जिला मजिस्ट्रेट का ऑपरेशन माफिया कमर तोड़ लगातार जारी। आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ एक और कार्यवाही
 
5.5 करोड़ कीमत की बेशकीमती ग्राम सभा की सरकारी नवीन परती जमीन को फर्जी शपथपत्र के जरिये कूट रचित तरीके से अपने स्कूल किसान विद्यालय के नाम दर्ज कराकर कर लिया अवैध कब्जा


तीन माह पहले जिला मजिस्ट्रेट को मिली थी शिकायत, गोपनीय जांच में शिकायत सही मिलने पर डीएम के आदेश पर पुनः सरकार के खाते में दर्ज हुई जमीन

माफियाओं ने सन् 1987 से न्यायालय में फर्जी शपथपत्र एंव कूटरचित साक्ष्य देकर अपने पक्ष में निर्णय करा लेने का शुरू किया खेल, गोपनीय जांच में प्रकाश में आये कारनामे

माफियाओं को डीएम का अल्टीमेटम बन्द कर दें माफियागीरी, वरना कार्यवाही तय

जिलाधिकारी अरविन्द सिंह का माफियाओं के खिलाफ चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन माफिया कमर तोड़’’ लगातार जारी है।  1.83 एकड़ सरकारी जमीन जो कि माफिया द्वारा किसान विद्यालय बागवानी के नाम दर्ज करा लिया गया था जिसे जिलाधिकारी के आदेश पर पुनः ग्राम सभा की नवीन परती जमीन में दर्ज करने की कार्यवाही की गई है।

      मामला तहसील उतरौला अन्तर्गत ग्राम व परगना सादुल्ला नगर का है जहां पर ग्राम सभा की नवीन परती भूमि गाटा संख्या 1433 को आरिफ अनवर हाशमी पुत्र अब्दुल गफ्फार हाशमी निवासी सादुल्लाह नगर उतरौला ने सन 1987 व 1990 में जब उतरौला तहसील पूर्ववर्ती जनपद गोण्डा की तहसील थी उस समय मा0 चबकन्दी न्यायालय में कूट रचित दस्तावेज के सहारे फर्जी शपथपत्र पर मा0 चकबन्दी न्यायालय में फर्जी साक्ष्य के आधार पर अपने कालेज किसान विद्यालय सादुल्लाह नगर के नाम दर्ज कराकर खतौनी इनदराज कराली थी। जबकि मा0 न्यायालय में शपथपत्र पर कूटरचित दस्तावेज देना और मा0 न्यायायल को गुमराह करके अपने पक्ष में लाभ लेना मा0 न्यायालयों (सिविल, राजस्व, चकबन्दी अथवा फौजदारी न्यायालय सभी) में समान प्रकार से अवमानना वाद *CrPC की धारा-345* एवं कन्टेम्प्ट ऑफ कोर्ट के अधिनियम 1971 के तहत ग्राह्य करते हुए मा0 उच्च न्यायालय मेें स्वयं की अवमानना का वाद प्रचलित करने के लिए आख्या प्रेषित कर सकता है एवं अपने न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकता है तथा ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध न्यायालय में शपथपत्र पर गलत साक्ष्य देने पर *परजरी* *(झूठे साक्ष्य एवं गवाही देने)* का मुकदमा प्रचलित किया जा सकता है। 

         बीते तीन माह पहले जिलाधिकारी को गोपनीय शिकायत मिली कि आरिफ अनवर हाशमी द्वारा ग्राम सभा की 1.83 एकड़ नवीन परती भूमि को अपने स्कूल के नाम गलत तरीके से दर्ज करा लिया  गया है। यह तथ्य प्रकाश में आया कि माफियाओं द्वारा फर्जी शपथपत्र पर साक्ष्यों के सहारे मा0 न्यायालय को गुमराह करते हुए अपने पक्ष में निर्णय करा लेने का खेल सन् 1987 से प्रारम्भ किया गया और फर्जी एवं संगठित रूप से कई निर्णय अपने पक्ष में कराकर सरकारी एवं गैर सरकारी जमीनों को अपने नाम या अपने प्रतिनिधि के नाम करा लेने का काम किया गया। 

      जिलाधिकारी ने मामले की गोपनीय जांच पूर्ववर्ती जनपद गोण्डा एवं वर्तमान जनपद बलरामपुर से कराई तथा साक्ष्य जुटाए गये तो मामला सही पाया गया। जांच में पाया गया कि शिकायत एकदम सही है और आरिफ अनवार हाशमी ने ग्राम सभा की परती भूमि 1.83 एकड़ को कूट रचित तरीके से मा0 चकबन्दी न्यायालय में शपथपत्र पर गलत साक्ष्य, फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपने विद्यालय किसान विद्यालय सादुल्ला नगर के नाम दर्ज करा लिया है।

           गोपनीय जांच एवं साक्ष्यों के आधार पर जिलाधिकारी ने भूमाफियाओं के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करने के आदेश अपर जिलाधिकारी को दिये जिसके क्रम में उपसंचालक चकबन्दी/अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व के मा0 न्यायालय में इस प्रकरण में परिवाद दाखिल हुआ। न्यायिक प्रक्रिया एवं साक्ष्यों में यह सिद्ध हुआ कि फर्जी तरीके से स्कूल बागवानी के नाम दर्ज कराई गई जमीन राजस्व अभिलेखों में कभी भी विद्यालय के नाम नहीं थी तथा फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेशकीमती जमीन को हथिया लिया गया है। भूमाफिया द्वारा सन 1987 से यह फर्जीवाड़ा शुरू किया गया। उपसंचालक चकबन्दी/अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व ने पूर्व में निर्गत आदेश को साक्ष्यों के आधार पर निरस्त करते हुए पुनः 08 अप्रैल 2024 को ग्राम सभा की सरकारी नवीन परती जमीन के रूप में दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया जिसके बाद यह जमीन पुनः सरकार/ग्राम सभा के खाते में नवीन परती के रूप में खतौनी में आज दर्ज हो गई है। इस प्रकार जिलाधिकारी द्वारा गोपनीय सूचनाओं, गोपनीय जांच एवं सूचनाओं के आधार पर पुराने भूमाफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही का सिलसिला जारी है। 

   जिलाधिकारी ने सभी मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधिकारियों एवं वन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि भूमािफया, वन माफिया या अन्य किसी भी प्रकार के माफिया हों, किसी को भी कतई शरण नहीं दी जाएगी। उन्होनें कहा है कि राजस्व, पुलिस विभाग व वन विभाग के अधिकारी समस्त सम्बन्धित न्यायालय में लम्बित प्रकरणों में यदि प्रभावी पैरवी नहीं करायेगें या अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं करेंगे तो उनकी भी जिम्मेदारी तय करते हुए कार्यवाही की जाएगी।



उमेश चंद्र तिवारी 
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज़ 
बलरामपुर 

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