गोरखपुर l:- बड़हलगंज।बड़हलगंज में स्वास्थ्य विभाग की नाकामी के कारण मरीजों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है।झोलाछाप डॉक्टरो का अम्बार लगा हुआ हैं।गैर सरकारी आंकड़ों में ऐसे डॉक्टरों की संख्या ज्यादा है।झोलाछाप डॉक्टर्स के क्लीनिक पर हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई।बिना डिग्री के यह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और उन्हें दवाइयां दे रहे हैं।पत्रकारों द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर डिग्री नहीं दिखा सके। कुछ तो ऐसे थे, जो डिग्री मांगने पर तो दवा बेचने का लाइसेंस दिखाने लगे।बड़ा सवाल यह है कि विभाग ने रिपोर्ट बनाने के बाद भी इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की? इलाज के दौरान मौत के मामले सामने आने के बाद भी फर्जी डॉक्टर अपनी दुकानें चला रहे हैं।यह डॉक्टर हर दिन मरीजों की सेहत से खेल रहे हैं।फर्जी डॉक्टर जो कम रेट की दवाइयां होती हैं उसे दवाई का रेट बड़ा कर लेते हैं सब जिससे मरीज दवाई लेने में असमर्थ होता है।मरीज दवाइयों और इलाज के नाम की ठगे जा रहे हैं।यदि इस हिसाब से महीने की कमाई देखें तो यह आंकड़ा लाखों रुपए बैठता है।
*बड़हलगंज नगर पंचायत में फर्जी डॉक्टरों पर नहीं हुई कार्रवाई,* बड़हलगंज नगर पंचायत में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।मरीजो द्वारा बताया जाता है कि फर्जी नर्सिंग होम खोलकर डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं और इलाज के नाम पर मरीज से पैसा टने का काम करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़हलगंज में फर्जी डॉक्टरों का अंबार लगा हुआ है जिसमें आए दिन मैरिज प्रताड़ित होते हैं और फर्जी नर्सिंग होम खोल कर बैठे हुए हैं अधिकांश लोगों के पास तो बिना डिग्री का भी अस्पताल चल रहा है अगर बात करें तो दो-तीन अस्पताल छोड़कर सभी अस्पतालों में बिना डिग्री के एमडी हो या एमबीबीएस और सर्जन के नाम पर जनता से या मरीजों से ठगी किया जाता है और मरीज को बहला फुसला कर लाया जाता है।इलाज के नाम पर उनसे पैसा यैठने का काम किया जाता है।बड़हलगंज में झोलाछाप डॉक्टरों ने क्लीनिक खोल रखे हैं। ये झोलाछाप सर्दी जुकाम से लेकर हादसे में घायलों तक के इलाज कर देते हैं।झोलाछाप डॉक्टरों ने क्लीनिक में फर्जी डिग्री टांग रखी है।मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
*विभाग के कुछ कर्मचारियों के झोलाछाप से मिले होने को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल*
क्या स्वास्थ्य विभाग इन फर्जी डॉक्टरों को बचा रहा है।सवाल इसलिए है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग अब तक छापे मार चुका है लेकिन एक झोलाछाप डॉक्टर भी नहीं पकड़ा गया।सूचना मिलने से पहले ही डॉक्टर क्लिनिक बंद करके फरार हो जाता है।इसका सीधा मतलब यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी इन फर्जी डॉक्टरों से मिले हुए हैं।

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