मथुरा। डायट के छात्रों के माध्यम से समस्त 1536 विद्यालयों का जियो टैगिंग का कार्य किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यों में लापरवाही के लिए एबीएसए मथुरा तथा समस्त पांच एआरपी से स्पष्टीकरण मांगा। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने विद्यालयों को सामाजिक, व्यक्तिगत सहयोग तथा सीएसआर के माध्यम से फर्नीचर उपलब्ध कराने के संबंध में समीक्षा की। जिस पर बीएसए ने बताया कि लगभग 840 स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध है तथा 639 स्कूलों में फर्नीचर नहीं है, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी एवं बीएसए को निर्देश दिये कि कार्य योजना बनाते हुए आगामी सीएसआर फंड का प्रयोग छूटे स्कूलों में फर्नीचर के लिए किया जाये। सीएसआर का सही प्रयोग होना चाहिए। जिलाधिकारी ने डीबीटी की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि सभी बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से ससमय पैसा उपलब्ध कराया जाये। श्री सिंह ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में षिक्षकों की भर्ती, स्कूलों में मेडीकल कैम्प आयोजन कराने, बच्चों की उपस्थिति आदि के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों में हेल्थ कैम्प नियमित रूप से लगाये जायें तथा बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों को प्रेरित करें। बीएसए ने बताया कि लगभग 325 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चालू हो गई हैं। स्कूलों में अधिकाधिक छात्रों के नामांकन हेतु स्कूल चलो अभियान माह अप्रैल में वृहद रूप से चलाया जायेगा। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बीएसए एवं एबीएसए द्वारा सस्पेंड किये गए शिक्षकों को बहाल करने की कार्यवाही सीडीओ एवं जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। बहाल करने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट आख्या लगाकर प्रस्तुत करें। अनावश्यक किसी भी शिक्षक को परेशान न किया जाये। यदि किसी शिक्षक को सस्पेंड किया जा रहा है, तो उसके विरूद्ध पुख्ता साक्ष्य, अभिलेख अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करें।
639 स्कूलों में नहीं है फर्नीचर, 325 में चल रहीं स्मार्ट क्लास,जियो टैगिंग की गति भी मिली सुस्त, मांगा स्पष्टीकरण
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