मथुरा। यमुना पूजन कर चुनावी अभियान शुरू करने वाले राजनेता मां यमुना के गुनेहगार हैं। मां यमुना से बार बार झूंठे वायदे किये गये। मथुरा की जनता को अपने राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए बार बार गुमराह किया गया है। साल दर साल चुनाव दर चुनाव यमुना मां को प्रदूषण से मुक्त कराने के वायदे के साथ यमुना पूजन का ढौंग किया गया है। यमुना जल को हाथ में लेकर झूंठी सौगंध खाई गई हैं। जनता को ठगने वालों ने मां यमुना के साथ भी छल किया है, मां यमुना को भी धोखा दिया है। यमुना पूजन कर चुनाव अभियान का आगाज करने वाले नेताओं ने नैतिक तौर पर यह अधिकार खो दिया है कि वह यमुना का पूजन करें।
मैं बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह बार बार यमुना मां से झूंठ बलने और छल करने वाले नेताओं की ओर से मांफी मांगने जाउंगा। यमुना को नमन करने बार बार आउंगा लेकिन तब तक पूजन नहीं करूंगा जब कि मां यमुना शुद्ध नहीं हो जाती हैं। यमुना शुद्धीकरण के नाम पर करोडों अरबों की योजनाएं बनाई गईं। योजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ और हर योजना के पूरा होने के बाद यमुना जल में प्रदूषण का स्तर बढ गया। यमुना जलचर विहीन हो गई है। यमुना में जलीय पादप नष्ट हो गये हैं। यमुना जल में आक्सीजन स्तर शून्य हो गया है। यमुना में मौजूद पानी रसायनों का घोल भर रह गया है। झूंठ बोलने वाले, धोखा देने वाले अब भी पूरी तनम्यता से वही सब कर रहे हैं जैसा वर्षों से करते आ रहे हैं। प्रत्याशी मथुरा लोकसभा क्षेत्र सुरेश सिंह यमुना मां को साक्षी मानकर यह प्रण करता हूं और जनता से अपील करता हूं कि बार बार धोखा देने वाले और ढौंग करने वालों को सबक सिखाएं और जिससे ऐसे नेताओं को उनकी करनी का फल मिल सके। प्रत्याशी के लिए जनता जनार्दन होती है, जनता भगवान होती है। भगवान को धोखा देने वालों का कभी भला नहीं होता है। यमुना मईया ब्रज की पहचान है, मथुरा की पहचान है। यमुना में प्रदूषण की स्थिति बताती है कि हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड किया गया है। धोखा देने वालों को इस बार जनता सबक सिखाएगी और ऐसे धोखेबाजों को यहां से भगाने का काम करेगी।
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