मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में बरसाना रोपवे का काम तेज हो गया है। बरसाना में बहुप्रतीक्षित रोपवे का कार्य अंतिम चरण में है और मंगलवार को यहां दो ट्रालियां का ट्रायल भी किया गया। हालांकि ट्रायल की यह शुरुआती प्रक्रिया है इसके बाद लोड ट्रायल भी किया जाएगा जिसके3 बाद ही आम श्रद्धालु भी उड़न खटोले में बैठकर राधारानी मंदिर पहुंच सकेंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश में चित्रकूट और विंध्याचल के बाद बरसाना तीसरा केंद्र होगा जहां श्रद्धालु उड़न खटोले की सुविधा का आनंद लेंगे। 2016 से बहुप्रतिक्षित रोपवे का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और मंगलवार को दो ट्रॉलियां का ट्रायल रन भी कराया गया।
हालांकि, रोपवे ट्रायल की यह पहली प्रक्रिया है इसके बाद लोड टेस्टिंग भी कराई जाएगी, जिसके बाद ही रोपवे का संचालन श्रद्धालुओं के लिए किया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर रोपवे का निर्माण करने वाली कंपनी श्रीराधारानी रोपवे प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अभय अवस्थी ने बताया कि रोपवे निर्माण का काम पहले तो 3-4 साल तक इनवायरमेंट से संबंधी एनओसी नहीं मिलने के कारण लेट हुआ। उसके बाद कोविड के चलते भी इसके कार्य में विलंब हुआ। उन्होंने बताया कि अब लगभग कार्य पूरा हो चुका है और ट्रायल किया जा रहा है। फिलहाल दो ट्रॉली का अप और डाउन दोनों पर ट्रायल रन किया गया। हालांकि, यह अभी शुरुआती ट्रायल की प्रक्रिया है।
डायरेक्टर ने बताया कि अभी लोड टेस्टिंग आदि भी होंगी। इसके बाद ही रोपवे का संचालन आम श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रोपवे के लिए टिकिट विंडो बनकर तैयार है। अभी यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टॉयलेट ब्लॉक, ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन और बच्चों के लिए प्ले एरिया डवलप करना है। उन्होंने बताया कि फाइनल ट्रायल के बाद यहां 12 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा और प्रत्येक ट्रॉली में 6 श्रद्धालु बैठ सकेंगे। इसे मंदिर तक पहुंचने में करीब 4-5 मिनट का समय लगेगा।
अभय अवस्थी ने बताया कि रोपवे की लंबाई 210 मीटर जबकि ऊंचाई 48.85 मीटर है। टिकिट शुल्क को लेकर उन्होंने बताया कि अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन जाना और आना दोनों तरफ की टिकट का शुल्क 110 रुपये के लगभग होगा। रोपवे का संचालन मंदिर खुलने और दर्शनों की टाइमिंग के अनुसार किया जाएगा।
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