मथुरा।गौ रक्षा आन्दोलन के सूत्रधार सनातन धर्म के रक्षक
स्वामी करपात्री जी महाराज के निर्माण महोत्सव अखिल
भारतीय रामराज्य परिशद व धर्मसंघ मथुरा इकाई के द्वारा
वैदिक मंत्रों से षुरूआत हुई। मंगलाचरण मं े गोपाल चतुर्वेदी
एवं भामा पं. के द्वारा मंगलाचरण हुआ, कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामानुजाचार्य जी के पुत्र भैय्या जी द्वारा की गयी, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामराज्य परिशद के नेता देवेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा करपात्री जी महाराज के विशय में
प्रकाष डाला, चतुर्वेदी जी ने कहा कि भारतीय विधान का
सर्वप्रथम विरोध करने वाले करपात्री जी महाराज थे, एक
बहुत बडे साम्यवादी नेता ने कहा यदि कम्यूनिश्ठों के पास
धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज जैसा नेतृत्व होता तो
पूरे विष्व में हमारा षासन होता, लेकिन दुर्भाग्य है कि हिन्दुओं का जो इस नेतृत्व से लाभ नहीं उठा पा रहे, आज धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का निर्वाण दिवस है। जैसे सहस्त्रो तारो के मध्य चंद्रमा की शोभा होती है
उसी तरह भारत के अनगिनत पारम्परिक शिष्यों में स्वामी
करपात्री जी महाराज षोभायमान हैं। स्वामी करपात्री जी महाराज ने सनातन धर्म के लिए रामराज्य परिशद पार्टी का गठन किया और पाकिस्तान बनने का विरोध किया, वह स्वामी करपात्री जी महाराज थे जो स्वतंत्रता आन्दोलन के पहले बन्दी करे, हिन्दु कोर्ट बिल, गौरक्षा आन्दोलन, रामजन्मभूमि आन्दोलन सर्वप्रथम स्वामी करपात्री जी महाराज की देन है। आज प्रचार माध्यम से अन्य पार्टियां इसका लाभ उठा रही है।
अतः सनातन जनता से रामराज्य परिशद के नेता देवेन्द्र चतुर्वेदी ने निर्वाण दिवस पर कहा कि सनातनी होने के नाते स्वामी करपात्री जी महाराज के ग्रथो का अध्ययन करे और रामराज्य परिशद से जुड़े। इसी में हिन्दु हित है। अन्य वक्ताओं में महेष पांडे, सुरेष पाठक, आदि व्यक्तियों ने
अपने उद्बोदन दिये। कार्यक्रम में मौजूद रहे लालकृश्ण,बालकृश्ण, अरविन्द सरकार, अमन, उदय, कुलदीप आचार्य, संजय अग्रवाल, श्री मालियों के तीर्थ पुरोहित
अनिल पिल्लू, कन्हैया अग्रवाल, बसन्तलाल जी मुखिया,
गुड्डू मगौड़ा, पाला सरदार, मुरारीलाल, राजू गुरू, दाऊजी
चतुर्वेदी, घंटोला गुरू, आदि मौजूद रहे।
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