जीआईएस और जीबीसी के केंद्र में युवा, उद्योग लगेंगे और बनेंगे नौकरी-रोजगार के अवसर: मुख्यमंत्री

 

प्रदेश सरकार की रोजगारपरक नीतियों से युवाओं को परिचित कराएंगे सेवानिवृत्त अधिकारी और वरिष्ठ शिक्षाविद

 

मुख्यमंत्री ने गठित की सेवानिवृत्त 12 आईएएस, 04 आईपीएस, 07 आईएफएस अधिकारियों और 19 शिक्षाविदों की खास टीम

 

तमिलनाडु से लौटे 60 हजार कुशल कामगार, उत्तर प्रदेश में दिखा सुखमय भविष्य: मुख्यमंत्री

 

युवाओं को रोजगार से जोड़ने को मिशन मोड में प्रदेश सरकार

 

मुख्यमंत्री के विजन और मिशन से युवाओं का परिचय कराने विश्वविद्यालयों में जाएंगे सेवानिवृत्त अधिकारी और शिक्षाविद

 

● ₹10 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की एक साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों का समूह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के विविध आयामों से युवाओं का परिचय करायेगा। इसके लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 12, भारतीय पुलिस सेवा के 04 और भारतीय वन सेवा के 07 अधिकारियों (सभी सेवानिवृत्त) तथा 19 शिक्षाविदों सहित की 42 सदस्यीय टीम गठित की है। आगामी 17-18 फरवरी को यह टीम अलग-अलग विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर नौकरी/रोजगार/सेवायोजन से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी, साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 और जीबीसी@IV के संबंध में जागरूक करेगी। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर अयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों की 42 सदस्यीय विशेष टीम के साथ संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश:

 

विगत वर्ष 10-12 फरवरी तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की अभूतपूर्व सफलता से आप सभी सुपरिचित हैं। लगभग ₹40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए और अब एक वर्ष के भीतर ही इन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है। यह प्रदेश के समग्र विकास और हमारे युवाओं के नौकरी/सेवायोजन के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।आप सभी प्रदेश की इस सफलता के साक्षी रहे हैं, सहयात्री रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है। देश और प्रदेश के समग्र विकास में हमें इन संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा। आप सभी के पास सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निर्वहन किया है। आपके इन अनुभवों से हमारे युवा लाभान्वित हों, इसके लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

 

इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे प्रयास केवल उद्यमियों के लिए नहीं हैं, अपितु इसके केंद्र में हमारा युवा वर्ग है। इसका सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को ही होगा। उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे और इसका सीधा लाभ हमारे युवा को होगा।  हम अपने युवाओं का कौशल उन्नयन भी कर रहे हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर भी बना  रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश में विकास में असमानता एक बड़ी समस्या रही है। मध्य उत्तर प्रदेश और एनसीआर की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड का बहुत कम विकास हुआ था। यहां न तो इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट का काम हुआ था न ही लोगों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में उद्योग नहीं लग पाए। नतीजतन यहां के युवाओं के सामने पलायन का संकट रहा। हमने इस असमान विकास की समस्या के स्थायी निराकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं।

 

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें प्रदेश के हर जिले के लिए निवेश मिला है। अब औद्योगिक विकास केवल एनसीआर अथवा कुछ चुनिंदा नगरों तक सीमित नही है, बल्कि हर एक जिला इससे लाभान्वित है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का लाभ प्रदेश के सभी 75 जिलों को मिलेगा। 19 फरवरी के मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा।

 

किसी भी योजना की सफलता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह योजना जिसके लिए बनाई गई है, उसे उसकी जानकारी हो। अच्छी योजनाएं जागरूकता के अभाव में असफल हो जाती हैं। इसलिए सरकार, इंडस्ट्री और शिक्षण संस्थाओं के बीच सतत संवाद और संपर्क महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार आप सभी अनुभवी अधिकारियों और शिक्षाविदों का सहयोग ले रही है।

