केंद्रीय बजट 2024-25 एमएसएमई क्षेत्र के लिए किए गए विशेष प्रावधान
-एमएसएमई मंत्री राकेश सचान
लखनऊ: 23 जुलाई, 2024
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री सीता रमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट 2024-25 को एक सर्वस्पर्शी और विकासोन्मुखी बजट बताया। इस बजट में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
सबसे प्रमुख घोषणा एक नई क्रेडिट गारंटी स्कीम की है, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों को कोलेट्रल फ्री ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए एक स्व-वित्तपोषित गारंटी फंड स्थापित किया जाएगा, जो प्रत्येक उधारकर्ता को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर प्रदान करेगा। इस पहल से उन छोटी इकाइयों को लाभ मिलेगा जो अपरिहार्य कारणों से समय पर ऋण चुकता नहीं कर पा रही हैं, और इससे उनके खातों को एनपीए (छवद-च्मतवितउपदह ।ेेमज) होने से भी बचाया जा सकेगा।
वर्तमान में, एमएसएमई इकाइयों को विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त करने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव उनकी आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए बजट में एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पेश किया जाएगा, जो डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर ऋण की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। यह नई प्रणाली बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेगी, जो अब तक परंपरागत रूप से असेट्स और टर्नओवर के आधार पर ऋण देती रही हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। यह सुविधा उन इकाइयों के लिए होगी जिन्होंने पूर्व में लिए गए ऋण को तय समय सीमा में चुकाया है।
एमएसएमई क्लस्टर्स में अगले तीन वर्षों में सिडबी की 24 नई शाखाएँ खोली जाएंगी, जिससे एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। ट्रेड्स (ज्तंकम त्मबमपअंइसमे क्पेबवनदजपदह ैलेजमउ) प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण की सीमा को वर्तमान 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दी गई है, जिससे अधिक एमएसएमई इकाइयाँ इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो सकेंगी और आसानी से क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगी।
पीपीई मॉडल (च्नइसपब-च्तपअंजम म्दजमतचतपेम डवकमस) पर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब विकसित किए जाएंगे, जो एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने में मदद करेंगे। इन हब्स के माध्यम से छोटे व्यवसायों को निर्यात और व्यापार से संबंधित सेवाएँ भी प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, 100 एनएबी (छंजपवदंस ।बबतमकपजंजपवद ठवंतक) मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी, जो खाद्य प्रसंस्करण संबंधित इकाइयों को उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षण सेवाएं प्रदान करेंगी।
अंततः देश की 500 बड़ी कंपनियों में अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने उद्यम शुरू करने के लिए तैयार हो सकें। ये प्रावधान एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने और देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सम्पर्क सूत्र- अमरेश कुमार/धर्मवीर खरे
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