*सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत,समाज सुधारक डॉ भीमराव आंबेडकर जी के अनमोल विचार एवं सिद्धांत सभी के लिए है प्रेरणादाई,उनके विचारों एवं आदर्शों को अपने जीवन आत्मसात कर देश के विकास में दे अपना योगदान - डीएम*
*जनपद के सभी सरकारी/अर्द्धसरकारी कार्यालयों में गरिमापूर्ण ढंग से मनाया गया बाबासाहब डॉ आंबेडकर जी की जयंती*
भारत रत्न,भारतीय संविधान के शिल्पकार,सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत,महान सामाजिक सुधारक डॉ भीमराव आंबेडकर जी की जन्म जयंती जनपद के सभी सरकारी/अर्द्धसरकारी कार्यालयों में गरिमापूर्ण ढंग से मनाया गया एवं उनके जीवन आदर्शों पर गोष्ठी का आयोजना हुआ।
इस अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम श्री अरविंद सिंह द्वारा भारत रत्न,भारतीय संविधान के शिल्पकार,महान सामाजिक सुधारक डॉ भीमराव आंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का जीवन आदर्श एवं संघर्ष हम सभी को हमेशा प्रेरणा प्रदान करता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने व्यक्तिगत एवं सामाजिक कठिनाइयों से हार ना मानते हुए कोलंबिया एवं लंदन यूनिवर्सिटी से कानून एवं पीएचडी की पढ़ाई की। सामाजिक सुधारो के अग्रदूत डॉ भीमराव अंबेडकर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया । डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा संविधान में आर्टिकल 32 एवं आर्टिकल 226 के रूप में देश के नागरिकों को अपने अधिकारों के रूप में बड़ी शक्ति प्रदान गई।
उन्होंने कहा कि जब कभी भी जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करने में कठिनाई महसूस हो तो डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जीवन संघर्षों को पढ़े एवं उसको अपने जीवन में आत्मसात करें, जिससे लक्ष्य के प्रति दृढ़ शक्ति के साथ आगे बढ़ाने की प्रेरणा प्राप्त होगी। डॉ भीमराव अंबेडकर जी के आदर्शों एवं विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए देश निर्माण में अपना अहम योगदान दें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार, अपर जिलाधिकारी न्यायिक प्रमोद कुमार द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के जीवन चरित्र एवं आदर्शों पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए।
इस दौरान अपर उप जिलाधिकारी,विशेष कार्याधिकारी सुरेश चंद्र उपाध्याय,न्यायिक सहायक बाबूराम पांडेय ,नाजिर कलेक्ट्रेट कपिल मदान,आपदा सहायक राजेश कुमार,इरशाद व अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज़ से
वी. संघर्ष✍️
9140451846
बलरामपुर।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know