 

जीबीसी@IV के आयोजन के पूर्व विश्वविद्यालयों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में आप सभी का युवाओं से संवाद महत्वपूर्ण होगा। संवाद करते हुए आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी दें। भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से उनका परिचय कराएं। उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें। ताकि अधिकाधिक युवा योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह समिट किस प्रकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी होगा, इस संबंध में मार्गदर्शन करें।

 

हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जो बताती है कि तमिलनाडु से 60 हजार श्रमिक प्रदेश वापस लौटे। यह सभी टेक्सटाइल सेक्टर में कार्य कर रहे थे। निश्चित रूप से इन्हें उत्तर प्रदेश में अपने सुखमय और सुरक्षित भविष्य की संभावना दिखी होगी, तभी इन्होंने उत्तर प्रदेश लौटने का निर्णय लिया। यहां यह भी समझना होगा कि यह श्रमिक केवल फैक्ट्री में काम ही नहीं करते हैं, यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान भी करते हैं। इसी तरह, कोरोनाकाल में प्रदेश लौटे प्रवासी जनों की हमने स्किल मैपिंग की और यहीं रोजगार मुहैया कराया। 

 

विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करना चाहिए। यहां अध्ययनरत युवा सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सुगमतापूर्वक परिचित हो सकें, इसके लिए सहज व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को इसके लिए स्वप्रेरणा से कार्य करना होगा।

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जीबीसी 4.0 के बाद ग्रेटर नोएडा में बिल्डर प्लॉट्स की होगी बड़े स्तर पर नीलामी, लगेगी अरबों रुपए की बोली

 

-सीएम योगी के विजन अनुसार ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी प्रक्रिया की शुरू

 

-13938.50 से लेकर 38711 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया को मिलेगी ई-ऑक्शन से गति

 

-67.32 करोड़ से लेकर 178.34 करोड़ रुपए के बीच इन प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस किया गया है निर्धारित

 

-30 दिन में पोजेशन व लीज प्लान की उपलब्धता समेत तमाम सहूलियतें प्लॉट प्राप्त करने वाले बिल्डर्स को मिलेंगी यहां

 

लखनऊ/ ग्रेटर नोएडा, 16 फरवरी। उत्तर प्रदेश में समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) के आयोजन के साथ ही ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हाउसिंग व कमर्शियल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, सीएम योगी के विजन अनुसार ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि 18215 से लेकर 38711 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले इन प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस 83.78 करोड़ रुपए से लेकर 178.34 करोड़ रुपए के बीच निर्धारित किया गया है। खास बात यह भी है कि बिल्डर प्लॉट आवंटन स्कीम के जरिए जिन प्लॉट्स का ऑक्शन किया जाएगा वह ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट के पास ही स्थित हैं। साथ ही, जिन सेक्टर्स में इस स्कीम के जरिए बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा वह कनेक्टिविटी के लिहाज से भी बेहद अहम होगी। फिलहाल, इस स्कीम के तहत ई-ऑक्शन प्रक्रिया के जरिए जिन प्लॉट्स की नीलामी होनी है उनकी ब्रोशर डाउनलोडिंग व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है तथा 1 अप्रैल 2024 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

 

