आयुष मंत्री ने योग सप्ताह (15 से 21 जून, 2024) का किया शुभारम्भ
बिना खर्च योग से जटिल बीमारियों को ठीक करने में प्राप्त की जा सकती है सफलता
योग खुद को स्वस्थ्य रखने के लिये एवं मानसिक मजबूती के लिये सर्वोत्तम विधा है-
-डा0 दयाशंकर मिश्र दयालु
प्रतिदिन योग करने से शरीर स्वस्थ्य एवं मजबूत रहता है- मुख्य सचिव
योग प्राचीन भारत से उत्पन्न एक शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि समग्र अभ्यास है- प्रमुख सचिव आयुष
लखनऊ: 15 जून, 2024
प्रदेश के राज्य़मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एम.ओ.एस.) डा0 दयाशंकर मित्र दयालु आज राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय, लखनऊ के सभागार में दशम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के परिपेक्ष्य में आज योग सप्ताह कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। यह योग सप्ताह 15 से 21 जून, 2024 तक पूरे प्रदेश में एक साथ मनाया जायेगा। उन्होने कहा कि योग के बल से हमारे ऋषियों मुनियों ने अनेक सिद्धियां प्राप्त कर जनमानस के कष्टों को दूर किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में मनुष्य को बीमारियों से बचाने तथा अनेकों जटिल बीमारियों को ठीक करने में योग के माध्यम से सफलता प्राप्त की जा सकती है, जिससे बिना पैसे खर्च किए स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता रहता है और व्यक्ति एवं समाज पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता है। उन्होने मा0 प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद किया कि उनके प्रयासों से ही योग की विधा से पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधा गया है। आज विश्व के अधिकांश देशों ने योग की महत्ता को समझते हुये प्रतिवर्ष 21 जून को अपने वहां योग दिवस के कार्यक्रम आयोजित करते है। दुनिया के 57 मुस्लिम देशों में भी योग का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर योग सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
आयुष मंत्री ने कहा कि योग की विधा ने भारत का लोहा पूरे विश्व में मनवाया है उन्होने कहा कि 21 जून को प्रत्येक गांव, तालाबों के किनारों, पार्को एवं सार्वजनिक स्थलों को योग के लिये चुना गया है। जिससे कि प्रत्येक जन को योग से जोड़ा जा सके। उन्होने कहा कि इस वर्ष की थीम "योग स्वयं के लिये एवं समाज के लिये" भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि सभी विभागो को योग से जोडा गया है। योग खुद को स्वस्थ्य रखने के लिये एवं मानसिक मजबूती के लिये सर्वोत्तम विधा है, क्योंकि इसमें किसी भी दवा का प्रयोग नहीं करना पड़ता है। योग ऐसी विधा है जो शरीर को असीमित ताकत प्रदान करती है। इसको हमारे ऋषियों मुनियों ने साबित भी किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में होने वाले योग दिवस के कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत आज से हो रही है उन्होंने बताया कि योग सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्रतिदिन योग करने से शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है। उन्होने कहा कि योग हमारे सनातन संस्कृति की मानव समाज के लिये एक बहुत बड़ा वरदान है। हमारे ऋषियों संतो या कहे तो आदि योगी भगवान शंकर ने योग को हमें एक उपहार स्वरूप हमें दिया है। सिंधु सभ्यता से लेकर हमारे वेदों तक में योग का वर्णन है। महर्षि पंतजलि शास्त्र में इसे सूत्रबद्ध कर सभी के लिये सहज रूप में उपलब्ध कराया है। योग को हमें अपने जीवन के आचार विचार में शामिल करना होगा। योग हमारे शारीरिक, मानसिक मजबूती एवं आध्यत्मिक चेतना के लिये महत्वपूर्ण है। महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग से जोडने का काम किया।
मुख्य सचिव महोदय ने कहा कि प्रत्येक कार्य को कुशलतापूर्वक करने के लिये योग एक साधन है। सभी व्याधियों से शरीर को निरोग बनाने के लिये योग हमें ताकत प्रदान करता है। उन्होने कहा कि जी-20 का मोटिव वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर। हमारी संस्कृति में भी वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना समाहित है। इसी भावना ने योग से विश्व को जोड़ा।
