उतरौला बलरामपुर विकास खण्ड उतरौला में ग्राम प्रधानों की ओर से कराए गए मनरेगा कार्यों के तहत आज तक भुगतान करने में सबसे पीछे दिखाई पड़ रहे हैं।
ग्राम पंचायतो में हुए इस विकास खण्डों के ग्राम प्रधान बहुत ही ज्यादा परेशान हैं। कार्य कराने के बावजूद भी वह मनरेगा मजदूरों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। बताते चलें कि वर्ष 2021-22 से इस विकास खण्ड मनरेगा के तहत कार्य कराने के बाद भी ग्राम प्रधानों का भुगतान अभी भी रुका हुआ है। ग्राम प्रधानों ने लगभग तीन करोड़ दस लाख रूपऐ की सामग्री का बकाया भी है। नियमानुसार साठ प्रतिशत कच्चा काम व पैंतालीस प्रतिशत पक्का काम मनरेगा योजना के तहत मिले धन से ग्राम पंचायतों में कराना पड़ता है,इसी में मजदूरों का भुगतान व सामग्री का धन भी शामिल होता है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि कच्चे कार्य कराने के लिए लगाए गए मजदूरों का भुगतान भी लम्बे समय से बकाया चल रहा है। वहीं पक्का कार्य कराने के लिए ईंट सरिया सीमेंट और मिस्त्री की मजदूरी का भी पैसा बाकी है। ईंट भट्ठा संचालक और सामग्री देने वाले दूकानदार लगातार भुगतान के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन मनरेगा योजना के अन्तर्गत करायें गए कार्य का भुगतान खण्ड विकास अधिकारी की ओर से नहीं किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि उतरौला विकास खण्डो में ग्राम प्रधानों के द्वारा कराए गए पक्के कार्यों का लगभग सोलह करोड़ रुपए की सामग्री का बकाया है। ग्राम प्रधानों ने खण्ड विकास अधिकारी पर भुगतान न कराए जाने का हीला हवाली का आरोप लगाते हुए कहा कि डी सी मनरेगा से जब तक इस बारे में बात की गई है कि जिले के अधिक तर ग्राम पंचायतों में मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान किया जा चूका है।
उतरौला के विकास खण्ड अधिकारी की ओर से रुचि न लेने के कारण से ही भुगतान नहीं हो पा रहा है। जब कि बी डी ओ नेटवर्क प्रालम्भ होने की वजह से भुगतान न होने का अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
असगर अली
उतरौला
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