सेक्टर 12 व सिग्मा-3 समेत कई सेक्टर के प्लॉट्स होंगे आवंटित

सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है उनमें म्यू (एमयू), ओमीक्रॉन-1, इटा-02, सिग्मा-3 सेक्टर 36 व सेक्टर 12 प्रमुख हैं। प्रक्रिया के अंतर्गत म्यू सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच-02ई (जिसका वर्ग क्षेत्र 18215 स्क्वेयर मीटर निर्धारित है) का रिजर्व्ड प्राइस 87.78 करोड़ रुपए रखा गया है। इसी प्रकार ओमीक्रॉन-1ए सेक्टर में प्लॉट जीएच-01/जीएच01ए (जो कि 30470.52 स्क्वेयर मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 140.16 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, इटा-02 सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच01ए (जोकि 28265 वर्ग मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 143.02 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, सिग्मा-3 सेक्टर के प्लॉट नंबर 151 (जो कि 30000 वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है) का रिजर्व प्राइस 138 करोड़ तथा प्लॉट नंबर 207 (जो कि 38771 मीटर वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है और स्कीम के तहत आवंटित होने वाला सबसे बड़े प्रसार क्षेत्र वाला प्लॉट है) का रिजर्व प्राइस 178.34 करोड़ रुपए रखा गई है जो कि सर्वाधिक है। 

 

सेक्टर 12 के 2 प्लॉट्स का भी प्रक्रिया के जरिए होगा ऑक्शन

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिन 8 चिह्नित बिल्डर प्लॉट्स के ई-ऑक्शन की प्रक्रिया जीबीसी-4.0 के बाद पूरी की जाएगी उनमें ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 12 के दो केटेगरी के प्लॉट्स भी शामिल हैं। इनमें से सेक्टर 12 के जीएच-01/बी, सी, डी, , जे व के में 32350 वर्ग मीटर के प्लॉट भी शामिल हैं जिनका रिजर्व्ड प्राइस 130.05 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, सेक्टर 12 के ही जीएच-01/एफ, जी, एच व आई में 22558 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले प्लॉट का रिजर्व प्राइस 90.68 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सेक्टर 36 के प्लॉट बी-255 (जिसका 13938.50 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रसार है) का रिजर्व प्राइस 67.32 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है जो कि स्कीम के तहत सबसे कम क्षेत्रफल और सबसे कम रिजर्व प्राइस वाला प्लॉट है। उल्लेखनीय है कि यह सभी प्लॉट्स जेवर एयरपोर्ट के पास स्थित होने के कारण बेहतर कनेक्टिविटी युक्त हैं और यही कारण है कि भविष्य में इन क्षेत्रों का पौश रेजिडेंशियल व कमर्शियल एरिया के रूप में विकास सुनिश्चित हो सकेगा। ऐसे में, योगी सरकार ने इन प्लॉट्स की क्षमता को पहचानते हुए अभी से इस क्षेत्र का विकास शुरू कर दिया है।

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जीबीसी 4.0 : राजधानी के साथ ही सभी 75 जिलों में भी होगा भूमि पूजन समारोह का आयोजन

 

- राजधानी लखनऊ में पीएम और सीएम करेंगे जीबीसी 4.0 का शुभारंभ, जिलों में डीएम होंगे कर्ता-धर्ता 

 

- 10 करोड़ से कम के निवेश वाले उद्यमियों के लिए जनपद मुख्यालय में होगा भूमि पूजन समारोह का आयोजन

 

- सभी जिलों में समारोह के दौरान वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का भी किया जाएगा प्रदर्शन

 

- राजधानी में होने वाले मुख्य आयोजन का सभी 75 जिलों में होगा लाइव टेलीकास्ट

 

- 8735 निवेश परियोजनाओं के लिए जिलों में होगा भूमि पूजन समारोह

 

लखनऊ, 16 फरवरी। उत्तर प्रदेश में अबतक के सबसे बड़े निवेश के लिए होने जा रहे भूमि पूजन समारोह (जीबीसी 4.0) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने का ये महा आयोजन कई मायनों में बेहद खास होने जा रहा है। 19 से 21 फरवरी तक आयोजित होने वाला मुख्य समारोह जहां राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के सभी 75 जिलों में भी 19 फरवरी को जीबीसी 4.0 का आयोजन किया जाएगा। मुख्य आयोजन स्थल लखनऊ में देश विदेश के लब्ध उद्योगपतियों की उपस्थिति होगी। वहीं जिलों में 10 करोड़ से कम का निवेश करने वाले उद्यमियों के साथ ही स्थानीय उद्योग से जुड़े गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। इसके अलावा जहां एक तरफ लखनऊ में आयोजित होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी मौजूदगी होगी तो वहीं जिलों में आयोजन के मुख्य कर्ता-धर्ता की भूमिका में जिलाधिकारी होंगे।

