अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के पाँचवे दिन फिल्म से जुड़ी प्रख्यात हस्तियों श्री तलत अजीज, 

सादिया सिद्दीकी, दिव्या भट्टाचार्य एवं पार्थसारथी दास ने बढ़ाई समारोह की रौनक

अनूठा है सी.एम.एस. का बाल फिल्मोत्सव

-- छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों की आम राय

लखनऊ, 19 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में 91 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक व प्रेरणादायी फिल्मों से प्रेरणा लेने छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों ने एक स्वर से कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव अनूठा है जो किशोर व युवा पीढ़ी को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने के साथ ही जीवन मूल्यों व चारित्रिक उत्कृष्टता की शिक्षा भी दे रहा है। अभिभावकों का कहना था कि हर चीज किताबों से या घर पर नहीं सीखी जा सकती। देश-विदेश की इन बाल फिल्मों में जीवन के विविध आयाम समाये हुए हैं जो छात्रों को सही व गलत का चुनाव करने की योग्यता प्रदान करेंगे। इस सात-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में 91 देशों की 500 से अधिक शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क प्रदर्शित की जा रही हैं।

बाल फिल्मोत्सव के पाँचवे दिन का शुभारम्भ आज मुख्य अतिथि श्री अशोक शर्मा, वाइस प्रेसीडेन्ट, मीडिया सल्यूशन्स, अमर उजाला, नई दिल्ली ने दीप प्रज्वलित कर किया जबकि फिल्म से जुड़ी प्रख्यात हस्तियों श्री तलत अजीज, सादिया सिद्दीकी, दिव्या भट्टाचार्य एवं पार्थसारथी दास ने अपनी उपस्थिति से समारोह की रौनक में चार-चांद लगा दिये और छात्रों का खूब उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री अशोक शर्मा ने कहा कि यह बाल फिल्मोत्सव अपने आप में ऐतिहासिक है, जहाँ शैक्षिक फिल्मों के माध्यम से बच्चों का चरित्र निर्माण किया जा रहा है। प्रख्यात गायक श्री तलत अजीज ने कहा कि बाल फिल्मों के प्रति बच्चों का उत्साह इस महोत्सव की अभूतपूर्व सफलता की कहानी स्वयं बयां कर रहा है। अभिनेत्री सुश्री सादिया सिद्दीकी का कहना था कि बच्चों के नैतिक व चारित्रक विकास के लिए इतना बड़ा आयोजन लखनऊ में हो रहा है, जिसके लिए सी.एम.एस. प्रबन्धन वास्तव में बधाई का पात्र है। इसी प्रकार, अभिनेत्री दिव्या भट्टाचार्य ने कहा कि यहाँ दिखाई जा रही शिक्षात्मक फिल्में बच्चों के मन-मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ेगी, इसमें कोई दो राय नहीं है जबकि लेखक श्री पार्थ सारथी दास ने छात्रों को अच्छी पुस्तकें पढ़ने व अच्छी शिक्षात्मक फिल्में देखने की सलाह दी।

बाल फिल्मोत्सव में आज बाल फिल्मों का प्रदर्शन इल्या मित्रोफ़ानोव द्वारा निर्देशित रूस की बाल फिल्म ‘चाइल्डहुड’ से हुआ। सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेन आॅडिटोरियम के साथ ही अन्य सात मिनी आडिटोरियम में भी देश-विदेश की अनेक फिल्मों का आज प्रदर्शन हुआ, जिनमें द वेदर विदिन, ताज का डिनर, एबीसी इन द हास्पिटल वार्ड, द लैप आॅफ काइंडनेस, बड़े काम की चीज, ए डे आॅफ डिसएबिलिटी, वाटर - स्टार मेडिसिन, बियोन्ड द स्ट्रीट, स्पेस स्टेशन विलेज, द ब्लू व्हेल चैलेन्ज, गाॅड्स पाॅवर हाउस, डिफेन्डर आॅफ नेचर, एन्जल्स नेवर बैक आॅन अर्थ, आस्था का आधार हमारा परिवार, सही राह, पछतावा आदि प्रमुख हैं। विभिन्न देशों की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों का अंग्रेजी व हिन्दी अनुवाद भी फिल्म के साथ-साथ ही चलता रहता है जिससे बच्चे आसानी से फिल्म के कथानक को समझ सकें।

सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी सदस्यों ने पत्रकारों से मुलाकात की। ये ज्यूरी सदस्य विभिन्न देशों की सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों का चयन में योगदान दे रहे हैं, जिन्हें बाल फिल्मोत्सव के समापन अवसर पर दस लाख रूपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्यूरी सदस्यों ने एक स्वर से कहा कि यह बाल फिल्मोत्सव हमारे लिए एक यादगार अवसर है। वास्तव में, यह आयोजन अभिभावकों व शिक्षकों को भी सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने हेतु प्रेरित करने में मददगार है। 


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