मथुरा। धार्मिक नगरी वृन्दावन स्थित शोध संस्थान में आयोजित तरुणी सम्मेलन धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। इससे पहले मुख्य अतिथि डीपीआरओ किरन चौधरी, मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक अरुण कुमार ने भारत माता के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य अतिथि डीपीआरओ किरन चौधरी ने माता एवं तरुणी बहनों को संबोधित करते हुए कहा शिक्षा सर्वोपरि है। शिक्षा केवल स्कूल से नहीं मिलती, घर, समाज किसी भी, व्यक्ति से हम जो सीखते हैं वह शिक्षा है। डॉ. तपस्या शर्मा ने कहा लर्निंग लेबर और कानून का सामान्य एक देश के विकास का आधार बनेगा। नारी की आत्मनिर्भरता क्यों आवश्यक है। मुख्य वक्ता अरुण कुमार ने कहा नवरात्रों में साक्षात तरुणी मातृशक्ति की आराधना है। हिंदू विचारधारा के पुरुषार्थ हैं। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, धर्म और अर्थ प्रारब्ध पर निर्भर है। दृष्टि ऊंची तो मानव ऊंचा रहता है। भगवान शिव का दो प्रकार से वर्णन है। श्मशान के रहने वाला और अर्धनारीश्वर परिवार सर्वोपरि हितैषी है। मातृशक्ति से सीधे ईश्वर उत्पन्न हुआ है। ईश्वर से सीधे मातृशक्ति उत्पन्न हुआ। 46 सभ्यताओं का जन्म हुआ। जिसमे ंहिन्दु सभ्यता विशेष सभ्यता है। अस्तित्व पर जोड़ देना परिवार के साथ अपनापन अस्तित्व होकर रहना चाहिए। अब बेटियों को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता आजादी के बाद नारी शक्ति बंधन अधिनियम के रूप में मातृशक्तियों को ऐसी ताकत मिली है। इस अवसर पर विभाग सम्पर्क प्रमुख मनीष कुमार, सह जिला संघचालक संजय पाण्डे, जिला प्रचारक चन्द्रशेखर, जिला कार्यवाह अरुण दीक्षित,सह जिला कार्यवाह बृजेश, सह जिला प्रचार प्रमुख विजय राघव, वंदना अरोड़ा, महिमा अरोड़ा, नीलम गोस्वामी, सह नगर कार्यवाह नृत्यगोपाल दुबे, नगर सम्पर्क प्रमुख यतेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ.देवप्रकाश आदि मौजूद रहे।
तरुणी सम्मेलन में महिला शक्ति ने किया आत्मनिर्भर भारत पर मंथन
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