 

1 से 10 करोड़ की 8 हजार 735 परियोजनाएं

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के माध्यम से प्रदेश में कुल 10 लाख 15 हजार 583 करोड़ की 14 हजार 537 परियोजनाएं धरातल पर उतरने को पूरी तरह तैयार हैं। इनमें 500 करोड़ की 300 परियोजनाएं, 100 से 500 करोड़ की 895 परियोजनाएं, 10 से 100 करोड़ की 4 हजार 577 परियोजनाएं, 1 से 10 करोड़ की सर्वाधिक 8 हजार 735 परियोजनाएं शामिल हैं। सभी परियोजनाओं के धरातल पर आने के बाद 34 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। कुल मिलाकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4.0 संपूर्ण प्रदेश के साथ ही प्रत्येक जिले में भी औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगी।

 

ओडीओपी की लगेगी प्रदर्शनी

सीएम योगी के निर्देश है कि जिलों में होने वाले जीबीसी 4.0 आयोजन के दौरान वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई जाए। साथ ही जीबीसी के लिए रेडी प्रोजेक्ट के ग्राउंड वैरिफिकेशन का कार्य शत प्रतिशत पूरा किया जाए। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि जीबीसी 4.0 के आयोजन के वक्त होने वाले नये निवेश के लिए भी लैंड फैसिलिटेशन की सुविधा हो। जनपदों में होने वाले आयोजन के दौरान निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों के सामने 'उद्यम प्रदेश' के रूप में तब्दील होते नए यूपी की झलकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी सभी जिलों में आयोजित समारोह के दौरान किया जाएगा।

 

बता दें कि गत वर्ष फरवरी माह में योगी सरकार ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपी जीआईएस - 2023) का आयोजन किया था। इससे पहले सरकार के मंत्रीगण और अधिकारियों ने दुनिया के बड़े औद्योगिक शहरों के साथ ही देशों के सभी बड़े महानगरों में रोड शो का आयोजन करके उद्योग जगत के साथ संवाद स्थापित किया। इसका परिणाम रहा कि प्रदेश को बीते एक साल में तकरीबन 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। सुधरी कानून व्यवस्था, विभिन्न सेक्टर के लिए  बनाई गईं नई नीतियां, बेहतरीन ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और निर्बाध बिजली की आपूर्ति, जैसे तमाम सुधारों ने दुनियाभर के उद्योगपतियों को यूपी की तरफ आकर्षित किया है।

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प्रदेशवासियों ने 7 वर्षों में कानून व्यवस्था के महत्व को बखूबी अनुभव किया: सीएम योगी

 

- 67वीं ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के समापन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

 

- सीएम योगी ने मीट की स्मारिका का किया विमाेचन, प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को प्रदान की ट्रॉफी

 

- प्रदेश में मजबूत कानून व्यवस्था के संकल्प को दर्शाता है 40 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव: सीएम योगी  

 

 

लखनऊ, 16 फरवरी: प्रदेशवासियों ने पिछले 7 वर्षों में कानून व्यवस्था के महत्व को बखूबी अनुभव किया है। प्रदेशवासियों ने प्रदेश के लॉ एंड आर्डर की बेहतर स्थिति और सुरक्षा के माहौल को देखते हुए ही दोबारा इस सरकार को चुना है। आज हर नागरिक के मन में सुरक्षा का विश्वास है। प्रदेश की मजबूत कानून व्यवस्था का ही परिणाम है कि जीआईएस-23 में 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जबकि 2017 से पहले प्रदेश में निवेश के लिए कोई आना नहीं चाहता था। 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से धरातल पर उतारने जा रहे हैं। इससे 35 लाख नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी मिलेगी, जो यह दर्शाता है कि संकल्प के साथ कानून व्यवस्था को लागू किया जाए तो उसके परिणाम भी सामने आते हैं। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 67वीं ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के समापन समारोह में कही। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीट की स्मारिका का विमोचन किया। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को ट्रॉफी भी प्रदान की। 

