गरीबों को कोई नहीं उजाड़
पाएगा : मुख्यमंत्री
हर पात्र को देंगे पक्का
मकान
अधिकारी जनता की सुनें
उनकी समस्याओं का संतोषजनक हल दें
गोरखपुर, 15 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी
सरकार के रहते कोई भी गरीबों को उजाड़ नहीं पाएगा। किसी ने ऐसा दुस्साहस किया तो
उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई तय है। गरीबों की जमीन तो बचाई ही जाएगी, साथ ही जिन जिन भी जरूरतमंदों को अभी पक्का मकान नहीं
मिल पाया है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास
योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के दायरे में लाकर पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध
कराई जाएगी।
सीएम योगी ने ये बातें
गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान लोगों की समस्याएं सुनते हुए
कहीं। इन बातों पर अमल करने को लेकर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित भी किया।
मंदिर परिसर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने आयोजित जनता दर्शन में
मुख्यमंत्री कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक खुद पहुंचे। सबकी समस्याओं को सुनते
हुए आश्वस्त किया हर समस्या का समयबद्ध, पारदर्शी व संतुष्टिपरक निस्तारण किया जाएगा। जनता दर्शन
में मुख्यमंत्री ने करीब 500 लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों
को स्पष्ट हिदायत दी कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी सूरत में बख्शे न जाएं।
उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। सरकार किसी के भी साथ अन्याय
नहीं होने देने और हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने को संकल्पित है। सीएम योगी
ने कहा कि राजस्व व पुलिस से संबंधित मामलों में प्रभावी कार्रवाई हो। साथ ही जमीन
पर अवैध कब्जा करने वालों को कड़ा कानूनी सबक सिखाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि
कोई भी दबंग, माफिया, अपराधी किसी की जमीन पर कब्जा न करने पाए।
सीएम ने कहा कि अधिकारी जन
कल्याण के कार्यों को सदैव प्राथमिकता पर रखें और हर पीड़ित की समस्या का त्वरित
निस्तारण करना सुनिश्चित करें। इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे लोगों
को सीएम ने भरोसा दिलाया कि पैसे के अभाव में किसी इलाज नहीं रुकने पाएगा। उन्होंने
अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूर्ण
कराकर शासन को उपलब्ध कराएं। शासन से इलाज में भरपूर आर्थिक सहायता प्रदान की
जाएगी।
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इंसेफेलाइटिस नियंत्रण
देश-दुनिया का सफलतम मॉडल : योगी
मुख्यमंत्री ने किया
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 करोड़ रुपये के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास
सोलर रूफटॉप प्लांट का
सीएम के हाथों हुआ लोकार्पण
गोरखपुर, 15 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल
इंजन की सरकार के प्रयासों से छह-सात वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में
इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रित और समाप्त हो चुका है। इसके उन्मूलन की बस घोषणा
बाकी है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण देश और दुनिया का एक सफलतम मॉडल है। स्वास्थ्य
विभाग को नोडल विभाग बनाकर तैयार किए गए इस सफलतम मॉडल का केंद्र गोरखपुर का
बीआरडी मेडिकल कॉलेज है।
सीएम योगी गुरुवार को
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने
वाले नए प्रशासनिक भवन का शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के
लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा
कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल बारह सौ से पंद्रह सौ मौतें होती थीं, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों
को बचाने में सफल हुए हैं। स्वाभाविक रूप से उसके लिए जो मैनपावर लगता था, उसमें जो संसाधन लगते थे, उसको हम क्वालिटी ऑफ हेल्थ के लिए अन्य लोगों को भी
उपलब्ध कराने में उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के
सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना क्योंकि सबसे ज्यादा बोझ इसी
पर रहता था। उन्होंने कहा कि हमनें इंसेफेलाइटिस का चरम भी देखा है और आज उसे
समाप्त होते भी देख रहे हैं।
मॉडल बनाने में मीडिया
ट्रायल तक झेलना पड़ा
सीएम योगी ने कहा कि
1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती
तक नहीं थीं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने समाप्त करने, इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार
किया। इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया। उन्हें
