राजकुमार गुप्ता 
वृन्दावन।अक्रूर घाट स्थित श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर में गौसेवा मिशन के द्वारा गौ-राष्ट्र रक्षा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि व काशी विश्वनाथ मुक्ति हेतु चल रहा 40 दिवसीय श्रीहनुमंत जन्म महोत्सव विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ।इसके साथ ही चल रहे अष्टोत्तरशत श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा, 251 ब्राह्मणों के द्वारा किए जा रहे सामूहिक सुन्दरकाण्ड व श्रीहनुमान चालीसा पाठ एवं विश्व कल्याणार्थ चल रहे वृहद महायज्ञ आदि के अनुष्ठान भी संपन्न हुए।जिसमें तमाम लोगों ने अपनी आहुतियां डालीं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्रीशंकराचार्य अध्यात्म विद्या सेवा संस्थानम के अध्यक्षआद्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गौमाता में चौबीस कोटि देवी- देवता निवास करते हैं।गौ माता का पूजन करने से उनकी कृपा हम पर बरसती है।इसीलिए हम सभी को पूर्ण समर्पण के साथ गौ माता की सेवा करनी चाहिए।
गौसेवा मिशन के अध्यक्ष, प्रख्यात संत, गौ कृपा मूर्ति स्वामी कृष्णानन्द महाराज "भूरी वाले" ने कहा कि गौसेवा मिशन ने समूचे देश की आर्थिक रूप से कमजोर गौशालाओं में चारे की आपूर्ति हेतु "गौ चारा कोश" की स्थापना की हुई है।यह सेवा निरंतर सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए समस्त गौभक्त दान दाताओं को इसमें प्रतिमाह अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करना चाहिए।
पीपाद्वाराचार्य जगदगुरू बलरामदास देवाचार्य महाराज एवं श्रीनाभा पीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि हमें अपने लोक व परलोक को परम् मंगलमय बनाने हेतु सर्वदेवमयी गौमाता की तन-मन-धन से सेवा करनी चाहिए।जिससे हमारे परिवार में निश्चित ही सुख-समृद्धि व प्रभु कृपा होगी।
भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री महाराज एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि आज हमारी गौमाता भूख से व्याकुल होकर गली-गली में भटक रही है।साथ ही गंदगी, प्लास्टिक आदि खाने को मजबूर है।इसके अलावा कसाई घरों में नित्य गौवध होने के कारण हमारे देश का बहुमूल्य गौवंश दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।
इस अवसर पर याज्ञिक रत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी नवलगिरि महाराज, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, पंडित अशोक शास्त्री, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, संत गोपेश कृष्ण दास महाराज, गोस्वामी श्यामसुन्दर महाराज,  आचार्य सतीशचंद्र पाराशर, महंत अवधेश दास महाराज (बयाना), महंत मोहिनी शरण महाराज, स्वामी अवधेशानंद महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, भूपेश भारद्वाज, भाजपा नेता योगेश द्विवेदी, लोकेश गोस्वामी, आलोक बंसल, धर्मेंद्र अग्रवाल उर्फ बॉबी, भगवान दास चौधरी, पंडित सुरेशचंद्र शर्मा, पंडित सत्यभान शर्मा (बाबूजी), पंडित चंद्रलाल शर्मा, पंडित महेश भारद्वाज आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महोत्सव के समापन पर संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं समष्टि भंडारा हुआ।जिसमें हजारों व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।

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