वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित यशोदानंदन धाम में श्रीराधाकृष्ण प्रेम संस्थान(राजि.) के द्वारा चल रहा
भक्तिमती पदमा बाई (बुआजी) का अष्टदिवसीय पंचम पुण्य स्मृति महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।जिसके अंतर्गत श्रीमद्भागवत कथा, भजन संध्या एवं हवन आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।
महोत्सव के समापन पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री व श्रीराम कथा मर्मज्ञ अशोक व्यास महाराज ने कहा कि निकुंजवासी भक्तिमती पदमा बाई (बुआजी) अत्यंत सेवा भावी व भजनानंदी संत थीं।वे अपने परमाराध्य ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज से नित्य लाड़-लड़ाया करती थीं।
भागवताचार्य विपिन बापू व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि भक्तिमती पदमा बाई (बुआजी) ब्रज निष्ठ, धाम निष्ठ व भगवद निष्ठ संत थीं।उन्होंने अपना समूचा जीवन इन्ही की सेवा, पूजा व साधना में व्यतीत किया।
महोत्सव में साध्वी माँ भावना रामानुजम माताजी एवं अशोक शास्त्री महाराज ने कहा कि भक्तिमती पदमा बाई (बुआजी) श्रीधाम वृन्दावन की बहुमूल्य विभूति थीं।उन जैसी दिव्यात्माओं से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
इससे पूर्व श्रीहनुमद् आराधना मंडल परिवार द्वारा सुंदरकाण्ड का संगीतमय सामूहिक पाठ किया गया।
इस अवसर पर आचार्य विनय त्रिपाठी, आचार्य युगल किशोर कटारे, जगदीश शास्त्री, पंडित बुद्धिप्रकाश महाराज, विजय कुमार रिंणवा, डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित राजेश कृष्ण, मुख्य यजमान श्रीमती शालिनी खंडेलिया, गोपाल खंडेलिया, श्रीमती प्रभा गोयल, सुरेंद्र गोयल, डॉ. डी.डी. गेरा, उनेजा गोविंद खंडेलिया, श्रीमती बीना यज्ञसेनी, नंदलाल यज्ञसेनी एवं श्रीमती लक्ष्मी रिंणवा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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