स्वच्छता के तरीके समझाए, साबुन के
प्रयोग की जानकारी दी। तब मुझ पर तीन दिन मीडिया ट्रायल चला। मीडिया में हंसी उड़ाई
गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबो को साबुन बांट रहा है। पर, जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को
भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई।
सफाई खुद में कई रोगों की
रोकथाम है
मुख्यमंत्री ने कहा कि
स्वच्छता पर ध्यान कई बीमारियों का समाधान है। इसे इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की
दिशा में मिशन मोड में बढ़ाया गया तो परिणाम सामने आया। 1997 98 से 2017 तक देखा आज
परिणाम। बीमारी का चरम भी देखा और आज समाप्त होते भी।
काफी उतार चढ़ाव देखे हैं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने
सीएम योगी ने कहा कि
बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है। इस मेडिकल कॉलेज ने अनेक
उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। वह भी दौर देखा है जब इस मेडिकल कॉलेज में यह पूर्वी यूपी
का स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता
था। न डॉक्टर थे, न
पैरामेडिक्स थे, न नर्सिंग स्टाफ था और न
अन्य कार्यों के लिए जरूरी मैनपावर। इस मेडिकल कॉलेज पर 1997-98 में मान्यता का
संकट आया था। तब अतिरिक्त प्रयास करने पड़े थे। एमसीआई ने 1998-99 में एक बार फिर
से मान्यता को एक प्रकार से वापस ले लिया था। तब मैं तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा
मंत्री को लेकर दिल्ली गया था, शपथ पत्र
दिलवाया था कि हम यहां की आवश्यकता को पूरा करेंगे। तब कहा था कि बीआरडी मेडिकल
कॉलेज इस पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का बैकबोन है। उसको बंद कर
देंगे तो सबकुछ बंद हो जाएगा। जो हजारों मौतें इंसेफेलाइटिस से होती हैं, इन मौतों को नियंत्रित कर पाना कठिन हो जाएगा। उस समय
शासन की लापरवाही थी, अनदेखी
थी। उस समय फैकल्टी अपने स्तर पर प्रयास करते थे लेकिन संसाधन काफी कम थे। एक-एक
बेड पर चार मरीज लेटाये जाते थे। पीडिया वार्ड का टॉयलेट चोक था। सुधार के लिए सांसद के रूप में सरकार से अपील
की,
संसद में आवाज उठाई। 2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा
करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है।
पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है। इसी परिसर में
रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है। सुपर स्पेशियलिटी का ब्लॉक बन
चुका है। एक समय सीट आधी हो गई थी, मान्यता पर संकट था। जबकि आज बढ़ी हुई सीट के लिए सरकार
स्वयं आपके पास आकर इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है।
बीआरडी की प्रतिस्पर्धा
एम्स गोरखपुर से
मुख्यमंत्री ने कहा कि
बीआरडी मेडिकल की प्रतिस्पर्धा किसी मेडिकल कॉलेज से नहीं है। यह काफी आगे बढ़ चुका
है। अब इसे एम्स गोरखपुर से प्रतिस्पर्धा करनी है। क्वालिटी दोनों की समानांतर चल
रही है। थोड़ा प्रयास करेंगे तो एसजीपीजीआई लखनऊ और एम्स दिल्ली की तरह ही बीआरडी
मेडिकल कॉलेज तथा एम्स गोरखपुर एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। इसके लिए
दोनों के बीच नॉलेज का आदान-प्रदान होना चाहिए।
धैर्य और अध्ययन से
निकालना होगा समाधान
सीएम योगी ने चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए कहा
कि विपरीत परिस्थितियों में उन पर वर्क लोड हो सकता है लेकिन धैर्य खोए बिना काम
करिए। तभी अच्छा चिकित्सक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर मरीज की अपनी एक
हिस्ट्री, फैमिली बैकग्राउंड, आर्थिक, सामाजिक
भौगोलिक परिस्थितियां होती हैं। उनको नोट करते हुए अच्छी स्टडी करेंगे तो मेडिकल
क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला पाएंगे। उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज
में पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार और नेपाल तराई के मरीज भी बड़ी संख्या में
आते हैं। स्टडी से इन सबकी पृष्ठभूमि को समझने में आपको मदद मिलेगी। धैर्य और
अध्ययन से समाधान के रास्ते निकलेंगे। उन्होंने चिकित्सकों से नवाचार और शोध के
साथ जुड़ने का आह्वान किया।
अब क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी
का समय
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा कि अब हम क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ आगे बढ़कर एक नए मॉडल के
साथ आगे बढ़ रहे हैं। क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी भविय की आवश्यकता है। 2017 में जब
उनकी सरकार बनी थी तब पीएम मोदी ने इसका मंत्र दिया था। उसका अनुसरण कर सरकार ने
प्रदेश में बिना रुपया खर्च किए 16 लाख स्ट्रीट लाइट लगवा दी है। इससे बिजली भी बच
