हाथरस हादसे के बाद भी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण की के लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से ले रही है जिले के साथ प्रदेश मुख्यालय मै बैठे अधिकारी रात दिन योजना बना रहे है कि किस प्रकार तीर्थ की मर्यादा को बचाते हुए भीड़ को नियंत्रित किया जाय किंतु राजनीति के कुचक्र मैं फंसे लोग कही ना कही प्रशासन की मेहनत को पलीता लगाने की चाल चलते रहते है। सोसल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो जांच का विषय है कव और किसने बनाया वीडियो मैं जो दिख रहा है उसके अनुसार शायद ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी के लिए कोई सरकार की कढ़ी मेहनत कोई मायने नहीं रखती है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो का दृश्य कुछ इस तरफ ही इशारा करता दिखाई दे रहा है।
वायरल वीडियो में एक सेवायत गोस्वामी मंदिर के जगमोहन से श्रद्धालुओं के बीच नोट लुटाते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह वीडियो 8 जुलाई का बताया जा रहा है, जोकि पांच दिन पहले एक गोस्वामी की इंस्टा आईडी से पोस्ट किया गया है। इसमें सेवायत गोस्वामी के नोट लुटाते समय श्रद्धालुओं की भीड़ में भी प्रसादी के रूप में नोट लूटने की होड़ लगी हुई है।
मंदिर से जुड़े सेवायत गोस्वामी बताते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, बिहार पंचमी और राधा अष्टमी जैसे पर्वों पर मंदिर में फल, वस्त्र, मिष्ठान, खिलौने, पैसे लुटाने की परंपरा है, लेकिन आम दिनों में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। एएसपी/सीओ सदर कुंवर आकाश सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ को नियंत्रण करने को लेकर योगी सरकार काफी गंभीर है। इसी के चलते कुछ दिन पहले ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार तक वृंदावन आए। यहां भीड़ नियंत्रण के लिए पूरा निरीक्षण किया। अब सवाल खड़ा होता है कि नोट लुटाते हुए भगदड़ मच जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। जबकि पुलिस और मंदिर प्रशासन के गार्ड हर समय मंदिर में मुस्तैद नजर आते हैं। इनमें से किसी ने भी गोस्वामी को नोट लुटाने के लिए रोकने की जहमत तक नहीं उठाई। अगर जल्द ही ऐसी प्रथा पर रोक नहीं लगाई गई तो बड़ा हादसा होने से कोई नहीं रोक सकता। पुलिस प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा।
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