मथुरा l लगातार गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर है, लोगों का भीषण गर्मी के कारण हाल बेहाल है। गर्मी से कुछ हद तक निजात पाने के लिए जनता को बिजली और पानी का सहारा मात्र मिलता है और उसमें भी कटौती कर जनता के साथ प्रकृति के साथ अधिकारी भी अन्याय कर रहे है। मथुरा मैं गर्मी हर साल पड़ती है और विभागीय अधिकारियों को इस का अंदेशा भी रहता है विभागों मै लंबी चौड़ी बैठक भी आने वाले मौसम से निजात दिलाने को होती भी रहती है पर "नतीजा ठन ठन गोपाल"। पक्ष और विपक्ष के नेता मानो अधिकारियों की दया से मथुरा मैं जमे हुए हो , इसीलिए जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रहा है। बेहाल जनता करे तो आखिर क्या ? । परेशान जनता जव तक समस्या झेल सकती है तव तक झेलती है कुछ लोग सरकारी तंत्र का विरोध करने की हिम्मत जुटा कर विरोध करते है तो सरकार इमरजेंसी की तरह मुकदमे ठोक कर अपने विरोध का बदला लेने लगती है।
इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती 10 से पंद्रह घंटे तक चल रही है। मथुरा के मसानी बिजली घर पर समस्या से तंग लोगों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया।
मसानी बिजली घर पर शनिवार को 33 के वी की पुरानी मशीनों को बदल कर नई लगाने का कार्य कर रहे है जिसके लिए अधिशाषी अभियंता ने सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने का फरमान जारी कर दिया। लेकिन सप्लाई देर रात तक शुरू नहीं की। क्या विभागीय अधिकारियों को मशीनों को बदलने का समय भीषण गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले नही मिला या अधिकारियों को मशीन मै कोई दिक्कत का अंदेशा पहले नही था। यह समस्या सिर्फ एक जगह की नही है। वृंदावन में भी बांके बिहारी मंदिर के आस पास के लोग भी सोसल मीडिया पर बिजली कटौती से तंग हो अधिकारियों को कोसते रहे। यही हाल अमूमन जनपद के ज्यादातर हिस्सों का हो गया है विभागीय अधिकारी ओवर लोडिंग का बोल पल्ला झाड़ रहे है। क्या इन अधिकारियों को गर्मी के चलते आने वाली समस्याओं का अंदाजा नहीं है। जव भीसड़ गर्मी पड़ेगी तो खपत बढ़ जाएगी। एक मामूली दुकानदार को पता है भीषण गर्मी पड़ने पर कोल्डड्रिंक और पानी की बिक्री बड़ जाति है वो अपना स्टोक रखता है और एक जिम्मेदार विभागीय अधिकारी को नही पता कि गर्मी मै आपूर्ति बढ़ेगी ना ही उसका कुछ इंतजाम किया जाता है। यही हाल पानी की समस्या का है लोगों को इस भीषण गर्मी में पानी भी नहीं मिल पा रहा है। शहर के भरतपुर गेट इलाके के लोग पानी की समस्या से जूझते दिखाई दिए।
अधिकारियों को पता है जनता ज्यादा से ज्यादा क्या करेगी अगर लोग मजबूरी बस विरोध करने उतरेंगे तो उन पर इमरजेंसी की तरह सरकारी कार्य मै बाधा डालने और सड़क जाम करने जैसी संगीन धाराओं मै मुकदमा दर्ज करा देंगे ।
इस डर से कोई विरोध भी नही करेगा हम अपने कामों को अपने हिसाब से करेगे जनता परेशान हो तो होती रहे।
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