रही है और कार्बन उत्सर्जन भी कम हो रहा है। ग्रीन हाउस इफेक्ट को नियंत्रित करने
में सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि सोलर पैनल
लगाने वाले से उसके उपयोग के बाद बची बिजली खरीद कर उसे इसका रुपया दे दिया जाएगा।
उन्होंने रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज द्वारा ली गई लीड
की सराहना की। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का विजन है कि 2070 तक देश पूरी तरह
क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ जाएगा।
10 लाख करोड़ रुपये के
निवेश का होगा एकसाथ शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज
एक नया उत्तर प्रदेश सबके सामने है। इसी माह 19 तारीख को देश का सबसे बड़ा निवेश
यूपी में होने जा रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम मोदी दस लाख करोड़ की
निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य
होगा।
मेडिकल कॉलेज में हुए
कार्यक्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल, सांसद कमलेश पासवान, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने वाली फर्म
ओएमसी पॉवर के एमडी रोहित चंद्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर
का होगा प्रशासनिक भवन
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में
60 करोड़ रुपये से बनने वाला प्रशासनिक भवन ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर का होगा। इसका
निर्माण यूजी (एमबीबीएस) की 50 सीटों की वृद्धि के दृष्टिगत कराया जा रहा है।
सोलर रूफटॉप प्लांट से
विद्युत व्यय में 72 लाख रुपये की सालाना बचत
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में
एक मेगावाट क्षमता के जिस सोलर रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री ने किया
है,
उस पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे मेडिकल
कालेज के विद्युत व्यय में प्रति वर्ष 72 लाख रुपये की बचत होगी।
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योगी सरकार का लक्ष्य, 2026 तक उत्तर प्रदेश होगा फाइलेरिया मुक्त
- सीएम योगी की स्वास्थ्य
टीम से अपील, प्रदेशवासियों को दवा के
साथ करें जागरूक
- घर-घर जाकर लोगों को दवा
खिला रही स्वास्थ्य टीम, महज 4
दिन में 20% ने खाई दवा
लखनऊ, 15 फरवरी: योगी सरकार पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस
(जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) जैसी खतरनाक बीमारियों को नियंत्रित
करने के बाद अब फाइलेरिया के उन्मूलन में जुट गई है। योगी सरकार के निर्देश पर
सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों के
घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की
मॉनीटरिंग का ही असर है कि अभियान के शुरुआती चार दिनों में ही करीब 20 प्रतिशत लोगों
ने दवा का सेवन कर लिया है। यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा। वहीं मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य टीम से अपील की है कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए
प्रदेशवासियों को सिर्फ दवा न खिलाएं बल्कि जागरूक भी करें।
सीएम योगी के प्रयास से कई
गंभीर बीमारियों से उबरा प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही कई गंभीर बीमारियों के खात्मे के लिए जंग
छेड़ दी थी। यही वजह है कि पिछली सरकारों में कई गंभीर बीमारियों से प्रभावित
उत्तर प्रदेश आज उनसे मुक्त हो गया है। इसी क्रम में अब योगी सरकार ने वर्ष 2026
तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है जबकि केंद्र सरकार का फोकस इस
बीमारी को वर्ष 2027 तक समाप्त करने का है। वहीं विभिन्न देशों में इस बीमारी को
समाप्त करने का लक्ष्य वर्ष 2030 तय किया गया है। योगी सरकार का यह निर्णय बीमारी
के खात्मे की गंभीरता को दर्शाता है। उनके यह प्रयास धरातल पर भी दिख रहे हैं। ऐसे
में जहां एक ओर घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर
चिन्हित मरीजों को रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण
व किट दी जा रही है। वहीं हल्के संक्रमण वाले मरीज नियमित दवा और व्यायाम से
लगातार स्वस्थ हो रहे हैं।
दवा खाने पर सिर और शरीर
में दर्द, बुखार हो तो न हों परेशान
प्रदेश के विभिन्न जिलों
के लोग फाइलेरिया रोधी दवा खाने के साथ इस बीमारी के प्रति अपनी जानकारी भी बढ़ा
रहे हैं। अमेठी, आजमगढ़, बलिया या बाराबंकी में कई स्थानों पर लोग दवा के
प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानने के लिए काफी उत्साह दिखाया। यह भी जानना चाहा
कि दवा खाने के बाद सिर दर्द या चक्कर कैसे, कितना और क्यों आता है। अगर दवा खाली पेट खा लें तो क्या
