मथुरा।अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने लोकसभा चुनाव के तीन चरण बीत जाने के बाद मतदान के घटते प्रतिशत को चिन्ता का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि चिन्ता इसलिए भी, क्योंकि मतदान का घटता प्रतिशत भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के *" अबकी बार 400 पार"* के नारे को ध्वस्त कर सकता है। कहीं मतदान का घटता प्रतिशत भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से मतदाताओं का मोह भंग तो नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि प्रतीत होता है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोह भंग होने वाले मतदाताओं ने मतदान न करने का निर्णय लिया है, जो मतदान के घटते प्रतिशत का एक प्रमुख कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के एक बड़े वर्ग के मोह भंग होने के अनेक कारणों में से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने, मुसलमानो का अल्पसंख्यक का दर्जा समाप्त करने, घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजने, समान नागरिक संहिता, समान शिक्षा नीति और समान जनसंख्या नीति जैसे मूलभूत विषयों पर मोदी सरकार की विफलता प्रमुख कारण हो सकते हैं।ऐसे मतदाताओं को कांग्रेस या अन्य छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों को वोट दे नहीं सकते और मोहभंग होने से भाजपा को वोट देना नहीं चाहते। इसी कारण लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत घट रहा है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए मोहभंग होने वाले मतदाताओं से आह्वान करते हुए कहा कि मतदान का बहिष्कार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। मतदान प्रतिशत बढ़ाकर नरेंद्र मोदी को पुनः सत्ता में वापस लाना ही समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकता है । उन्होंने कहा कि संविधान में परिवर्तन किए बिना कुछ समस्याओं का निदान संभव नहीं हो सकता और परिवर्तन के लिए दो तिहाई से अधिक बहुमत की सरकार का होना अनिवार्य होता है। नरेंद्र मोदी के पास अभी तक इसलिए मोदी सरकार कुछ मूलभूत विषयों पर चाहकर भी कुछ कर पाने में असमर्थ रही है।
हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार शर्माऔर ब्रज प्रांत अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी और राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी के वक्तव्य का समर्थन करते हुए भाजपा और मोदी सरकार से मोहभंग रखने वाले सभी मतदाताओं से मतदान के आगामी चरणों में घरों से निकलकर भारी संख्या में मतदान करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो तिहाई से अधिक बहुमत से सत्ता सौंपने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधानिक शक्तियों के साथ मतदाताओं के अनुकूल संवैधानिक निर्णय लेने और लागू करने में सक्षम सिद्ध हो सकते हैं।
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