वृन्दावन।आनंद वाटिका क्षेत्र स्थित सनातन संस्कार धाम में सनातन पंचांग का विमोचन चिंतामणि कुंज के महंत स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मलेन में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि सनातन पंचांग का निर्माण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी जी के द्वारा प्रत्येक वर्ष किया जाता है।यह पंचांग समाज के लिए बहुत ही उपयोगी है।जिसमें तिथि बार नक्षत्र योग करण का विस्तृत वर्णन होता है।वृंदावन के सभी देवालयों के उत्सव, सभी संतो की जयंतियां, सभी मुहूर्त विशेष विवेचना के साथ किए जाते हैं।
महंत महान डॉ. आदित्यानंद महाराज ने कहा कि जिस ग्रहण के लिए रिसर्च संस्थाएं वर्तमान में देखने में असमर्थ रहती हैं। वही पंचांगों में गणित के माध्यम से वर्ष पूर्व ही ग्रहण काल का विवरण, ऋतुओं का वर्णन तथा मौसम का वर्णन विस्तार से दिया जाता है।
सनातन संस्कार धाम के अध्यक्ष आचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने कहा कि यह पंचांग प्रत्येक वर्ष मथुरा वृंदावन की अक्षांश रेखा के अनुसार बनाया जाता है।इसकी गणित एक महीने पूर्व से की जाती है।साथ ही अंक ज्योतिष का भी इसमें विस्तार से वर्णन है। सभी मुहूर्त का भी विवरण इसमें दिया गया है।
प्रमुख धर्माचार्य आचार्य बद्रीश ने कहा कि यह पंचांग समाज के लिए बहुत ही अलौकिक पंचांग है।इस पंचांग का अक्षांश रेखांश मथुरा को लेकर के बनाया गया है।जिसमें गजेंद्र मोक्ष, ऋण मोचक, मंगल स्तोत्र, श्रीसूक्त आदि तथा धार्मिक सभी त्योहारों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,
ईश्वरचंद्र रावत, डॉ. राधाकांत शर्मा, पुष्पेंद्र शास्त्री, जितेंद्र चतुर्वेदी, गुलशेद्र चतुर्वेदी, पवन शास्त्री, दिलीप शास्त्री, नरेंद्र शास्त्री, रवि शास्त्री, अखिलेश शास्त्री एवं हरिओम शास्त्री आदि अनेकों लोग उपस्थित रहे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know