वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित यशोदानंदन धाम में श्रीराधाकृष्ण प्रेम संस्थान(राजि.) के तत्वावधान में चल रहे
भक्तिमती पदमा बाई (बुआजी) के अष्टदिवसीय पंचम पुण्य स्मृति महोत्सव के अंतर्गत व्यासपीठ से प्रख्यात भागवताचार्य विपिन बापू महाराज ने अपनी सरस वाणी में सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की महिमा बताते हुए कहा कि मनुष्यों के जब कई-कई जन्मों के पुण्यों का उदय होता है, तब ही उसे हरि कथा व सत्संग आदि श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा श्रवण करने से मनुष्यों के ऊपर आने वाली सभी विपदाओं का नाश हो जाता है।उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यासजी द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सभी प्रकार के अरिष्टों को दूर करने वाली है।इसका वाचन, श्रवण एवं अध्ययन तीनों ही मंगलकारी एवं कल्याणकारी है।इसमें समस्त धर्म ग्रंथों का सार समाहित है।इसीलिए इसे पंचम वेद कहा गया है।
महोत्सव में साध्वी माँ भावना रामानुजम माताजी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आयोजन के मुख्य यजमान श्रीमती शालिनी खंडेलिया, गोपाल खंडेलिया, श्रीमती प्रभा गोयल, सुरेंद्र गोयल, डॉ. डी.डी. गेरा, उनेजा गोविंद खंडेलिया, श्रीमती बीना यज्ञसेनी, नंदलाल यज्ञसेनी, श्रीमती लक्ष्मी रिंणवा विजय कुमार रिंणवा, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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