 

फील्ड में मिला अनुभव ही असली ज्ञान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सुरक्षा का बेहतर माहौल बनाने में पुलिस के विभिन्न बलों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। इतना ही नहीं पब्लिक परसेप्शन तय करने में भी पुलिस बल का अहम रोल है। उन्हे यह परसेप्शन बनाने में काफी चुनौतियों का सामना किया है। इसके लिये उन्हे दोहरी मानसिकता के साथ काम करना पड़ता है। वह असामाजिक और अराष्ट्रीय तत्वाें के साथ जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत अपने काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं, जबकि कॉमन मैन के गुहार लगाने पर संवाद स्थापित कर उन्हे न्याय दिलाते हैं। इससे कॉमन मैन के मन में एक नया विश्वास पैदा होता है। साथ ही यह पुलिस बल की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। समारोह में देश भर के विभिन्न बलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया है। उनके अपने-अपने अनुभव हैं। उन अनुभवों का लाभ किस रूप में हम ले सकते हैं यह काफी महत्वपूर्ण है। हमारे देश में ज्ञान के आदान-प्रदान की परंपरा वर्षों पुरानी है। राजधानी लखनऊ से 70 किलोमीटर दूर नौमिषारण्य है, जो हजारों वर्ष पहले ऋषियों के ज्ञान के आदान प्रदान के मंथन का केंद्र था। यहां पर भारत के वैदिक ज्ञान की परंपरा को लिपिबद्ध करने का काम किया गया था। इसमें पूरे देश भर के 88,000 ऋषि-मुनि शामिल थे। ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट इसी धरोहर को आगे बढ़ाता है। सीएम योगी ने कहा कि ज्ञान वह नहीं होता है जो पुस्तकों में लिखा होता है, जबकि ज्ञान वह है जो फील्ड की ड्यूटी के दौरान आप अनुभव करते हैं।

 

प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं में बहुत कुछ सीखने और देखने को मिलता है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध की बदलती प्रकृति के अनुसार हम सभी को अपने आप को तैयार करना होगा। हम जब अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को जनता के सामने शेयर करते हैं तो बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है। वहीं इस प्रकार की प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से बहुत सारी चीजों को देखने और सीखने का अवसर मिलता है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हो चुका है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर देश के अंदर की चुनौतियों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रख करके स्मार्ट पुलिसिंग की बात करते हैं। इस दौरान वह सख्त और सेंसिटिव पुलिस की बात करते हैं। पुलिस बल जब स्मार्ट पुलिसिंग की व्यवस्था से जुड़ जाएगी तो वर्तमान की चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सकेगी। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, डीजी आरपीएफ मनोज यादव आदि शामिल हुए।

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पुलिस भर्ती परीक्षा: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद मिलेगी एंट्री, सीसीटीवी से होगी निगरानी

 

प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए योगी सरकार ने बनाया फूलप्रूफ प्लान

 

शनिवार और रविवार को दो पालियों में होने वाली परीक्षा को लेकर किए गए सुरक्षा के कड़े प्रबंध

 

हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती, अभ्यर्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर रहेंगे मौजूद

 

प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 2385 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है परीक्षा

 

 

 

लखनऊ, 16 फरवरी: योगी सरकार ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए फूलप्रूफ प्लान बनाया है। इसके तहत योगी सरकार ने आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती की शनिवार और रविवार को दो पालियों में होने वाली परीक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये हैं। हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जबकि केंद्र में अभ्यर्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। वहीं सीसीटीवी कैमरों से गहन निगरानी की जाएगी। साथ ही सभी अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद भी उन्हे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। मालूम हो कि योगी सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 17 और 18 फरवरी को प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 2385 सेंटर पर आयोजित की जा रही है।

