मथुरा।6 जून परियोजना अधिकारी यूपीनेडा एस.के.वर्मा ने अवगत कराया है कि पी०एम० कुसुम सी-2 योजनान्तर्गत जनपद की 05 तहसीलों के चिहिन्त 28 विद्युत सबस्टेशनो के पृथक-पृथक फीडर का सोलराईजेशन करके 81.1 मेगावाट बिजली का उत्पदान करने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है। इनमे सबसे बड़ा रेस्को मोड सोलर पावर प्लान्ट तहसील छाता के शेरगढ़ में 7.3 मेगावाट तहसील महावन के बरौली में 6.2 मेगावाट, तहसील मॉट के नौहझील में 4.8 मेगावाट लगाया जाना प्रस्तावित है।
जिलाधिकारी द्वारा जनपद की 05 तहसीलो के उप जिलाधिकारियों को प्रेषित पत्र में निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने तहसील क्षेत्रान्तर्गत चिन्हित विद्युत सबस्टेशनो के सोलराईजेशन के लिए निजी भूमि / सरकारी भूमि का चिन्हाकंन करा लिया जाये। जिसके लिए निदेशक यूपीनेडा लखनऊ से मिले पत्र के अनुसार उ०प्र० सौर ऊर्जा नीति 2022 के अन्तर्गत एम०एन०आर०ई० भारत सरकार के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम सी-2) योजनान्तर्गत पृथक कृषि फीडर्स का सोलराईजेशन किया जाना प्रस्तावित है। जिसके क्रम में जनपद में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 28 विद्युत सबस्टेशन (पृथक कृषक फीडर्स वाले) का सोलराईजेशन किया जाना प्रस्तावित है। चिन्हित सूची में उल्लिखित विद्युत सबस्टेशन तहसील छाता हेतु क्रमशः 6, तहसील महावन हेतु 4, तहसील मॉट हेतु 10 तहसील सदर हेतु 6 तथा तहसील गोवर्धन हेतु 2 कुल 28 विद्युत सबस्टेशनो के सम्मुख प्रस्तावित सोलर पावर प्लान्ट क्षमता के सापेक्ष आवश्यक भूमि 4 एकड़ प्रति मेगावाट के हिसाब से आवश्यकता होगी। जिसमें सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि रेस्को मोड में सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना के लिए प्रस्तावित आवश्यक निजी / सरकारी भूमि का चिन्हांकन कर सूचना यथाशीघ्र परियोजना अधिकारी यूपीनेडा मथुरा को (मोबाइल नं0 9415609023 ईमेल-pomath@rediffmail .com) पर यथाशीघ्र उपलब्ध करा दी जाये।
वहीं यूपीनेडा मथुरा के परियोजना अधिकारी एस०के० वर्मा ने अवगत कराया कि जनपद के 28 कृषक फीडर्स के माध्यम से 81.1 मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य प्रस्तावित है। इनमे सबसे बड़ा रेस्को मोड सोलर पावर प्लान्ट तहसील छाता के शेरगढ़ में 7.3 मेगावाट तहसील महावन के बरौली में 6.2 मेगावाट, तहसील मॉट के नौहझील में 4.8 मेगावाट, के बड़े प्लान्ट लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए प्रति मेगावाट सोलराईजेशन के लिए 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। उन्होने दावा किया कि 2 मेगावाट सोलर पावर प्लान्ट लगाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने वाले किसान को सामान्य फसल से 2 गुना अधिक आय प्राप्त हो सकती है। इसके लिए चिन्हित विद्युत सबस्टेशनो के 3 से 4 कि,मी परधि में आने वाली भूमि का चिन्हांकन किसान योजना का लाभ ले सकते है।
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