मथुरा। व्यासपीठ विराजमान श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री ठाकुरजी महाराज ने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना है तो इधर-उधर ध्यान न दें। भक्ति के पति श्रीकृष्ण भगवान है, जो प्रकृति के वश में रहे, वह जीव होता है और जो प्रकृति को अपने वश में रखता है, वह ईश्वर है।
केएम विश्वविद्यालय के प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री ठाकुरजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के सखा सुदामा जी महाराज की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी गरीब थे, परन्तु दरिद्र नहीं थे, असंतोषी दरिद्र होता है। सुदामाजी के पास भगवतनाम का महाधन था, जब सुदामा जी द्वारका नगरी पहुंचे तब भगवान द्वारिकाधीश ने दौड़कर उन्हें अपने गले से लगा लिया, दो मुट्ठी चावल खाकर तीनों लोकों की सम्पदा, बगैर मांगे ही प्रदान कर दी। आगे शास्त्री जी ने जरासंध वध और यदुवंश संहार की कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा भगवान के पुत्र थे साम्ब वो बड़े सुंदर थे भगवान के पुत्रों ने साम्ब को लेकर संतों के पास जाकर संतों की परीक्षा ली तो संत क्रोधित होकर श्राप दे दिया। संतों के श्राप से सभी यदुवंशी आपस में लड़कर समाप्त हुए, श्रीकृष्ण भी परमधाम को चले गये।
शास्त्री जी ने कलियुग का वर्णन तथा शुकदेव पूजन कर राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा कहते हुए कथा का विश्राम किया गया। (आज) शनिवार को भंडारा प्रसाद का आयोजन किया जाएगा।
आरती में श्री मलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्र दास देवाचार्य महाराज, श्री दण्डी स्वामी महाराज, रामदेवानंद सरस्वती जी महाराज, वृंदावन के श्री हरिदासजी महाराज, मुरैना के महंत दीनबंधुदास जी महाराज, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति किशन चौधरी, उनकी पत्नी श्रीमती संजू चौधरी, पुत्र पार्थ चौधरी व प्रथम चौधरी एवं दाऊजी मंदिर के रिसीवर आरके पांडेय शामिल रहे। इस अवसर पर कुलाधिपति के पिता मोहन सिंह, उनकी मां ननगी देवी, भाई देवी सिंह, हितेश चौधरी, रवि चौधरी सहित परिवार के सभी सदस्य के अलावा गोवर्धन के विधायक ठाकुर मेघश्याम, अखिल भारतीय गौ सेवा संयोजक अजित महापत्रजी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मथुरा विभाग के विभाग प्रचारक अरुणजी, आरएसएस के शिवकुमारजी, कृष्ण कुमार शर्मा (मुन्ना भाईया), रालोद नेता कुंवर नरेन्द्र सिंह आदि सहित राजनैतिक पार्टियों के गणमान्य तथा विवि के वाइस चालंसर डॉ डीडी गुप्ता, प्रो वाइस चांसलर डॉ शरद अग्रवाल, रजिस्ट्रार पूरन सिंह, सीओई डॉ मनोज ओझा, मेडीकल प्राचार्य डा. पीएन भिसे, डीन डॉ धर्मराज सिंह, विवि के प्रोफेसर, शिक्षक शिक्षिकाएं तथा विवि और हॉस्पीटल का स्टाफ तथा हजारों की संख्या में महिला-पुरुष और बच्चे मौजूद रहे।
इसके अलावा रात्रि में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, इसका शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष एवं कुलाधिपति किशन चौधरी ने किया। जिसमें काव्य की सरिता पूरी रात बहती रही। कवि सम्मेलन में हास्य रस में गोते लगाकर लोग लोट-पोट हुए। कवियों ने देर रात तक समां बांधे रखा। कवि सम्मेलन में मंच साझा करने वाले प्रमुख कवियों में सुदीप भोला, मनु वैशाली, स्वयं श्रीवास्तव, डॉ हरिओम पवार, मनवीर मधुर, विष्णु सक्सेना, विनोदपाल ने हास्य, व्यंग, श्रृंगार कविताएं सुनाकर श्रोताओं को हंसी से लोटपोट कर दिया।
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