सात-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2024) सम्पन्न

अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को 

10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया

लखनऊ, 21 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित सात-दिवसीय ‘13वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2024)’ के सातवें व अन्तिम दिन आज देश-दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को विभिन्न श्रेणियों में 10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों का चयन एक अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया गया, जिनमें डा. अहमत बोयासिओग्लू (तुर्की), श्री फिलिप दिवियाक (आस्ट्रिया), श्री कृपाल कालिता (भारत), श्री उत्पल बोरपुजारी (भारत) एवं सुश्री मालती सहाय (भारत) शामिल रहे। इसके अलावा, सी.एम.एस. के तीन छात्र रीत मिगलानी, आद्या मिश्रा एवं कृष्ण सिंह भी ज्यूरी के बाल सदस्यों में शामिल रहे।  

इससे पहले, बाल फिल्मोत्सव के सातवें व अन्तिम दिन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा. हीरा लाल, आई.ए.एस., सचिव, सिंचाई विभाग, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर किया जबकि विशिष्ट अतिथि सुश्री मीनू खरे, प्रोग्राम हेड, आकाशवाणी ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। इस अवसर पर बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु पधारे प्रख्यात अभिनेता श्री अनिल रस्तोगी, अभिनेत्री रेनिता कपूर, फिल्म निर्माता श्री आदित्य वर्मा एवं मिसेज यूपी सुश्री प्रतिभा रावत ने अपनी उपस्थिति से समारोह में चार चांद लगा दिये। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डा. हीरा लाल ने कहा कि सी.एम.एस. बच्चों को साँस्कृतिक शिक्षा देकर महान कार्य कर रहा है। समारोह की विशिष्ट अतिथि सुश्री मीनू खरे ने भी बाल फिल्मोत्सव के अत्यन्त वृहद आयोजन हेतु सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। समारोह में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों व छात्रों का स्वागत करते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि सी.एम.एस. संस्थापक स्व. डा. जगदीश गाँधी जी ने बाल फिल्मोत्सव की शुरूआत इस उद्देश्य से की थी कि भावी पीढ़ी चरित्रवान बने और जाति, रंगभेद व धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर समस्त मानवता के प्रति प्रेम, सद्भावना व भाईचारे के भाव से विश्व नागरिक बने।

पुरस्कार वितरण समारोह में बेस्ट फीचर फिल्म अवार्ड ईरान की फिल्म ‘ओसन बिहान्ड द विन्डो’ को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप इस बाल फिल्म को गोल्डेन ट्राफी व प्रशस्ति पत्र एवं फिल्म के प्रोड्यूसर को 1,25,000 रूपये एवं डायरेक्टर को भी 1,25,000 रूपये से नवाजा गया। बेस्ट फीचर डाक्यूमेन्ट्री फिल्म अवार्ड नीदरलैंड की फिल्म ‘आई एम समबडी’ को दिया गया तथापि पुरस्कार स्वरूप इस बाल फिल्म को भी गोल्डेन ट्राफी व प्रशस्ति पत्र एवं फिल्म के प्रोड्यूसर को 1,25,000 रूपये एवं डायरेक्टर को भी 1,25,000 रूपये से नवाजा गया। बेस्ट शार्ट एनीमेशन फिल्म अवार्ड अमेरिकी फिल्म ‘बेन्ट आउट आॅफ शेप’ को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप इस बाल फिल्म को भी सिल्वर ट्राफी व प्रशस्ति पत्र एवं फिल्म के प्रोड्यूसर को 85,000 रूपये एवं डायरेक्टर को 65,000 रूपये से नवाजा गया। बेस्ट शार्ट डाक्यूमेन्ट्री अवार्ड भारतीय फिल्म ‘बियोण्ड द वाल’ को दिया गया तथापि पुरस्कार स्वरूप इस बाल फिल्म के प्रोड्यूसर को 60,000 रूपये एवं डायरेक्टर को 40,000 रूपये से नवाजा गया। स्पेशल ज्यूरी अवार्ड भारतीय फिल्म ‘रंग’ को दिया गया तथापि पुरस्कार स्वरूप इस बाल फिल्म के प्रोड्यूसर को 60,000 रूपये एवं डायरेक्टर को 40,000 रूपये से नवाजा गया। इसी प्रकार, बेस्ट शार्ट फिक्शन फिल्म अवार्ड पाकिस्तान की बाल फिल्म ‘बैलून्स आॅफ हैप्पीनेस’ को मिला जबकि बेस्ट फिल्म अवार्ड भारतीय बाल फिल्म ‘सोनी की स्कूटी’ को मिला। इन दोनों बाल फिल्मों के निर्माता व निर्देशक को पुरस्कार स्वरूप क्रमशः 42,500 रूपये एवं 32,500 रूपये के पुरस्कार से नवाजा गया। डा. जगदीश गाँधी मेमोरियल आॅडियन्स अवार्ड भारतीय फिल्म ‘द जू (चिड़ियाखाना)’ को मिला। पुरस्कार वितरण के अलावा दुनिया भर की शिक्षात्मक बाल फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा, जिनमें मनोरंजन से भरपूर अनेकों उत्कृष्ट फिल्में प्रदर्शित की गई। 

अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में पधारे फिल्म जगत की प्रख्यात हस्तियाँ ने आज एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मुलाकात की और एक स्वर से कहा कि यह बाल फिल्म महोत्सव एक ऐतिहासिक अवसर है जो छात्रों को एवं खासकर युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की प्रेरणा दे रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के फेस्टिवल डायरेक्टर श्री आर. के. सिंह ने फिल्म फेस्टिवल की अपार सफलता हेतु लखनऊ के जनमानस का हार्दिक आभार व्यक्त किया।


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