मथुरा।परम श्रद्धेय डाॅ. गुणप्रसाद के आयोजन में श्री गणेश पंचायत
महायज्ञ का आयोजन हनुमान गढ़ राजस्थान में हुआ, उसी पण्डाल में वैदिक परम्परा के साथ जो कि रामराज्य परिषद की पद्धति है उसमें
अखिल भारतीय रामराज्य परिषद का 76वां अधिवेशन संत स्वामी वेदान्त महाराज अध्यक्ष श्री राम मंदिर न्यास ट्रस्ट अयोध्या की अध्यक्षता में
सम्पन्न हुआ, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साध्वी ऋतभंरा एवं प्रखर
महाराज और विशिष्ट अतिथि समर्थ त्रयम्बेश्वर महाराज थे इस
सम्मेलन में देश के कोने-कोने से पधारे संत महात्माओं में सर्वेश्वर
महाराज, श्रीधरमहाराज, बगीश स्वरूप महाराज, गणेश स्वरूप
महाराज गंगा नगर धर्मसंघ वाले, केशव स्वरूप महाराज,प्रमोद
माहेश्वरी प्रचार मत्री अखिल भारतीय रामराज्य परिषद, देवेश शर्मा, पं राकेश शर्मा, अमन सरदार, रूद्र सरदार, अनिल दीक्षित, विद्याभूषण शर्मा
आदि विद्वान उपस्थित थे। अधिवेशन का संचालन महामंत्री देवेन्द्र चतुर्वेदी
के द्वारा किया गया, इस अधिवेशन में महत्वपूर्ण विषयो पर चर्चा हुई।
1. भारत में सनातन संस्कृति का विरोध दिन पर दिन राजनैतिक
पार्टियों के द्वारा हो रहा है।
2. गऊ हत्या का पाप दिन-पर-दिन बढ़ता जा रहा है।
3. मनुवादियो को राजनेताओं के द्वारा अपमानित किया जा रहा है।
4. अम्बेडकर के द्वारा जो मनुस्मृति का विरोध है उनके
अनुयायियों के द्वारा आज भी रोज सनातनियों को अपमानित किया जा रहा है।5. बाहर से घुसपैठियों को देश की राजनैतिक पार्टियां मदद कर रही हैं
वह ही घुसपैठियों सनातन संस्कृति को समाप्त करना चाहते हैं
उनका राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है।
अतः अखिल भारतीय रामराज्य परिषद के अध्यक्ष त्रम्बकेश्वर
महाराज एवं डाॅ. गुण प्रसाद महाराज इस अधिवेशन के माध्यम
से देश की करोड़ों सनातनी जनता का अपमान का अनुरोध का
विरोध करते हैं तथा सरकार से यह प्रार्थना करते हैं कि भारती संस्कृति की रक्षा की जाये, इसी में सभी का कल्याण है, रामराज्य
परिषद हमेशा से मनुवाद एवं वर्ण व्यवस्था की पक्षधर है। सरकार
इस पर ध्यान दें, अंत में संचालन करते हुए रामराज्य परिषद के
महामंत्री ने भारत की सरकार से विनम्र प्रार्थना करते हुए कहा कि
भारत का संविधान सिर्फ सनातन संस्कृति का विरोध करता है।
इसमें संशोधन की जरूरत है। इस विषय पर रामराज्य परिषद की माग है कि इस संशोधन पर ध्यान दे।
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