राजकुमार गुप्ता
 मथुरा।वृंदावन,गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में वर्तमान में  गायन, वादन, कत्थक, अभिनय के साथ रासलीला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से चल रहा है। एन के ग्रुप कार्यशाला और मंचन का सह प्रायोजक है।

यह प्रशिक्षण 25 मई से 25 जून तक चलेगा। अकादमी के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना  के निर्देशन में ये कार्यशाला रोजाना प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक सुचारू रूप से चल रही है। ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा.उमेश चन्द्र शर्मा का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। कार्यशाला का संयोजन और समन्वय  चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कत्थक नृत्यांगना डॉ मीरा दीक्षित के निर्देशन में बालक व बालिकाओं को कत्थक सिखाया जा रहा है। डा मीरा दीक्षित जी 25 वर्ष भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ में संगीत की ऐसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं। वृंदावन से विभिन्न इंटरमीडिएट कॉलेज के लगभग 35 छात्र-छात्राएं उक्त रासलीला का प्रशिक्षण पूर्ण मनोयोग से प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क है। इस प्रशिक्षण में 'गोपीगीत' महारास के पदों पर गायन, वादन, नृत्य व अभिनय  सिखाया जा रहा है। हारमोनियम पर  आकाश शर्मा, तबला एवं पखावज पर सुनील कुमार पाठक, सारंगी पर  मनमोहन कौशिक, गायन में  धनंजय शर्मा एवं वंशी पर  दीनानाथ चरण दास तथा थ्योरी/स्क्रिप्ट पर  जगदीश प्रकाश पथसारिया प्रशिक्षण दे रहे हैं। 

प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षित छात्र/छात्राओं द्वारा 26 जून को वृंदावन में महारास 'गोपीगीत' का मंचन किया जाएगा। गोपीगीत के रचयिता एनके ग्रुप के एमडी  कपिल देव उपाध्याय के पिता कविवर स्व छैल बिहारी उपाध्याय हैं। विदित हो कि विगत वर्ष भी रासलीला प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

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