचल क्षेत्र में डेयरी विकास को बढ़ावा देने तथा दुग्ध संघों/डेयरी प्लांट्स के संचालन एवम प्रबंधन हेतु तकनीकी जनशक्ति के अभाव के दृष्टिगत पीसीडीएफ की व्यवसायिक गतिविधियों में सहायता और मार्गदर्शन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है और हमें अपने उपलब्ध संसाधनों के माध्यम सेेेेेेेेेेेे दुग्ध उत्पादन को और आगे ले जाना है।
श्री सिंह ने कहा कि समितियों के गठन, सुदृढ़ीकरण एवं संचालन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जितनी अधिक संख्या में समितियों का गठन किया जायेगा उतना ही किसानों और पशुपालकों को लाभ होगा और दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। प्रदेश को 01 ट्रिलियन डालर की इकोनामी बनाने में दुग्ध विकास विभाग को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का भली भांति निर्वहन करना है और इसके लिए आवश्यक पीसीडीएफ द्वारा दुग्ध उपार्जन एवं दुग्ध उत्पादों की सभी संभावनाओं पर गंभीरता से कार्य किया जाए और एनडीडीबी से सहयोग स्थापित कर आवश्यक कार्य किया जाए।
श्री सिंह ने पशुधन विभाग की समीक्षा करते हुए निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल तक पहुंचाने, गोवंश के भरण पोषण की बेहतर व्यवस्था, ईयर टैगिंग कार्य, पशुधन बीमा,वर्षा ऋतु में गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था तथा हरा चारा बुआई के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुओं में ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाए। पशुधन की रोगों से सुरक्षा हेतु वैक्सीनेशन कार्य निरन्तर किया जाए और ईयर टैंगिग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
श्री सिंह ने कहा कि गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अधिकारी निराश्रित गोवंश हेतु गोआश्रय स्थलों में पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायंे सुनिश्चित करें। जिन जनपदों ने निर्धारित अवधि में हरा चारा बुवाई के लक्ष्य प्राप्त नहीं किया है, उससे शासन को अवगत कराया जाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि कहा कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्याे को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से करें। साथ ही गो-आश्रय स्थलों को आदर्श गो-आश्रय स्थल के रूप में विकसित करें।
बैठक मंे पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनन्द कुमार, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्र, पशुपालन विभाग के निदेशक डा0 पी0एन0 सिंह, अपर निदेशक डा0 जयकेश कुमार पाण्डेय, एल0डी0बी0 के डॉ नीरज गुप्ता, पीसीडीएफ की श्रीमती नयनतारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सम्पर्क सूत्र- निधि वर्मा
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