Infertility की समस्या बन सकता है डिप्रेशन का कारण ; जानिये उससे बचने के तरीके - चंचल शर्मा
Infertility की समस्या आजकल वैश्विक स्तर पर बढ़ गयी है जिसमे भारत का स्थान भी शिखर पर है। इसके पीछे के कारण चाहे जो भी हों लेकिन यह एक दंपत्ति की शादी शुदा ज़िन्दगी को तबाह करने के लिए काफी है। यह दोष पुरुष और महिला दोनों में समान रूप से पायी जाती है इसलिए किसी एक को दोष देना बहुत गलत होगा और बिना जांच करवाए आप किसी परिणाम तक नहीं पहुँच सकते हैं। भारतीय समाज की बनावट कुछ इस प्रकार की है जिसमे परिवार का महत्त्व बहुत ज्यादा है और वह पूरा तभी माना जाता है जब आपके पास कोई संतान हो इसलिए बच्चे न होने की कंडीशन में सामाजिक दबाव और मानसिक प्रताड़ना की वजह से पेरेंट्स डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर व इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा इस विषय में बताती हैं कि उनके पास भी निःसंतानता के इलाज करवाने के लिए आने वाले ज्यादातर कपल ऐसे ही होते हैं जिन्होंने कई प्रयास के बाद भी कन्सीव नहीं किया और गुजरते वक़्त के साथ उनकी सहनशीलता कम होती जाती है जिससे तनाव बढ़ जाता है और डिप्रेशन तक पहुँचने की सम्भावना बन जाती है। दवाइयों के साथ साथ इस परिस्थिति से निकलने के लिए परिजनों का साथ और जीवनशैली में कुछ बदलाव की भी आवश्यकता होती है जिसके बारे में यहाँ जानेंगे।
अपने पार्टनर से बात करें : पुरुष हो या महिला इनफर्टिलिटी की समस्या किसी को भी प्रभावित कर सकती है। चूँकि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे दोनों की समान सहभागिता की जरुरत होती है इसलिए आपको आपस में इससे जुड़ी सभी बातें डिसकस कर लेनी चाहिए। जब दोनों पार्टनर मिलकर ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर बात करके किसी निर्णय पर पहुँचते हैं तो आपसी तनाव भी कम होता है और आप सही निर्णय ले पाते हैं।
स्वजनों से बातचीत करें : आपके परिवार या आसपास में यदि किसी ने पहले इनफर्टिलिटी का इलाज करवाया है तो उनसे बातचीत करके उनका अनुभव जानने की कोशिश करें, यह आपके लिए मददगार साबित होगा। ऐसे लोग आपको सही सुझाव दे सकते हैं और अपने अनुभव के कारण आपकी स्थिति को बखूबी समझ सकते हैं। इनसे बात करके आपका दिल हल्का होगा और तनाव भी कम होगा।
मेडिटेशन करें : इनफर्टिलिटी की समस्या से लम्बे समय तक जूझने के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है जिससे बचने के लिए आप नियमित मेडिटेशन कर सकते हैं, इससे आपका तनाव कम होगा और मानसिक स्थिति इतनी मजबूत होगी कि आप खुद को संभाल सकें।
नियमित एक्सरसाइज करें : इनफर्टिलिटी की समस्या आपके शारीरिक रूप से अनफिट होने के कारण भी हो सकता है इसलिए आपको एक संतुलित वजन मेंटेन करने की जरुरत होती है। नियमित रूप से व्यायाम करना काफी मददगार साबित हो सकता है जिससे न केवल शारीरिक बल्कि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।
विशेषज्ञ से परामर्श लें : आधुनिक दौर में जहाँ लोगों की ज़िन्दगी की रफ़्तार बढ़ने के कारण नयी नयी बिमारियों का इजात हुआ है वहीँ चिकित्सा विज्ञान ने भी काफी तरक्की कर ली है इसलिए अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है क्यूंकि एलोपैथी से लेकर आयुर्वेदिक तक इनफर्टिलिटी जैसी समस्या का उपचार उपलब्ध है। जहाँ एलोपैथी में IVF जैसी नयी तकनीक की मदद से आप माँ बन सकती हैं वहीँ आयुर्वेदिक इलाज के द्वारा डाइट और थेरेपी की मदद से आप नैचुरली भी कन्सीव कर सकती हैं।
इनफर्टिलिटी कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक दोष है जिसका इलाज संभव है इसलिए आप बिना किसी तनाव और झिझक के अपने आस पास स्थित किसी भी अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं जो आपको इससे जुड़ी सही जानकारी देंगे और उपचार की प्रक्रिया के दौरान आपकी देखभाल करेंगे। ध्यान रखें तनाव किसी समस्या का समाधान नहीं है बल्कि यह स्थिति को और बिगाड़ सकता है इसलिए इस कठिन परिस्थिति में आपसी सहयोग बनाये रखें।
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