मथुरा। दुनिया के सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में इस बार लोकसभा का चुनावी मुकाबला एनडीए गठबंधन के लिए उतना आसान नहीं होगा जितना समझा जा रहा है। एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में तीसरी दफा सिने तारिका ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी को टिकट देने का ऐलान पार्टी की ओर से किया जा चुका है।
अब ब्रजवासियों की नजर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी पर टिकी हैं। भाजपा की ओर से हेमा मालिनी के नाम का ऐलान होने के बाद अब लोगों की जिज्ञासा इस बात में है कि इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा, कैसा होगा, किस जाति का होगा, टक्कर दे पाएगा या नहीं, ब्रज से होगा या ब्रज से बाहर का होगा, किसान वर्ग से होगा या फिर कोई धन कुबेर? इन तमाम सवालों को लेकर जनता और राजनीतिक पंडित अपने-अपने कयास लगाने में व्यस्त हैं।
इंडिया गठबंधन से जुड़े सूत्रों की मानें तो कांग्रेस से किसी स्थानीय कद्दावर जाट नेता को चुनावी समर में उतारने का लगभग मन बना चुकी है और नाम को अंतिम रूप देने को लेकर गंभीर कांग्रेस के रणनीतिकारों के बीच गम्भीर मंथन जारी है।
सूत्रों की मानें तो मथुरा से इंडिया गठबंधन का संभावित जाट प्रत्याशी को बड़ा किसान नेता बताया जा रहा है। वजह मथुरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जाट बाहुल्य लोकसभा सीट है।
यही कारण है कि मथुरा में चौधरी चरण के अनुयायियों के रूप में किसानों की एक बड़ी संख्या है। एमएसपी की मांग को लेकर ब्रज के जाट किसान भाजपा सरकार के किसान विरोधी चरित्र को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं।यही कारण है कि चौधरी चरण सिंह के अनुयायी जयंत के एनडीए में जाने से सख्त नाराज हैं। आरएलडी के स्थानीय नेताओं के एक बड़े तबके का यह मानना है कि किसान आंदोलन के बीच में जयंत चौधरी के एनडीए चले जाना चौधरी चरण सिंह के राजनीतिक आदर्श के प्रतिकूल है। यही वजह है कि कांग्रेस के रणनीतिकारों की मान्यता है कि किसान आंदोलन को चुनावी एजेंडा के केन्द्र में रखा जाए। देखने वाली बात यह होगी कि एनडीए इंडिया पर भारी पड़ता है या फिर इंडिया एनडीए पर? यह तो चुनाव परिणाम से तय होगा।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know