उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ आश्रय पर करोड़ों रुपऐ खर्च कर रही है। लेकिन विकास खण्ड गैडास बुजुर्ग अंतर्गत ग्राम पंचायत छीतर पारा के पुरवा घोड़चढ़ी डीह में गौआश्रय संचालित है।इस गौआश्रय में बड़ी संख्या में गाय व साड़ उपलबध होने के कारण इन जानवरों को चारा, पालिस, और दाना न देकर केवल इनको सूखा भूसा दिया जाता है इसीलिए ये जानवर भूखऔर प्यास से कई   जानवरों की मौत हो गई हैं।और ग्राम प्रधान,ग्राम सचिव की मिली भगत के चलते मरे हुए जानवरों को उसी गौआश्रय के प्रांगण में  रात्रि के समय गड्ढा खोदवा कर इन मरे हुए जानवरों को गड़वा दिया जाता है। ताकि किसी को इसका पता तक न चल सके। इस समय गौआश्रय के नाम पर लूट मची हुई है। गांव वालों का कहना है, 
कि रात्रि के समय कोई भी टैकयर गौशालय पर नहीं रहते हैं और ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव की लापरवाही के चलते गौशालाओं में कई गायों की मौत भी हो चुकी है। मरे  हुए गायों को गड्ढा खोदकर उसी गौशाला के प्रांगण में गाड़ दिया जाता है। इन गड्ढों में दबाई गई बहुत से गायों का सींग बाहर एक दम साफ़ दिखाई दे रहा है। मरने वाले गायों का मेडिकल क्यों नहीं हो रहा है। इस समय गौआश्रय को संचालित करने वाले ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव मालामाल हो रहे हैं। ग्राम प्रधान का कहना है कि गाय मरती है तो मरने दो। इन सब बातों को लेकर शासन प्रशासन सब मौन है। गांव वालों का कहना है कि अगर किसी भी गाय को आम आदमी लाठी डंडों से मार दे,तो उसके ऊपर प्रशासन की लाठी बरसने लगती है। लेकिन गौशालाओं में इन भूखे प्यासे बीमार गाय मर रही है। इसको देखते वाला कोई नहीं है।

              हिन्दी संवाद न्यूज़ से
            असगर अली की रिपोर्ट
             उतरौला बलरामपुर। 

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