ब्रह्मज्ञान के बिना ईश्वर को समझ पाना बेहद कठिन है।
पूर्ण गुरू के बिना ब्रह्मज्ञान असम्भव है।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा
बलरामपुर के तुलसीपार्क मे चल रहे पांच दिवसीय श्री हरिकथामृत के तीसरे दिन कथा दौरान बताया दिव्य गुरू आशुतोष महाराज केवल ईश्वर की कथा के बारे में ही नहीं बताते बल्कि ब्रह्मज्ञान प्रदान कर साक्षात ईश्वर दर्शन भी कराते हैं गुरु अपने शिष्यों के अंदर आध्यात्मिक ज्ञान पैदा करते हैं वह आत्म दर्शन कराते हैं गुरु विश्वामित्र यज्ञ की रक्षा करने के लिए राम लक्ष्मण को राजा दशरथ से मांगने के लिए अयोध्या पहुंचे और वहां से राम और लक्ष्मण को लेकर अपने आश्रम आये वहां पर राम और लक्ष्मण ने अनेकों राक्षसों का विनाश व यज्ञ की रक्षा की वहीं पर गुरु विश्वामित्र को राजा जनक द्वारा आयोजित सीता स्वयंवर का समाचार मिला/उस स्वयंवर में राम लक्ष्मन को लेकर गुरु विश्वामित्र जनकपुर पहुंचे स्वयंवर में शिव जी के धनुष को तोड़ कर भगवान राम ने सीता जी के साथ विवाह संपन्न किया/ स्वामी अर्जुनानंद जी ने कथा में गंगा जी के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा नदी भारत की पवित्र नदी है वह निरंतर बहते हुए संघर्ष करने का संदेश दे रही है । कथा प्रसंग में राम और केवट का संवाद सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो उठे *दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के क्षेत्रीय प्रतिनिधि स्वामी यशवीर जी ने बताया कि यह कथा मंथन प्रकल्प गरीब व असहाय बच्चो के (शिक्षा-दीक्षा)सहायतार्थ की जा रही है* संस्थान के द्वारा श्रावस्ती जिले मे सिरसिया ब्लाक के जमुनीकला मे अभावग्रस्त बच्चो के लिए शिक्षा के साथ सभी सुबिधायें नि:शुल्क दी जा रही है इस कथा में जनार्दन पांडे,सरदार प्रितपाल सिंह,संजय शर्मा, अजय मिश्र,हीरालाल दुशाध, अजय श्रीवास्तव, राधेश्याम मिश्रा, एडवोकेट अजय श्रीवास्तव केवल शर्मा आदि कई सौ भक्त लोग सम्मिलित हुए
उमेश चन्द्र तिवारी
9918108448
हिंदी संवाद न्यूज़
बलरामपुर
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