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए आयुष विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती लीना जौहरी ने बताया कि प्रतिवर्ष दिनांक 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 21जून 2024 को दशम् अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके समारोह पूर्वक मनाया जाना है। दशम् अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को समारोह पूर्वक मनाये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्णय के क्रम में 15 जून से 21 जून 2024 तक योग सप्ताह मनाने की शुरूआत हो गयी है। उन्होने बताया कि योग प्राचीन भारत से उत्पन्न केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है बल्कि एक समग्र अभ्यास है। इसकी मदद से हम आत्मा को शांति की ओर ले जा सकते है। योग सांस्कृतिक एवं धार्मिक सीमाओं से परे है यह सम्पूर्ण मानव जाति को स्वस्थ्य रखने की सीख एवं प्रेरणा देता है।
प्रमुख सचिव आयुष ने बताया कि योग एवं आयुष विधा, जिसके अन्तर्गत आयुर्वेद, युनानी एवं होम्योपैथिक विधा आते है, को बढ़ाने के लिये सीमित संसाधनों के बावजूद भी निरन्तर प्रयत्नशील है। उन्होने बताया कि वर्तमान में 08 राजकीय आयुर्वेदिक कालेज तथा 2110 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित है। इसी प्रकार 02 राजकीय यूनानी कालेज एवं 256 राजकीय यूनानी चिकित्सालय संचालित है। होम्योपैथिक के अन्तर्गत 09 राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज तथा 1585 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय संचालित है। विभाग के अन्तर्गत 02 औषधि निर्माणशाला लखनऊ एवं पीलीभीत में क्रियाशील है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय माननीय मंत्री डा दयाशंकर मिश्र जी द्वारा जन जागरूकता हेतु स्टॉल का उद्घाटन किया गया। आयुर्वेद यूनानी तथा होम्योपैथी के स्टाल जनता की सुविधा हेतु लगाए गए हैं। परिसर में गणमान्य अतिथियों द्वारा औषधीय पौधों का रोपण भी किया गया तथा इसके साथ ही ई-आयुष पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर आयुष महानिदेशक श्री नागेन्द्र प्रताप, उत्तर प्रदेश राज्य आयुष मिशन निदेशक श्री महेंद्र वर्मा जी, निदेशक आयुर्वेद डा प्रकाश चंद्र सक्सेना, यूनानी निदेशक डा अब्दुल वाहिद, निदेशक होम्योपैथी डा अरविंद कुमार वर्मा, सहित आये हुये वक्ताओं तथा छात्र/छात्रायें उपस्थित रहे।
प्रथम दिवस के कार्यक्रम में आज राजकीय आयुर्वेद कालेज लखनऊ में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमे स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों ने योग पर आधारित रंगोली बनाई। योग समारोह की श्रृंखला में आज राजकीय आयुर्वेद कालेज लखनऊ में अपरान्ह में सेमिनार आयोजित किया गया जिसमे रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम के स्वामी मुक्तिनाथानंद द्वारा योग के विषय में बताया गया। उन्होंने बताया कि योग के द्वारा कार्यों में कुशलता लाई जा सकती है । योग करने से कोई भी व्यक्ति निरोगी जीवन व्यतीत करता है तथा उसके कष्ट सहन करने की क्षमता बढ़ जाती है ,रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से पधारी ब्रह्माकुमारी बहन बी के राधा जी ने बताया कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क अपने हेतु ध्यान करना चाहिए प्रतिदिन मेडिटेशन करने से अनेकों शारीरिक एवं मानसिक रोग दूर हो जाते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संकाय से आए हुए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरजीत यादव जी ने होलिस्टिक हेल्थ पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।
दिल्ली से ही आए हुए डा मोहित गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ ने टेक्निकल सेशन में बताया कि योगाभ्यास से हृदय रोगों से बचा जा सकता है तथा हृदय रोग होने पर योग के माध्यम से दवाओं पर निर्भरता कम की जा सकती है।
कार्यक्रम के अंत में निदेशक आयुर्वेद डा प्रकाश चंद्र सक्सेना जी ने समापन उद्बोधन किया तथा सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। सत्र के आरंभ में कालेज के प्राचार्य प्रो माखन लाल जी ने वक्ताओं का स्वागत किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षकों, चिकित्सकों, कर्मचारियों , छात्रों ने प्रतिभाग किया।
सम्पर्क सूत्र: अजय द्विवेदी
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