संवाददाता रणजीत जीनगर 

सिरोही।  बामसेफ,  राष्ट्रगुरु संत रविदास क्रांति मोर्चा, प्रोफेसर टीचर एवम नॉन टीचिंग स्टॉफ,भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर,भारतीय विद्यार्थी मोर्चा एवम इसके ऑफ सूट संगठन, जय भीम रैगर समिति  एवम अन्य सामाजिक संगठनों के  प्रतिनिधियो ने सबसे पहले संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की सिरोही स्थित प्रतिमा  पर   माल्यार्पण कर  गई गुरु पूर्णिमा मनाई।* *भारत मुक्ति मोर्चा एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक एडवोकेट मान्यवर सुंदरलाल मोसलपुरिया ने बताया कि सभी लोगों को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर संत शिरोमणि गुरु रविदासजी महाराज के बताएं रास्ते पर चलने का संकल्प लिया*, इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी प्रोटॉन के मान्यवर तोलाराम फाचरिया ने बताया की संत रविदास अपने समय के व्यवस्था विद्रोही कवि थे।  जय भीम रैगर समिति के प्रभारी मान्यवर प्रवीण जाटोलिया ने संत रविदासजी के विचार रखे जिसमे *अशिक्षा, जातिवादी उच्च- नीच, छुआछूत, सामाजिक  कुप्रथाओ,मृत्यु भोज, पाखंड- अंधविश्वास को छोड़कर भय मुक्त होकर मानवता तार्किकता और वैज्ञानिक टेंपरामेंट को बढ़ाने के लिए समाज को जागरूक करना अति आवश्यक है,  । इसके बिना सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक और राजनीतिक समझ नहीं बढ़ेगी तब तक समाज का उद्धार संभव नहीं है। इस पर अपनी बात रखी।  भारतीय विधार्थी मोर्चा एवम इनके ऑफ़ सूट संगठनो के प्रदेश सह प्रभारी मान्यवर सुरेश कुमार नोगिया ने बताया की किस निर्मम तरीके से  संत रविदास जी की व्यवस्था के विरोध में वाणी की वजह से हत्या की गई । इस मौके पर तोलाराम फाचरिया, सुरेश कुमार नोगिया, संजय नारोलिया, प्रवीण जाटोल,प्रोफेसर मनोजकुमार चौहान हेमंत सुखाडिया, संदीप सुर्याल, शंकरलाल, अश्विन, नारायणलाल, मनोज कुमार जाटोल, मयंक कलावंत इत्यादि दर्जनों लोग उपस्थित रहे एवम अपने अपने विचार रखे।*

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