 

प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की रहेगी तैनाती

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में कार्य करेंगे। उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया है जबकि 3 परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती हुई है। इतना ही नहीं नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़ान दस्ते भी मुस्तैद रहेंगे। वहीं केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। प्रदेश के जिन सेंटर पर एक हजार से अधिक अभ्यर्थी होंगे, वहां पुलिस उपाधीक्षक तैनात रहेंगे। वहीं एक हजार तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और पांच सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) द्वारा नियुक्त किये गये हैं। इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त किये जाएंगे जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया जाएगा। इसके साथ सहयाेगी अंतरीक्षक भी तैनात रहेंगे।

 

मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये लगेंगे जैमर

परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाए, इसके लिए तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों की चैकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई है। केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही दिया जायेगा। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई है। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराया जाएगा। इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए जाएंगे। परीक्षा कक्ष एवं केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की जा रही है, जिसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जनपद के कन्ट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में प्राप्त होगी।

 

अन्य राज्यों के 6 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन

बता दें कि परीक्षा में कुल 48, 17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 15,48,969 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। केंद्रों पर शनिवार 17 फरवरी को प्रथम और द्वितीय दोनों पालियों में 12,04, 360 अभ्यर्थियों की परीक्षा देंगे जबकि रविवार 18 फरवरी की प्रथम पाली में 12,04,361 व द्वितीय पाली में 12,04,360 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस परीक्षा में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों से 6 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिसमें बिहार के 267305 अभ्यर्थी, हरियाणा के 74769 अभ्यर्थी, झारखण्ड के 17112 अभ्यर्थी, मध्य प्रदेश के 98400 अभ्यर्थी, दिल्ली के 42259 अभ्यर्थी, राजस्थान के 97277 अभ्यर्थी, उत्तराखण्ड के 14627 अभ्यर्थी, पश्चिम बंगाल के 5512 अभ्यर्थी, महाराष्ट्र के 3151 अभ्यर्थी तथा पंजाब के 3404 अभ्यर्थी शामिल हैं।

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सुशासन की पहली शर्त रुल आफ लॉ है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

 

सीएम योगी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह को किया संबोधित

 

बोले सीएम- उत्तर प्रदेश के सुशासन मॉडल को स्थापित करने में बार और बेंच का हमेशा सहयोग मिला

 

सीएम योगी ने कहा- हम सरकार तक पहुंची समस्या को समाधान तक जरुर पहुंचाएंगे

 

16 फरवरी, प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त रूल आफ लॉ है। बिना बार और बेंच के सहयोग के यह संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश के सुशासन मॉडल को स्थापित करने में बार और बेंच का हमेशा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि आम आदमी का न्यायिक जगत पर विश्वास बना रहे हमें इस दिशा में कार्य करना चाहिए। अगर लोकतंत्र में जनता का विश्वास डगमगाया तो फिर उसको सड़कों पर उतरने में देर नहीं लगेगी। हम सबको भारत के लोकतंत्र के सभी स्तंभों को और मजबूती प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयास करना चाहिए।

 

सीएम योगी शुक्रवार को मेडिकल ऐसोसिएशन के आडिटोरियम में आयोजित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का विशेष महत्व होता है। अगर किसी को कोई समस्या होती है तो वह अपनी परेशानी के बारे में सीधे शासन को अवगत करा सकता है। समस्याग्रस्त व्यक्ति के पास शासन तक अपनी बात पहुंचाने के अनेक माध्यम हैं। हम सरकार तक पहुंची समस्या को समाधान तक जरुर पहुंचाएंगे।

 

