राजकुमार गुप्ता
मथुरा। वात्सल्य ग्राम के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर राही की चौथी पुस्तक सरयू की सिसकियां का विमोचन अयोध्या धाम में रामोत्सव के अंतर्गत संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी आशुतोष द्विवेदी द्वारा किया गया। सरयू की सिसकियां 1990 में श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 30 अक्टूबर से दो नवंबर को हुई कार सेवा पर आधारित है। विमोचन करते हुए आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि राही एक अच्छे कवि ही नहीं, लेखक भी हैं सरयू की सिसकियां इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। जिसमें उन्होंने गद्य एवं पद्य के माध्यम से श्री राम जन्मभूमि कारसेवक का मार्मिक वर्णन किया है। यह पुस्तक आगे चलकर इतिहास बनेगी। बनारस के कवि चन्द्र शेखर गौतम ने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी को अयोध्या आन्दोलन से अवगत कराएगी। देहरादून से आये कवि श्रीकान्त श्री ने कहा कि राही ने सरयू की सिसकियां लिखकर अपने कवि धर्म निभाया वह कविता लिखते ही नहीं जीते भी हैं। इस अवसर पर ओज कवि सौरभ शर्मा संभल, अखिलेश लखनऊ, अखिलेश मिश्र अभिनव अभिराम पाठक छतरपुर अभिजीत रायबरेली से अभिजीत कुमार उपस्थित उपस्थित रहे पुस्तक प्रकाशन पर डाक्टर रमाशंकर पाण्डेय, देवी प्रसाद गौड़, मोहन लाल मोही, के सी गौड़, ब्रज भूषण चतुर्वेदी, राजेन्द्र सिंह अन्य साहित्यकारों, विश्व हिंदू परिषद एवं संघ के लोगों ने बधाइयां दी।
मथुरा। वात्सल्य ग्राम के प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर राही की चौथी पुस्तक सरयू की सिसकियां का विमोचन अयोध्या धाम में रामोत्सव के अंतर्गत संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी आशुतोष द्विवेदी द्वारा किया गया। सरयू की सिसकियां 1990 में श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 30 अक्टूबर से दो नवंबर को हुई कार सेवा पर आधारित है। विमोचन करते हुए आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि राही एक अच्छे कवि ही नहीं, लेखक भी हैं सरयू की सिसकियां इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। जिसमें उन्होंने गद्य एवं पद्य के माध्यम से श्री राम जन्मभूमि कारसेवक का मार्मिक वर्णन किया है। यह पुस्तक आगे चलकर इतिहास बनेगी। बनारस के कवि चन्द्र शेखर गौतम ने कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी को अयोध्या आन्दोलन से अवगत कराएगी। देहरादून से आये कवि श्रीकान्त श्री ने कहा कि राही ने सरयू की सिसकियां लिखकर अपने कवि धर्म निभाया वह कविता लिखते ही नहीं जीते भी हैं। इस अवसर पर ओज कवि सौरभ शर्मा संभल, अखिलेश लखनऊ, अखिलेश मिश्र अभिनव अभिराम पाठक छतरपुर अभिजीत रायबरेली से अभिजीत कुमार उपस्थित उपस्थित रहे पुस्तक प्रकाशन पर डाक्टर रमाशंकर पाण्डेय, देवी प्रसाद गौड़, मोहन लाल मोही, के सी गौड़, ब्रज भूषण चतुर्वेदी, राजेन्द्र सिंह अन्य साहित्यकारों, विश्व हिंदू परिषद एवं संघ के लोगों ने बधाइयां दी।
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