सौंदर्य काव्य का नित बढ़ाती रहूँ ,
बनके खुशबू जहाँ को महकाती रहूँ,
मेरे जीवन का लक्ष्य अब यही है बचा,
मानव की सेवा में जीवन लगाती रहूँ!
प्रियंका द्विवेदी
कौशाम्बी
उत्तर प्रदेश
प्रसन्न रहें 😊😊

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