क्यों खरमास में मंगल कार्यों को करना उत्तम नही बताया गया है।गुरू का ध्यान सूर्यदेव पर:-

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कब से लगेगा खरमास

हिंदू पंचांग के मुताबिक, 14 मार्च 2024 को सूर्य देव दोपहर 12.36 बजे कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस पल से ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद जब 13 अप्रैल 2024 को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे, तब खरमास समाप्त होगा।


इस माह में सूर्यदेव की उपासना से मिलता है सर्वश्रेष्ठ फल :-


खरमास की इस अवधि में जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, नव गृह प्रवेश, विवाह आदि नहीं करना चाहिए। इसे शुभ नही माना गया है। वहीं विवाह आदि शुभ संस्कारों में गुरू एवं शुक्र की उपस्थिति आवश्यक बतायी गई है। ये सुख और समृद्धि के कारक माने गए हैं। खरमास में धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, किंतु मंगल शहनाई नही बजती।  इस माह में सभी राशि वालों को सूर्यदेव की उपासना अवश्य करनी चाहिए। 


गुरू का ध्यान सूर्यदेव पर:-:


इसका एक धार्मिक पक्ष यह भी माना जाता है कि जब सूर्यदेव बृहस्पति के घर में प्रवेश करते हैं जो देव गुरू का ध्यान एवं संपूर्ण समर्पण उन पर ही केंद्रित हो जाता है। इससे मांगलिक कार्यों पर उनका प्रभाव सूक्ष्म ही रह जाता है जिससे की इस दौरान शुभ कार्यों का विशेष लाभ नही होता। इसलिए भी खरमास में मंगल कार्यों को करना उत्तम नही बताया गया है।


आचार्य राजेश कुमार

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