वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीभागवत निवास में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ से भागवताचार्य जयंती नन्दन शरण मयूर कृष्ण महाराज (प्रभुजी) ने भक्तों-श्रृद्धालुओं को चतुर्थ दिवस की कथा के अंतर्गत वामन अवतार, श्रीरामावतार एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराई।
भागवताचार्य जयंती नन्दन शरण मयूर कृष्ण महाराज (प्रभुजी) ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब अधर्म बढ़ता है और धर्म की हानि होने लगती है,तब-तब अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की रक्षा व पुनःस्थापना के लिए भगवान नारायण पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।इसीलिए वे तारणहार कहे जाते हैं।
उन्होंने भगवान के दिव्य स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने ब्रज में अवतार लेकर पूरब से लेकर पश्चिम तक धर्म की स्थापना के लिए समस्त राक्षसों का उद्धार कर सभी जीवों को सुख प्रदान किया।
महोत्सव के अंतर्गत नंदोत्सव की अत्यन्त नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े एवं वस्त्र आदि लुटाए गए।इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्म से संबंधित बधाइयों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।
महोत्सव में संत जय किशोर शरण महाराज, बालव्यास हरिशरण महाराज, भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी, डॉ. सतेन्द्र जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, कथा के यजमान मुख्य यजमान पंकज बिंद्रा, मीनाक्षी बिंद्रा, रोहिन बिंद्रा, कांता - सुभाष बंसल, ब्रजबाला - लाजपत राय बंसल, जितेन्द्र अग्रवाल, उर्मिल-उमेश बंसल ,आशा-आनंद किशोर अग्रवाल, अमित, नीलांजनी, शोभा मित्तल, गुंजन अग्रवाल,गोपिका शर्मा, पुष्कर अग्रवाल, रामानुज शर्मा, संत जुगल दास महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, नयन कृष्ण आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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