जौनपुर। नि:शुल्क पाठशाला बच्चों ने कारगिल शहीदों को किया याद
मनाया गया कारगिल विजय दिवस
मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। नगर में स्थित नि:शुल्क पाठशाला में शुक्रवार देर शाम को बच्चों ने कारगिल विजय दिवस मनाया और शहीदों को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए याद किया। पाठशाला परिवार द्वारा कारगिल युद्ध की गाथा के बारे में विस्तार से समझाया।
कारगिल विजय दिवस पर पाठशाला परिवार द्वारा आयोजित विजय दिवस पर बच्चों को संबोधित करते हुए पाठशाला संचालक पत्रकार सूरज विश्वकर्मा ने बताया कि कारगिल विजय दिवस भारत के सैन्य इतिहास में एक गौरवशाली दिन है। कारगिल वह क्षेत्र है, जहां भारत और पाकिस्तानी सेना ने युद्ध किया और पड़ोसी मुल्क के कब्जे से कारगिल द्रास क्षेत्र को आजाद कराया। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ विजय गाथा लिखी। भारत-पाकिस्तान की इस सैन्य जंग को इतिहास में विजय के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है और हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भारत वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करता है जिन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा की।पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने नापाक चाल चलते हुए कश्मीर और लद्दाख के बीच लिंक तोड़ने और अशांति पैदा करने के लिए, उत्तरी कारगिल में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय इलाके में घुसपैठ की और ऊंची पहाड़ी के चोटियों पर कब्जा कर लिया।
जब भारत को घुसपैठ का पता चला, तो भारतीय सेना को 'ऑपरेशन विजय' शुरू करना पड़ा और कारगिल युद्ध हुआ। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 तक चला। करीब दो महीनों तक दुर्गम पहाड़ी इलाके में भीषण युद्ध चला। 'ऑपरेशन विजय' के तहत भारतीय सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में कामयाब रही और टाइगर हिल और दूसरे रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया। 26 जुलाई, 1999 को तीन महीने के संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों ने ये जीत हासिल की। युद्ध में भारत की जीत, भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल विजय दिवस का आयोजन राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का भी एक सशक्त प्रतीक है। कारगिल युद्ध ने भारत के सभी कोनों से लोगों को सेना के समर्थन में एकजुट किया।इसके अलावा, युद्ध की बहादुरी और वीरता की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं, उनमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करती हैं। कारगिल विजय दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि शहीदों के बलिदानों को भुलाया न जाए। कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए वीर सपूतों को याद किया और उन्हें अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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