मथुरा! समविद गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल, वात्सल्य ग्राम में "अलंकरण समारोह" का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय की सैन्य छात्राओं को अनेक उपाधियों से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी रितम्भरा एवं कर्नल रजत के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करते हुए किया गया। साध्वी रितम्भरा ने तेजस्विनी, तपश्वनी, ओजश्वनी यशश्वनी सदनों की घोषणा करते हुए दिव्या सारस्वत एवं नियति हरि को ओजस्वनी में तेजस्विनी शुभ्रा परमानंद कामाक्षी को मुगल को सनी नियति सिंह, खुशबू सिंह को तपस्विनी, नमामि गुप्ता और रक्षित द्विवेदी को सदन का हेड गर्ल बायस हेड गर्ल मनोनीत किया इसके साथ ही संस्कारम की हेड गर्ल निधि भारती,पर्यावरण की मिस्टी अग्रवाल, संस्कृतम् की वर्ग की वंशिका भारद्वाज पीड़ा, साईबर सिक्योरिटी वर्ग उर्मी सिंह तथा प्राथमिक वर्ग से सिया परमानंद, हर्षिता सिंघल को बायस हेड गर्ल मनोनीत किया गया। 19 सदस्यों की "समविद छात्र परिषद" विद्यालय के अनुशासन एवं सर्वांगनिक विकास के प्रत्येक गतिविधि में सहयोग प्रदान करेगी।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि संविद की बेटियों ने नेतृत्व स्वीकार किया है क्योंकि बेटियां भविष्य में देश,समाज और परिवार का भी नेतृत्व धारण करेंगे। क्या हम अपने अंदर के नेतृत्व करर्ता को जगा सकते हैं। भारत ने लोगों को रोजी-रोटी प्राप्त करने की शिक्षा तो दी किंतु जीने की विद्या देना भूल गया। जबकि हमारे यहां ऐसे धर्म ग्रंथ हैं जो जीवन को बदलने की सामर्थ रखते हैं, हमने अपने धर्म ग्रंथो का कभी पढ़ा ही नहीं यदि हम महापुरुषों की जीवनी को पढ़ते तो हमें कहीं भटकना ही नहीं पड़ता। हमें अपने अंदर सीखने की चाह पैदा करना चाहिए हम जहां भी जाएं जो भी अच्छा मिले उसे ग्रहण कर लेना चाहिए, हमें नेतृत्व चुनने के लिए अपने विवेक का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जैसी हमारी संगत होती है उसका वैसा ही प्रभाव पड़ता है वैसे ही हमारे विचार बनते हैं जैसे आकाश से गिरी बूंद शीप में गिरती है तो मोती बन जाती है और सर्प के मुख में गिरती है तो विष बन जाती है।इसी प्रकार हमारा सत्संग हमरी संगत का हम पर वैसा ही प्रभाव पड़ेगा। इसलिए हमें अपने चुनाव को बहुत ही सोच समझकर के चयन करना चाहिए। उन्होंने कहा हमें यदि सुखमय जीवन जीना है तो उन्हें अनेक अपने अंदर एक आनंद लहरी को प्रकट करना होगा, विद्यालय हमें दृष्टि देता है और हम इस दृष्टि से अच्छे बुरे की पहचान करते हैं और अपने जीवन को सफसल बनाते हैं, उन्होंने कहा विद्यालय निर्माण में सहायक है बेटियों का सैनिक विद्यालय मेरे जीवन का उद्देश्य था यह पूरा हो चुका है हमारा बचपन उत्साह उमंग से भरा होना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कर्नल रजत, कमांडिंग ऑफिसर 11 यूपी बटालियन एनसीसी मथुरा, ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सभी का सम्मान करना चाहिए किंतु किसी का गुलाम नहीं बनना चाहिए, हमें यदि विदेश में भी जाना पड़े तो अपनी संस्कृति,अपनी सभ्यता, अपनी भाषा,अपनी वेशभूषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें प्रत्येक परिस्थिति से लड़ने का साहस अपने अंदर पैदा करना चाहिए तथा कभी भी निराश नहीं होना चाहिए हमें सभी का सहयोग करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए और अच्छे से अच्छा करने का अभ्यास करना चाहिए हमें खाली समय में सदैव महापुरुषों की जीवनी पढ़ना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए देश हमारे लिए सब कुछ है हमें अपने देश पर सर्वस्व समर्पित करने का अपने मन में भाव रखना चाहिए।
इस अवसर पर एजुकेशन डायरेक्टर नूतन चंद्रा, प्रधानाचार्य डॉक्टर कल्याणी दीक्षित, वैशिष्टयम की प्रधानाचार्य मीनाक्षी अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। संचालन प्रतिष्ठा शुक्ला, भव्या सिंह, सृष्टि मिश्रा ने किया।
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