मथुरा। छटीकरा गांव में करंट से घायल बंदर की जान बचाने के ग्रामीण एकजुट हो गए। डीएम के आदेश पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। बंदर को जब तक उपचार मिलता उसने दम तोड़ दिया। गांव के लोगों ने बंदर का अंतिम संस्कार किया। लोग भावुक हो गए।
शुक्रवार सुबह छटीकरा के रिहायशी क्षेत्र में एक बंदर बिजली के करंट से झुलस गया। घायल बंदर को अन्य बंदरों ने चारों ओर से घेर लिया। बंदर की मदद में ग्रामीण खुद को असहाय महसूस करने लगे। इस पर समाजसेवी ठाकुर विष्णु पहलवान ने जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह को सूचना दी।
डीएम के आदेश पर नगर निगम की टीम बचाव वाहन के साथ मौके पर पहुंची। काफी देर तक बंदरों और टीम में जद्दोजहद हुई। इस बीच घायल बंदर ने दम तोड़ दिया। ये देख पशु प्रेमी सुनील कुमार सहित मौजूद ग्रामीण भावुक हो गए। गांव के लोगों ने बंदर का विधि विधान से अंतिम संस्कार किया।
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एक दूसरे पर टालते रहे विभाग इसीलिए चली गई बंदर की जान
मथुरा । समाजसेवी ठाकुर विष्णु पहलवान ने कहा कि बिजली करंट से बंदर घायल होने की सूचना सब से पहले वन विभाग की एसीएफ सुशील कुमार को दी गई। उन्होंने नगर निगम को सूचना देने की बात कही। नगर निगम मथुरा वृंदावन के अपर नगर आयुक्त को अवगत कराया गया तो उन्होंने टीम भेजने की बात कही। नगर निगम के निरीक्षक ने फोन पर कहा कि ग्राम सभा छटीकरा उनके कार्य क्षेत्र में नहीं आती है। सूचना वन विभाग या पशु विभाग को दीजिए,इसके बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन और जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार को घटना से अवगत कराया गया। तब जाकर काफी देर बाद गौशाला का वाहन लेकर निगम संविदा कर्मी मौके पर पहुंचे । उन्होंने जैसे ही घायल बंदर को अपने कब्जे में करने का प्रयास किया तो अन्य बंदर हमलावर होने लगे । जिससे निगम कर्मी घबरा गए। और बोले कि घायल बंदर को पकड़ना उनके बस की बात नहीं है। वन विभाग को बुलाइए। काफी देर तक यही चलता रहा इसी बीच बंदर ने दम तोड दिया। यदि वन विभाग या निगम कर्मी समय से बंदर के पास पहुंच जाते और उसका उपचार हो जाता तो उसकी जान नहीं जाती। विभागों द्वारा एक दूसरे पर टालने के कारण बंदर की जान चली गई। पीडी के आदेश पर ग्राम विकास अधिकारी तो मौके पर भी नहीं पहुंचे ।
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