मथुरा। अनसुनी का दर्द मथुरा ने खूब सह लिया। आखों से छलकता रहा यह दर्द अब जुबां पर आ रहा है। पिछले कुछ समय से मथुरा लगभग विपक्ष विहीन हो गया है। किसी भी लोकतांत्रित व्यवस्था में यहीं से राजनीतिक अराजकता की शुरूआत होती है। मथुरा इस राजनीतिक अराजकता को कई साल से झेल रहा है। यह कहना है बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह के चुनावी अभियान को संवारने और गति देने में जुटे धीरेन्द्र चौधरी का। उन्होंने बताया कि हम लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। जनता से मिल रहे हैं। जनता का दर्द महसूस कर रहे हैं। अधिकांश लोगों का यही कहना है कि इस समय उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। लोगों का कहना है कि वह जिसके भी पास जाते हैं वह यही कहता है कि हमारी कोई सुन नहीं रहा है। जिसे हमने दो बार चुना उन्हें कभी देखने का मौका नहीं मिला।
धीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि हमें हर समाज हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। निश्चित ही यह समर्थन वोट में भी तब्दील होगा। जनता यह खुद देखे कि वह कैसा सांसद चुने। प्रत्याषी आपके बीच से आये। आप ऐसे सांसद को क्यों चुन रहे हो जो आपके मुद्दों से परिचित ही नहीं है। यहां विकास धरातल पर नहीं दिख रहा है। आपके प्रत्याषी आईआरएस अधिकारी रहे हैं। मेरी यही अपील है कि ऐसे सांसद को चुनें जो आपकी आवाज को संसद में उठा सके। शनिवार को शेरगढ़ क्षेत्र के गांव धीमरी, ग्राम लाडपुर सहित दर्जनभर गांवों में जनसंपर्क किया।
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