औरैया // इस समय खेतों में गेहूं की फसल पकी हालत में खड़ी है तो वहीं मौसम के गर्म तेवर भी देखने को मिल रहे हैं। अप्रैल माह के शुरूआत से ही खेतों में आग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं तो वहीं घरों में भी हुई कई घटनाएं संज्ञान में आईं हैं। वहीं क्षेत्र में पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से छोटे हादसे भी विकराल रूप ले रहे हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पर आग का खतरा मड़राने लगा है जहां एक ओर आग से किसानों की फसल जलकर बर्बाद हो रही है तो वहीं खेतों में आग से उर्वरा शक्ति कम हो रही है। इससे फसल बर्बादी और आगे की उत्पादन को लेकर किसानों की मुसीबत बढ़ने लगी हैं 12 दिनों में 250 बीघा फसल जली पिछले 12 दिनों में आग की घटनाओं में औरैया, बिधूना, अजीतमल क्षेत्र में 250 बीघा से अधिक खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो चुकी है। सावधानी के तौर पर किसान बिजली विभाग, आपदा प्रबंधन के कार्यालय और संबंधित अधिकारियों के मोबाइल फोन नंबर अपने पास रखें। खेत में बीड़ी-सिगरेट न पीएं। आग रोकने के लिए पास के नगर निकायों के अधिकारियों के संपर्क नंबर भी रखें,इससे जरूरत पड़ने पर पानी के टैंकर उपलब्ध हो सकें,आग बुझाने के संसाधन और स्टाफ 5500 लीटर टैंक, पांच हजार लीटर का टैंक, वाटर मिस्ट हाई प्रेशर 400 लीटर, एफएसएसओ-0, एफएसओ -0, लीडिंग फायरमैन- 1, फायरमैन-16, चालक-दो,बिधूना : 3500 लीटर का टैंक, एसएफओ-0, एफएसएसो-0, लीडिंग फायरमैन-1, फायरमैन-5, चालक-1,अजीतमल: 2500 लीटर का टैंक, एसएफओ-0, एफएसएसो-0, लीडिंग फायरमैन-1, फायरमैन- 5, चालक-1 ,16 अप्रैल को अजीतमल और बेला क्षेत्र में आग लगने से लगभग 52 बीघा गेंहू की फसल जलकर नष्ट हो गई थी। आग से किसान पूरी तरह तबाह हो गया था। किसी तरह ग्रामीणों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया था। आग बुझाने के लिए ग्रामीणों को दूर से पानी लाने का इंतजाम करना पड़ रहा था ,17 अप्रैल को बिधूना तहसील क्षेत्र के गांव पसुआ में इंसुलेटर टूटकर गिरने से 13 बीघा गेहूं की फसल कर नष्ट हो गई थी आग बुझाने के पास किसी तरह के कोई इंतजाम नहीं थे। इसे देख किसान परेशान थे। हालांकि किसी तरह आग पर काबू पाने पर राहत महसूस हुई,अछल्दा के गांव ग्वारी के मजरा में मकान में आग ने एक के बाद एक पांच मकानों को चपेट में लिया था। पानी के इंतजाम न होने से आग ने विकराल रूप लिया। दमकल कर्मियों के पहुंचने के बाद ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका था वहीं 23 अप्रैल की दोपहर ककोर के निकट कंचौसी में हाईटेंशन लाइन से निकली चिंगारी से 15 बीघा खेतों में खड़ी गेंहू की फसल जलकर राख हो गई ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया। मौके पर दमकलकर्मी भी पहुंचे। आग बुझाने में लगभग एक घंटे का समय लगा,मुख्य अग्निशमन अधिकारी तेजवीर सिंह का कहना है कि जिले में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन न होना भी किसानों के लिए एक बड़ा अभिशाप है आग से फसलों को बचाने के लिए सुरक्षा और सतर्कता बरतते हुए नजदीक में ही पानी का टैंक और रेत रखें। किसान फसल का सुरक्षात्मक तरीके से भंडारण करें वहां ध्यान रखें जहां बिजली के तार, ट्रांसफार्मर आदि नजदीक न हों।
औरैया :- आग से बचाव के लिए सतर्कता और सुरक्षा बेहद जरूरी।
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