राजकुमार गुप्तामथुरा। उत्तर प्रदेश की  राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की कुशल अध्यक्षता में विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह थे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने जल भरो अनुष्ठान के माध्यम से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी और समाज के प्रति उनके योगदान को याद करके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रामेश्वर सिंह ने अपना वक्तव्य दिया। अपने भाषण में डॉ. सिंह ने भारतीय कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने टिकाऊ पशुधन उत्पादन प्रणाली के लिए वन हेल्थ अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में 79 पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातक, 27 जैव प्रौद्योगिकी स्नातक, 32 स्नातकोत्तर और 04 डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी को डिग्री प्रदान की गईं।  राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए, उनके अच्छे भविष्य की कामना की। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने जीवन में धैर्य और दृढ़ता के महत्व के बारे में बात की। स्वर्ण पदक विजेताओं में लगभग 65% महिलाएँ थीं,  राज्यपाल ने अधिक महिला भागीदारी के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के उदाहरण के रूप में छात्राओं की शैक्षणिक उत्कृष्टता की भी सराहना की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कुपोषण जैसे कुछ गंभीर मुद्दों पर चर्चा की और छात्रों को इसके समाप्त करने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दूध के सेवन के महत्व और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में इसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला। माननीय राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की महिला अध्ययन केंद्र के प्रयासों की सराहना की, जो ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आवारा और अनुत्पादक पशु प्रबंधन, बायोगैस उत्पादन और जैविक खेती के बारे में भी चर्चा की। छात्रों के समग्र प्रदर्शन का सम्मान करने के लिए, विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्रों को विभिन्न पदक वितरित किए गए, जिनमें से 14 स्वर्ण पदकए 04 रजत पदक और 02 कांस्य पदक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा वितरित किए गए। पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातकों में, मथुरा की शिवांगी त्रिपाठी विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक की विजेता रहीं, जबकि रजत पदक अलीगढ़ की आशा यादव और कांस्य पदक एटा जिले की वंदना गुप्ता को दिया गया। जैव प्रौद्योगिकी के स्नातकों में, विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक बरेली की ऐश्वर्या उपाध्याय को प्रदान किया गया, जबकि रजत पदक बुलंदशहर की अंजनी को और कांस्य पदक मथुरा की सिमरन शर्मा को दिया गया। इसी प्रकार परास्नातक के छात्रों में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विजेता गोरखपुर के अभिषेक शर्मा और रजत पदक विजेता लखनऊ की हिमानी पांडे रहीं। विश्वविद्यालय पदकों के अलावा, विभिन्न अन्य स्वर्ण पदक जैसे आईएसवीपीटी पदक, दुवासु आईपीएसए यू.जी. स्वर्ण पदक, डॉ. पी.जी. पांडे स्मृति स्वर्ण पदक, पं. जानकीनाथ मदान मेमोरियल स्वर्ण पदक, कर्नल वाई. एन. उपाध्याय मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ. जितेंद्र कुमार मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ. पी. राय मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ. माही पाल सिंह मेमोरियल गोल्ड मेडल विश्वविद्यालय के स्नातकों को वितरित किए गए। शिवांगी त्रिपाठी चार स्वर्ण पदकों की विजेता थीं, जैसे आईएसवीपीटी पदक, दुवासु आईपीएसए यू. जी. स्वर्ण पदक, पं. जानकीनाथ मदन मेमोरियल स्वर्ण पदक और कर्नल वाई. एन. उपाध्याय मेमोरियल स्वर्ण पदक। अलीगढ़ की आशा यादव, डॉ. जितेंद्र कुमार मेमोरियल गोल्ड मेडल और डॉ. पी. राय मेमोरियल गोल्ड मेडल की विजेता रहीं। डॉ. पी.जी. पांडे मेमोरियल गोल्ड मेडल कानपुर की गरिमा सिंह को और डॉ . माही पाल सिंह मेमोरियल गोल्ड मेडल बागपत के विक्रम जीत को दिया गया। इसी तरह, महाराष्ट्र के बोंदर भूपाल भास्कर और खेरदे आदित्य राजीव को दुवासु आईपीएसए एम.वी. एस.सी. स्वर्ण और रजत पदक दिया गया। इन पदकों के अलावा, बी.वी.एस.सी. और एम.वी.एस.सी. के लिए कुलपति स्वर्ण पदक बरेली के अरुण कुमार और आगरा की इश्ता अग्निहोत्री को दिया गया। इसी कार्यक्रम में एम.वी.एस.सी. के तीन और पीएचडी के लिए दो सर्वश्रेष्ठ थेसिस पुरस्कार भी वितरित किए गए। बेसिक पशु चिकित्सा विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ एम.वी.एस.सी. थेसिस पुरस्कार की विजेता महाराष्ट्र की लावले प्रणिता मुरलीधर, पशु चिकित्सा पैरा क्लिनिकल विषयों में सर्वश्रेष्ठ थेसिस पुरस्कार पीलीभीत की कविशा गंगवार और पशु उत्पादन विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ थेसिस पुरस्कार प्रयागराज की पूजा पांडे को दिया गया। बेसिक पशु चिकित्सा विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थेसिस पुरस्कार प्रसार विभाग की डॉ. रश्मी और पशु चिकित्सा नैदानिक विषयों में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थेसिस पुरस्कार पैरासिटोलॉजी विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार को दिया गया। दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ विभाग और सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के पुरस्कार भी वितरित किए गए । सर्वश्रेष्ठ विभाग का पुरस्कार पशु चिकित्सा फिजियोलॉजी विभाग को मिला। प्रोफेसर ब्रिजेश यादव ;फिजियोलॉजी और डॉ. शालिनी वासवानी ;पशु पोषण को विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में चुना गया। प्राथमिक विद्यालयों के 25 छात्रों को कहानी की किताबें, ड्राइंग किताबें, पेंसिल बॉक्स, पेंसिल, इरेज़र और शार्पनर, क्रेयॉन रंग के पैकेट और सेब, नारंगी, बिस्किट, केक और छाछ वाले रिफ्रेशमेंट बॉक्स वितरित किए गए। माननीय राज्यपाल द्वारा 10 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को, तिपहिया साइकिल, झूला घोड़ा, अंक, अक्षर, फल, जानवरों के चित्र वाले ब्लॉक, पहेली, गेंदें, मिट्टी के छल्ले, पंचतंत्र की कहानी की किताबें, शैक्षिक मानचित्र, मार्कर और डस्टर के साथ सफेद बोर्डए किडनी के आकार की मेज और कुर्सियाँ वितरित किए गए।
समारोह में जिलाधिकारी मथुरा  शैलेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,  शैलेश कुमार पांडे, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, मथुरा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर श्री कृष्ण गर्ग, प्रोफेसर ए. सी. वाश्नेय, राजस्थान पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर सतीश कुमार गर्ग, उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष तथा मीरपुर के विधायक डॉ. डालचंद वर्मा,  विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य, विद्य्‌त परिषद के सदस्य गण सहित विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता, प्रोफेसर विकास पाठक, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, अधिष्ठाता परास्नातक, प्रोफेसर अर्चना पाठक, अधिष्ठाता, जैव प्रौद्योगिकी प्रोफेसर रश्मि सिंह, निर्देशक पैरा वेटरनरी संस्थान प्रोफेसर सरबजीत यादव, निदेशक प्रसार प्रोफेसर अतुल सक्सेना, निदेशक शोध, प्रोफेसर विनोद कुमार सहित  विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक अधिकारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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