वृन्दावन।रतन छतरी-कालीदह रोड़ स्थित गीता विज्ञान कुटीर में अत्यन्त वयोवृद्ध व प्रख्यात संत गीता विज्ञान पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज (हरिद्वार) अपनी धार्मिक यात्रा पर इन दिनों श्रीधाम वृन्दावन आए हुए हैं।यहां उन्होंने कई प्रख्यात संतों, धर्माचार्यों व प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात कर धर्म- अध्यात्म व अन्य विषयों पर विचार-मंथन किया।साथ ही पूज्य महाराजश्री की पत्रिका "गीता लोक" के नवीन अंक का लोकार्पण भी किया गया।इस अवसर पर ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने संस्थान की ओर से महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज का शॉल ओढ़ाकर सम्मान और अभिनंदन किया।
महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथ का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ है।इसमें जीवन की प्रत्येक समस्या का उचित समाधान है।वर्तमान युग में यदि हम लोग इस ग्रंथ को अपने जीवन में धारण कर लें, तो निश्चित ही हमारे देश व समाज की अनेक बुराइयां समाप्त हो जाएंगी।अत: हमारी भारत सरकार से यह मांग है कि श्रीमद्भगवद्गीता को प्राथमिकता दे।साथ ही इस ग्रंथ को समूचे देश के विभिन्न विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।जिससे नई पीढ़ी संस्कारवान एवं कर्मनिष्ठ बन सके।
पूज्य महाराजश्री के निजी सचिव हरिकेश ब्रह्मचारी महाराज ने बताया है कि महाराजश्री का नौ दिवसीय अवतरण महोत्सव आगामी 12 से 20 मई 2024 पर्यंत फिरोजपुर (पंजाब) में अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जायेगा।जिसमें उनके देश-विदेश के असंख्य भक्त-श्रद्धालू उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर स्वामी लोकेशानंद, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, चित्रकार द्वारिका आनंद, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।
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