प्रत्याशी का नामांकन खारिज करने का प्रयास किये जाने की कूटरचित भ्रामक सूचना पर मा0 न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर अरविन्द सिंह की बड़ी कार्यवाही
नामांकन पत्रों की संवीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक खबर चलाने का षड्यंत्र करने वाले प्रत्याशी एवं यूट्यूबर के विरुद्ध मा. रिटर्निंग ऑफिसर / जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय ने जारी किया समन, आरोपियों ने डीएम के समक्ष कोर्ट में बिना शर्त मांगी माफी
भ्रामक सूचना प्रसारित करने पर प्रत्याशी तथा यूट्यूबर को मा0 रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने न्यायालय की गरिमा एवं निर्वाचन कार्य में बाधा का मामला मानते हुए कन्टेम्प्ट ऑफ कोर्ट (सीआरपीसी की धारा-345) के तहत न्यायालय से किया दण्डित


मा0 रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने न्यायालय से सांसद पर सीआरपीसी की धारा-345 के तहत लगाया अर्थदण्ड तथा यूट्यूबर को कप्टेम्प्ट का दोषी पाये जाने पर एक घन्टे के लिए किया निरूद्ध
 

मा0 रिटर्निंग ऑफिसर ने वर्तमान सांसद/प्रत्याशी पर लगाया अर्थदण्ड, यूट्यूबर को एक घन्टे के लिए किया गया निरूद्ध


बिना शर्त शपथपत्र पर माफीनामा और गलती का स्वतः आभास होने पर तथा आगे कभी मा0 जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय की अवमानना नहीं करने के शपथ पर कन्टेम्प्ट ऑफ न्यायिक प्रक्रिया से अवमुक्त


मा0 रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा यूट्यूबर के पूर्व में किये गये सोशल वेलफेयर के कार्यों पर विशाल हृदय दिखाते हुए मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराये जाने तथा एक घन्टे का न्यायालय में डिटेन्शन का दण्ड अधिरोपित कर अग्रेतर न्यायिक कार्यवाही से किया अवमुक्त

मा0 रिटर्निंग ऑफिसर 58-लोकसभा क्षेत्र श्रावस्ती/मा0 न्यायालय मजिस्ट्रेट जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द सिंह ने नामांकन पत्रों की संवीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किये गये भ्रामक मैसेज का संज्ञान लेते हुए वर्तमान सांसद/प्रत्याशी पर कन्टेम्प्ट का अभियोग सीआरपीसी-345 के तहत प्रचलित करते हुए आर्थिक दण्ड लगाते हुए सोशल मीडिया में मैसेज प्रसारित करने वाले एक यूट्यूबर को कप्टेम्प्ट के न्यायिक अभियोग के तहत अपने न्यायालय से एक घन्टे के लिए डिटेन्शन में रखने का आदेश पारित किया। 

      बताते चलें कि वर्तमान सांसद/प्रत्याशी के भाई व समर्थक द्वारा एक यूट्यूबर को नामांकन खारिज करने की भ्रामक खबर प्रसारित की तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को कलेक्ट्रेट पहंुचने का आहवान किया गया। अफवाह भरे भ्रामक मैसेज की जानकारी मिलते ही मा0 न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट/मा0 न्यायालय रिटर्निंग आफिसर जो कि संवीक्षा में अर्ध न्यायिक दायित्व का निर्वहन करते हैं। मा0 रिटर्निंग ऑफिसर ने वर्तमान सांसद/प्रत्याशी और मैसेज प्रसारित करने वाले यूट्यूबर को अपने न्यायालय से समन जारी करते हुए तत्काल उपस्थित होने का आदेश दिया। 

        गौरतलब है कि नाम निर्देशन की संवीक्षा अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, जिसमें मा0 रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट महोदय आईपीसी कीे धारा-19 के तहत न्यायाधीश की भूमिका में होते हैं। भ्रामक मैसेज प्रसारित करके उक्त प्रत्याशी द्वारा मा0 रिटर्निंग ऑफिसर/मा0 जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय की अवमानना का कुकृत्य किया गया। जिस पर मा0 रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के तहत सीआरपीसी की धारा-345 के तहत न्याय करते हुए सांसद/प्रत्याशी पर अर्थदण्ड लगाया गया जिसे उनके द्वारा कोषागार में जमा करके मा0 रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष शपथ पत्र पर मांगी गई और अपने भाई और समर्थकों द्वारा भ्रामक सूचना प्रसारित किया जाना स्वीकार किया गया तथा भविष्य में पुनः ऐसा नहीं करने की बिना शर्त हलफनामे पर माफी मांगते हुए अभिरक्षा में भेजने के बजाय न्यूनतम दण्ड देने की मनुहार की गई। उक्त प्रत्याशी की मनुहार पर मा0 रिटर्निंग ऑफिसर श्री सिंह ने सीआरपीसी की धारा-345 एवं लोकसभा सामान्य निर्वाचन के दृष्टिगत लागू सीआरपीसी की धारा-144 के उल्लंघन पर वर्तमान प्रत्याशी पर मात्र अर्थदंड लगाया तथा माफीनामे के कारण अग्रेतर न्यायिक कार्यवाही से अवमुक्त कर दिया। 
 
      वहीं मा0 रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा यूट्यूबर के पूर्व में किये गये सोशल वेलफेयर के कार्यों पर विशाल हृदय दिखाते हुए मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराये जाने तथा एक घन्टे का न्यायालय में डिटेन्शन का दण्ड अधिरोपित कर अग्रेतर न्यायिक कार्यवाही से अवमुक्त कर दिया। बताते चलें कि मामले में मा0 न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर भ्रामक मैसेज प्रसारित करने वाले यूट्यूबर को भी कन्टेम्प्ट की धारा-345 के तहत एक घन्टे के लिए न्यायालय में ही निरूद्ध किये जाने का आदेश न्यायालय ने सुनाया तथा यूट्यूबर द्वारा न्यायालय के समक्ष बिना शर्त हलफनामे पर मांफीनामा दाखिल किया गया कि भविष्य में उसके द्वारा इस प्रकार का कृत्य कारित नहीं किया जाएगा। 

 मा0 रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय ने पूरे मामले की गहन जांच के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया है कि प्रसारित मैसेज की तह तक जांच कर लें और इसके सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें ताकि उक्त अभियुक्तों के विरूद्ध मा0 न्यायालय द्वारा कन्टेम्प्ट ऑफ कोर्ट का अभियोग चलाया जा सके।

उमेश चन्द्र तिवारी 
9129813351 
हिंदी संवाद न्यूज़ 
बलरामपुर 

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