एसडीएम को हटाने में आयुक्त व डीएम ने नही ली रुचि
तहसील मुख्यालय मनकापुर में उपजिलाधिकारी के खिलाफ 12वें दिन सोमवार को भी अधिवक्ता क्रमिक अनशन पर जमे रहे।बार एसोसिएशन समिति के नामित अध्यक्ष श्याम लाल शुक्ल ने बताया कि एसडीएम राजीव मोहन सक्सेना को हटाने के मामले में जिलाधिकारी नेहा शर्मा मौन हैं। महीनों से कामकाज ठप कर शासन प्रशासन से सही कार्य न करने वाले अधिकारी को हटाने की मांग समाज का शिक्षित वर्ग कर रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार पर जीरोटांलरेंश का दावा करने वाली सरकार व प्रशासन समाधान तलाशने में विफल होकर चुप चाप बैठा है। भ्रष्टाचार में डूबा अधिकारी राजीव मोहन सक्सेना जनपद गोंडा में अरसे से जमे हैं।जो तहसीलदार के रूप में गोंडा सदर, कर्नलगंज व तरबगंज में अपने प्रशासनिक कदाचार व भ्रष्ट आचरण के चलते आन्दोलन से हटाए गए थे। फिर इसी जनपद में प्रोन्नति पाकर एसडीएम बनने के बाद मनकापुर में उनके 06 माह के कार्य काल में छठी बार अधिवक्ता संघ मनकापुर द्वारा इनके साथ कामकाज न करने का संकल्प लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात कर इन्हें तत्काल हटाने की मांग किया गया। वहां से सुनवाई न होने पर मंडल के तेज तर्रार आयुक्त देवी पाटन मंडल गोंडा योगेश्वर राम मिश्र से संयुक्त जिला व सिविल बार मिलकर इस बदनाम अधिकारी को जनपद से बाहर कराने की मांग किया गया। फिर भी जिलाधिकारी गोंडा की चुप्पी पर अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिले के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, विधायक गौरा प्रभात वर्मा व मनकापुर विधायक रमापति शास्त्री से भी मिला। फिर भी जिलाधिकारी चुप हैं। लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर भाजपा के शासनकाल में जन आकांक्षाओं के विपरीत जिलाधिकारी गोंडा ऐसे अधिकारी का बचाव क्यों कर रही हैं? साथ ही साथ जनपद मुख्यालय पर रंगाई पुताई के ठेके पर भी अधिकारियों पर भाई भतीजावाद का आरोप लगा कर प्रदेश में योगी सरकार के कथनी करनी में अंतर होना दिखाई पड़ रहा है। जो आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के लिए स्थानीय स्तर पर एक गम्भीर चुनावी मुद्दा बन सकता है।
अनशन स्थल पर अधिवक्ता कृष्णा कांत मिश्र,बी के उपाध्याय, अम्बुज तिवारी, अरूण कुमार पांडेय, परमेश्वर शरण पांडेय, अजय कुमार शुक्ल, शिवकुमार कौशल, सुधीर, प्रवीण कुमार तिवारी आदि उपस्थित रहे।
ब्यूरो चीफ गोंडा_prashant mishra
9451037631
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know