देवेंद्रनगर, जिला पन्ना (मध्यप्रदेश): ऐतिहासिक नगर देवेंद्रनगर में सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव ने स्थानीय नागरिकों के जीवन को संकट में डाल दिया है। योजना के अनुसार, दो किलोमीटर लंबी मुख्य सड़क को फोरलेन में बदलने के लिए सड़क के दोनों तरफ स्थित सभी मकानों को हटाना होगा। यह स्थिति शहर की स्थिरता को चुनौती दे रही है और शहरवासियों की चिंताओं को बढ़ा रही है।

स्थानीय निवासी चिंतित हैं कि सड़क चौड़ीकरण की योजना लागू होने पर अस्पताल, तहसील, स्कूल, नगर परिषद, प्रमुख मंदिर, रेंज ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, दूरसंचार ऑफिस और बन विभाग ऑफिस जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएं समाप्त हो जाएंगी। इसके परिणामस्वरूप, पूरा शहर वीरान हो सकता है और कई परिवारों को अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ सकती है। इस परिवर्तन से लोगों की रोजमर्रा की ज़िन्दगी, रोजगार, शिक्षा और अन्य सुविधाओं पर गंभीर असर पड़ेगा

इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, विधायक और सांसद ने केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बाईपास सड़क बनाने की मांग की है। बाईपास के निर्माण से शहर के मौजूदा ढांचे को सुरक्षित रखा जा सकेगा और यातायात की समस्या का समाधान भी हो सकेगा। नगर के उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ बाईपास निर्माण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है, लेकिन सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट नहीं हैं।

सड़क चौड़ीकरण की दिशा में अगर सरकार ने जोर दिया, तो शहरवासियों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। स्वतंत्रता के बाद से देवेंद्रनगर में रेलवे लाइन का निर्माण नहीं हुआ है, और वर्तमान में खजुराहो से सतना तक रेलवे लाइन निर्माणाधीन है, जो बहुत धीमी गति से चल रहा है। इस बीच, जब रेलवे सुविधा के आने से नगर के विकास की उम्मीदें जागी थीं, सरकार का यह कदम उनकी आशाओं पर पानी फेर सकता है।

नगरवासियों की मांग है कि बाईपास निर्माण को प्राथमिकता दी जाए और इस प्रस्ताव पर निर्णय लेते समय नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाए। यदि सड़क चौड़ीकरण पर अड़िग रहना जारी रहा, तो यह सौ साल पुराना शहर शमशान में बदल सकता है और कई परिवारों की जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं संकट में पड़ सकती हैं। सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव ने पिछले दो वर्षों से नागरिकों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। जिन लोगों ने मुश्किल से घर बनाया है, अब सरकार उनके सिर से छत छीनने की योजना बना रही है। एक ओर, सरकार गरीबों को पक्के मकान देने का प्रचार करती है, वहीं दूसरी ओर, लोगों को बेघर और बेरोजगार करने की योजना भी बना रही है। लोग इस संकट के कारण ठीक से सो भी नहीं पा रहे। जिन लोगों को मजबूरी में अपना मकान बेचना पड़ रहा है, उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे हैं। दूसरी ओर, सड़क से दूर अवैध कॉलोनाइजरों ने ज़मीनों के दाम आसमान छूते हुए हैं। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है; किसी को बच्चों की पढ़ाई, किसी को इलाज और किसी को शादी के लिए पैसे की जरूरत है, लेकिन कोई अपनी संपत्ति बेचने में असमर्थ है। इस सबकी जिम्मेदारी सरकार पर है।

**शहरवासियों की अपील है कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए और बाईपास निर्माण की योजना को प्राथमिकता दी जाए।**

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