-60 को मिला कम्प्यूटर प्रशिक्षण, 15 कर रहे विभिन्न कम्पनियों में नौकरी
बलरामपुर। दिव्यांगों के जीवन में सुधार लाने के बहुत सारे प्रयास हो रहे हैं। इनमें से कुछ सरकार की तरफ से तो कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आकर इनके जीने के दृष्टिकोण में बदलाव लाकर समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं। जिससे दिव्यांग आत्मनिर्भर बन अपने व परिवार की आजीविका भी चला रहे हैं।
जिले में दिब्यांगों के लिए काम कर रही गिफ्टएबल्ड फाउंडेशन नवाचार के द्वारा उनमें आत्मविश्वास की भावना प्रेरित कर प्रशिक्षण देकर रोजगार दे रही है। गिफ्टएबल्ड कलेक्ट्रेट मोड़ धुसाह के प्रशिक्षण केन्द्र में स्वास्थ्य, स्वतंत्रता और लर्नेबल जैसे कार्यक्रम चला रही है। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रशिक्षक दिव्यांग जनों को विकसित कर स्वरोजगार दिलाने का प्रयास करते हैं। स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 0 -14 साल तक के दिव्यांग बच्चों को विकसित करने का काम कर रहे हैं जिसमे थैरेपी, समावेशी शिक्षा और मेडिकल सहयोग प्रदान करके उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है। अब तक करीब 120 दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ दिया जा चुका है। संस्था के कई स्वयंसेवी गांव गांव में समुदाय के बीच भी जाकर शिक्षा, थेरेपी, स्वास्थ्य और जागरूकता के लिए काम कर रहे हैं। स्वतंत्रता कार्यक्रम के अंतर्गत जो दिव्यांग शिक्षित नहीं है और 18 साल पूरे कर चुके हैं, उन दिव्यांग लाभार्थियों को बैग, लैपटॉप बैग, स्कूल बैग, पीपी बैग और स्कूल ड्रेस, केले के फाइबर का प्रशिक्षण देकर उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने और रोजगार के अवसर प्रदान करने का काम किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में अब तक करीब 200 से अधिक दिव्यांगों को संस्था के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है जिसमें 30 से ज्यादा दिव्यांग स्वरोजगार और संस्था में कार्य कर रहे हैं। प्रशिक्षण केन्द्र में लर्नेबल्ड कार्यक्रम के तहत जो दिव्यांग शिक्षित है, उन्हें निःशुल्क कंप्यूटर, इंग्लिश क्लास और साथ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। इस योजना में लगभग 60 से अधिक दिव्यांगों को अभी तक सुविधा प्रदान किया गया है। जिसमें लगभग 15 दिव्यांग बच्चे अलग-अलग सेक्टर और संस्थान में नौकरी कर रहे हैं। गिफ्टएबल्ड फाउंडेशन के सदस्य संतोष, हरिप्रकाश ने बताया कि हम ऐसे व्यक्तियों का समुदाय स्थापित करके एक समावेशी समाज बनाने के लिए समर्पित हैं जो हमारे दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं। हम एक ऐसी दुनिया की पुरज़ोर वकालत करते हैं जहाँ विकलांग लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में समान अवसर मिलें। हमारा लक्ष्य नवाचार को बढ़ावा देना और विकलांग लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी सुधारों को उत्प्रेरित करने के लिए समावेशन को गति देना है। उन्होने बताया कि यदि कोई भी दिव्यांग संस्था से जुड़कर आत्मनिर्भर बनना चाहता है तो उसका स्वागत है, उसे संस्था हर संभव सहायता निःशुल्क उपलब्ध करवाती है।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
वी. संघर्ष की रिपोर्ट
9452137917
बलरामपुर।
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