सीएम योगी ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारत के संविधान ने देश को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। यहीं नहीं भारत के संविधान ने दुनिया को भी लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि जब देश का संविधान तैयार हो रहा था तो उस समय प्रस्तावना को लेकर लेकर लंबी चर्चा हुई थी। उस दौरान बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने एक बात कही थी कि हमारी चुनौती संविधान के विस्तार और अंत को लेकर नहीं है।

 

सीएम योगी ने कहा कि हम इति को लेकर परेशान होते हैं कि समारोह कैसा होगा। समारोह अच्छा होगा, उसके परिणाम भी अच्छे आएंगे, बशर्ते हमारी शुरुआत अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी संसद में तीन नए एक्ट बनें हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि को अपने ऊपर यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि प्रदेश भर के युवा अधिवक्ताओं के नए एक्ट सहित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा प्रशिक्षण का एक विशेष कार्यक्रम यहां प्रारंभ हो, राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं के हित में बहुत सारे कार्य किए हैं और आगे भी करेगी।

 

कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मनोज मिश्रा, न्यायाधीश राजेश जिंदल, उच्च न्यायलाय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, उतर प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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नीलामी से परिवहन निगम को हुई रिकॉर्ड इनकम, 2023-24 में अब तक 31 करोड़ से ज्यादा की कमाई

 

बस यात्रियों की सुविधा के साथ ही निगम की आय में वृद्धि के लिए योगी सरकार के प्रयासों का असर

 

वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही जनवरी तक निगम ने सिर्फ नीलामी और स्क्रैप से कमाए 31 करोड़ 37 लाख रुपए

 

बसों और स्क्रैप की नीलामी से निगम ने विगत 4 वर्षों में की सर्वाधिक आय, मार्च अंत तक 40 करोड़ तक पहुंच सकता है आंकड़ा

 

लखनऊ, 16 फरवरी। यात्रियों को परिवहन की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ योगी सरकार परिवहन निगम की आय में वृद्धि को लेकर भी लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए विभिन्न तरह के उपाय किए गए हैं, जिनमे पुरानी खटारा बसों और स्क्रैप की नीलामी भी की जा रही है। इसके चलते परिवहन निगम को वर्ष 2023-24 में नीलामी के माध्यम से माह अप्रैल से जनवरी 2024 तक कुल 31 करोड़ 37 लाख रुपए की अतिरिक्त आय हुई है, जो विगत 4 वर्षों में नीलामी से हुई आय में सर्वाधिक है। वर्ष 2022-23 में निगम को नीलामी से लगभग 10 करोड रुपए, वर्ष 2021-22 में 21 करोड़ 23 लाख रुपए एवं वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ 57 लाख रुपए की आय अर्जित हुई थी। योगी सरकार को उम्मीद है कि मार्च 2024 तक पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम को नीलामी से होने वाली आय का आंकड़ा 40 करोड़ के पार पहुंच जाएगा।

 

नीलामी की प्रक्रिया में आएगी तेजी

पुरानी और खतारा बसों की जगह परिवहन विभाग नई बसों को अपने बेड़े में शामिल कर रहा है। ऐसे में पुरानी खटारा बसों और उससे निकलने वाले स्क्रैप की विभाग द्वारा हर वर्ष नीलामी की जाती है। परिवहन निगम के प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत सिंह के अनुसार, सितंबर 2023 से अभी तक कुल 2050 पुरानी बसों को फ्लीट से अलग किया जा चुका है। इसमें से 1500 बसों की नीलामी हो चुकी है। बाकी बसों की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। इन बसों से जो स्क्रैप सामान निकलता है उसको भी नीलाम किया जाता है। विगत 4 वर्षों में नीलामी से इस बार सबसे ज्यादा आय हुई है। नीलामी के कार्य को अत्यंत तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। पूरी संभावना है की वित्तीय वर्ष के अंत तक निगम को नीलामी के जरिए 40 करोड़ की आय हो सकेगी।

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