उत्तर प्रदेश ।कुछ अच्छा हो ये कोशिश निरंतर चल रहा है समाज को एक नई दिशा और दुनिया भर के झोल - झमेल से हटकर कर्म करें और परिवर्तन की राह को कभी न छोड़े । 
 इसी को देखते हुए माधवपुर में स्थित लगभग ढ़ाई सौ साल वर्ष पुराना मंदिर बाबा फलाहारी दास जी के समाधि स्थल पर गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर पूजा - पाठ के बाद मंदिर के महराज एवम ग्राम वासियों के साथ लगभग 60 वृक्षों का ( शीशम और सागवान )तालाब के किनारे वृक्षारोपण किया गया । श्री कमला बाबा धाम ट्रस्ट के सचिव व बसखारी प्रखण्ड अध्यक्ष कुमार वीरेन्द्र ने बताया की अब तक वो 80 वृक्षों को स्वयं के हाथों से लगा चुके और अपने किसी भी शुभ अवसर पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का प्रयास करते हैं तथा और लोगो को संदेश देने का भी कार्य करते हैं की फालतू खर्च करने से अच्छा है सदियों तक आक्सीजन तथा जीवन दान देने वाले वृक्षों को लगाया जाय । वैसे जिले में लाखों वृक्ष लगाने के आदेश हर वर्ष आते हैं सरकार के द्वारा अधिकारियों एवम वरिष्ठ नेताओं सहित जन मानस तक हां वो अलग बात है की 35 लाख का आदेश आने पर सिर्फ एक दो लाख तक दिख जाता होगा जमीन पर लगे वृक्षों की संख्या ,संत श्री कमला ब्रह्मदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री श्याम जी महराज ने बताया की ये हमारा सौभाग्य है की गुरु पूर्णिमा पर गुरु के अच्छे आचरण को धारण कर लोगों के हितकर सोच पाना ही परम सौभाग्य है हम ट्रस्ट के माध्यम से हमेशा प्रयास रत रह रहे हैं वृक्ष लगाने को ।
    गुरु की महिमा मैं ही क्या कोई बखान नही कर सकता अर्थात गुरु के महिमा को जितना कहा जाय उतना ही कम है 
अंधकार को कहत गु, रु विनाशक नाम |
अंधकार को जो हरे वही गुरु सुख धाम ||
गुरु ने कभी स्वयं को बेहतर बनाने के लिए कभी कार्य नही करते बल्कि अपने शिष्यों को , समाज को , यहां तक की पूर्ण रूप से ज्ञान हीन को भी दिशा दिखाने तथा उसको माया रूपी अंधकार से हमें प्रकाश की ले जाने में कोई कसर नही छोड़ते ,गुरु हमेशा सीख और शिक्षा देने का कार्य करते हैं लेकिन सीख लेने वाले लोग क्या कर रहे हैं , क्या वो उस गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान को कहां तक पहुंचा पाते हैं या फिर हम कह सकते हैं की सिर्फ दिखावे मात्र रह सा गया है । 
     वैसे तो आज गुरु पूर्णिमा है और बधाई देंने वाले सुबह उठते ही एक स्टेट्स,या सोशल मीडिया पर बधाई व शुभकमानाओं से भर देते और ऐसा कोई कार्य नही करते जिससे गुरु की महिमा स्वयं से दिख पड़े , गुरु ने एक बेहतरीन सीख दिया है ऐसा मिसाल खुद ब खुद दिखे । गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर फलाहारी दास जी के समाधि पर उपस्थित रहे निषाद समाज के कथा वाचक व प्रचारक आचार्य विजयानंद निषाद महाराज , और मंदिर के महंत  मधुवन निषाद , डीह भियांव के रवींद्र निषाद महराज , गोहनारपुर के निवासी प्रधानाध्यापक लाल निषाद , माधवपुर के निवासी लालमन निषाद महाराज और रघुराज निषाद ,रवि निषाद ने प्रसन्नता जाहिर किया वृक्षारोपण करते ।

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