दुकानों पर नाम लिखने से बढ़ेगा भाईचारा, विपक्ष कर रहा विभाजनकारी राजनीति : स्वाती सिंह
पूर्व मंत्री ने कहा, कांग्रेस ने क्यों बनाया यह नियम
लखनऊ, 21 जुलाई । सिर्फ विभाजन के सहारे अपनी राजनीति को चमकाने वाले कुछ लोगों को दुकानों पर नाम लिखने में भी विभाजनकारी दिखने लगा है। यह तो हर व्यक्ति का अधिकार है कि वह किसकी दुकान से सामान लिया, यह जाने। इससे लूट-खसोट में भी कमी आएगी। ग्राहक यह जानेगा कि हमने किसकी दुकान या ठेलिया से सामान लिया था। इससे भाईचारा और अधिक बढ़ेगा। ये बातें पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता स्वाती सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि क्या कोई व्यक्ति किसी का धर्म जान जाएगा तो उससे उसकी दुश्मनी हो जाएगी। यह तो घृणित सोच है। इसके विपरित यदि कोई नाम न जानकर लिया है और बाद में उसको झूठ का पता चले तो उसके मन में घृणा आएगी। हर दुकान पर प्रोपराइटर का नाम लिखने का नियम भी मनमोहन सिंह सरकार के समय से ही बना है। भाजपा ने तो सिर्फ उसको लागू कराने का काम किया है।
स्वाती सिंह ने कांग्रेस से पूछा कि वे बताएं कि वे नियम सिर्फ फाइलों में रखने के लिए बनाते थे। यह नियम बनने के बाद ही इसे लागू हो जाना चाहिए। कांग्रेस को तो इसका स्वागत करना चाहिए। अभी कोई भी देख सकता है कि किसी का धर्म जानने से कोई वहां न जाय। यह तो विपक्ष इसको हवा दे रहा है कि हिंदू दूसरे धर्म के लोगों के यहां खरीदारी न करे।
स्वाती सिंह ने कहा कि धर्म और जाति के नाम का हवा देकर विपक्ष वर्ग विशेष को भड़काने का काम कर रहा है। हकीकत तो यह है कि धर्म यात्रा पर निकले लोगों को धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता हे। वे जब स्पष्टतया आगे वाले का धर्म जानकर उसके यहां जाएंगे तो उसमें प्रेम और ज्यादा उमड़ेगा।
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