मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद लखीमपुर खीरी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण भी किया तथा शारदा नगर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार और जिला प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में तत्पर हैं। प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का जीवन हमारे लिए अमूल्य है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपदा के इस समय में सरकार पूरी तत्परता व प्रतिबद्धता से आपके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नदी और तटबंध के बीच बसे लोग यदि सहमति देंगे, तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाया जाएगा। राज्य सरकार ने जनपद में पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना की एक मॉडल कॉलोनी विकसित करने का कार्य किया है। यदि लोग अपनी सहमति देंगे, तो बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए इसी प्रकार की कॉलोनी विकसित करने का कार्य किया जाएगा। यदि किसी का मकान कटान के चलते नदी में विलीन हो गया है, तो राज्य सरकार उसे न केवल आवास के लिए भूमि का पट्टा देगी, बल्कि उसके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से आवास की भी व्यवस्था की जाएगी। जब तक आवास की व्यवस्था नहीं होती, तब तक ऐसे लोगों को प्रदेश सरकार की ओर से संचालित शरणालयों में जगह दी जाएगी। किसी को बेघर नहीं रहने देंगे। राज्य सरकार लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में कार्य कर रही है। जनप्रतिनिधिगण व जिला प्रशासन आपस में सामंजस्य बनाकर लगातार कार्य कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को जरूरी सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट को पहले से ही सक्रिय किया गया है। पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था के साथ राहत सामग्री का पर्याप्त इंतजाम है, जो भी बाढ़ की चपेट में आया उन्हें पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री दी जा रही है। प्रत्येक राशन सामग्री किट में 05 किलोग्राम लाई, 02 किलोग्राम भुना चना, 01 किलोग्राम गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 पैकेट माचिस व मोमबत्ती, 02 नहाने के साबुन, 20 लीटर का 01 जरीकेन पेयजल हेतु, 01 तिरपाल, 10-10 किलोग्राम आटा व चावल, 02 किलोग्राम अरहर दाल, 10 किलोग्राम आलू, हल्दी, मिर्च, सब्जी मसाला, 01 लीटर सरसों का तेल तथा नमक प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ में डूब गई हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण शुरु करा दिया गया है। ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि सभी प्रभावित किसानों को समय से फसल का मुआवजा मिल जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि आपदा में किसी की मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को 04 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाए। सांप या अन्य हिंसक पशुओं के हमले में हुई मृत्यु पर भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसके परिजन को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये की सहायता तत्काल उपलब्ध करायी जाए। पशु हानि पर राज्य सरकार की ओर से प्रभावित को अनुमन्य आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन घरों में बारिश का पानी घुस गया है, उन परिवारों के भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भूसे-चारे का संकट न हो, इसके लिए प्रशासन को निर्देश दिए गये हैं। बाढ़ के समय सांप व अन्य जहरीले जन्तुओं तथा कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एण्टी रेबीज वैक्सीन व एण्टी स्नेक वेनम उपलब्ध रहे। बीमारियों की आशंका को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ओ0आर0एस0 के पैकेट बांटने के निर्देश दिए गये हैं, ताकि लोगों को इन बीमारियों से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। साथ ही, पेयजल को शुद्ध रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्लोरीन टैबलेट बांटी जाएं।
इसके पश्चात, मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबन्धन की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस समय लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। सभी अधिकारी सक्रिय रहे। बाढ़ से जनजीवन की सुरक्षा के लिए गत वर्षां में अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर समन्वय, प्रबन्धन व त्वरित कार्य से बाढ़ की स्थिति में लोगों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बाढ़ की स्थिति की नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जाए। एस0डी0आर0एफ0 और पी0ए0सी0 फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबन्धन की टीमें 24x7 एक्टिव मोड में रहे। अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त राहत सामग्री का रिजर्व स्टॉक रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ के दौरान और बाढ़ के बाद बीमारियों के प्रसार की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट-क्लोरीन टैबलेट, ओ0आर0एस0 इत्यादि की उपलब्धता होनी चाहिए। बुखार आदि की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। सर्पदंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सीय सहायता प्राप्त हो। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार बाढ़ प्रभावितों को हर सम्भव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ प्रभावित ग्राम सौहरिया का निरीक्षण भी किया।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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