दवा बेसर रहेगी? स्वास्थ्य टीम लोगों को बता रही है कि फाइलेरिया रोधी
दवा पूर्ण रूप से सुरक्षित है। वहीं कभी-कभी दवा का सेवन करने के बाद सिर और शरीर
में दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकत्ते एवं खुजली देखने को मिलती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह लक्षण आमतौर पर
स्वतः ठीक हो जाते हैं। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। कुछ खाकर ही फाइलेरिया रोधी
दवा खाएं। वहीं लखनऊ, उन्नाव, शाहजहांपुर, बरेली और हमीरपुर में कुछ लोग पहले तो दवा सेवन के लिए
मना कर रह थे, लेकिन स्वास्थ्य टीम की ओर
से जानकारी मिलने के बाद स्वतः दवा सेवन के लिए आगे आए। गांवों में स्वास्थ्य टीम
लोगों के घरों की कुण्डी खटका- खटका कर दवा के प्रति जागरूक करते हुए दवा सेवन करा
रही है। साथ ही फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क के सदस्य लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का
सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
चार दिन में 20 प्रतिशत
लोगों ने खा ली फाइलेरिया रोधी दवा
फाइलेरिया के राज्य
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि एमडीए अभियान में कुल 3,60,25,891 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके
सापेक्ष सिर्फ चार दिन में ही 66 लाख 14 हजार 589 यानि करीब 20 प्रतिशत लोगों ने
फाइलेरिया रोधी दवा खा ली है। फाइलेरिया यानि हाथीपांव एक लाइलाज बीमारी है। इस
संक्रमण में लसीका तंत्र पूरी तरह प्रभावित हो जाता है। लसीका तंत्र वाहिकाओं, अंगों और विशेष कोशिकाओं का एक नेटवर्क होता है। इसके
लक्षण आने में 10-15 वर्ष लग जाते हैं। इसे छुपायें नहीं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर
या सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क करें और योगी सरकार की योजनाओं का लाभ
उठाएं। बता दें कि प्रदेश में 51 फाइलेरिया प्रभावित जिले हैं। वर्तमान में इसमें
से 17 जनपदों में यह अभियान चलाया जा रहा है।
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जीबीसी 4.0 : समाज के लिए
जिम्मेदारी उठाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी योगी सरकार
- ग्राउंड ब्रेकिंग
सेरेमनी के दौरान उद्योगों के सीएसआर प्रमुखों से संवाद स्थापित करेगी सरकार
- 6 विभागों के जरिए समाज
के लिए किये जा रहे उद्योगों के उत्कृष्ट प्रयासों का भी होगा प्रस्तुतिकरण
- कॉर्पोरेट्स के सीएसआर
प्रमुखों से योगी सरकार के अफसर करेंगे सवांद
- सीएम योगी कई बार जता
चुके हैं मंशा, आगे बढ़कर समाज के प्रति
अपना उत्तरदायित्व भी निभाए उद्योग जगत
लखनऊ, 15 फरवरी। उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ की निवेश
परियोजनाओं का ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 4.0 आगामी 19 से 21 फरवरी तक आयोजित होने
जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में प्रदेश में अबतक का सबसे
बड़ा निवेश धरातल पर उतरेगा। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के आयोजन के बाद
योगी सरकार एक वर्ष की छोटी अवधि में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश तथा 33.50
लाख रोजगार के अवसरों के साथ 14,000 से अधिक परियोजनाओं को लागू करने में सक्षम हो
सकी है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा है और जिसका उन्होंने कई बार
जिक्र भी किया है कि उद्योग जगत को आगे बढ़कर सामाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व
निभाना चाहिए। यही वजह है कि तीन दिवसीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के दूसरे
दिन योगी सरकार उद्योग जगत के सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) अधिकारियों
के साथ इसे लेकर संवाद भी स्थापित करेगी।
दअरसल, भारत में कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति)
संशोधन नियम, 2022 के तहत कंपनियों को
उनके सामाजिक उत्तरायित्व से जोड़ता है। इसके लिए कंपनियों को मौजूदा वित्तीय वर्ष
से पहले के तीन वित्तीय वर्षों से अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2% सीएसआर के
जरिए सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पहल पर खर्च करना होता है। ज्यादातर प्रतिष्ठित
कंपनियां सीएसआर के तहत करोड़ों रुपए सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहलों पर खर्च करते
हैं। वहीं प्रदेश में शुरू होने जा रहे निवेश के माहौल के साथ ही योगी सरकार
कंपनियों से कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत सामाजिक कार्य करने के लिए भी
कंपनियों को प्रोत्साहित करेगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार के बड़े
अधिकारी कंपनियों के सीएसआर प्रमुखों के साथ संवाद भी करेंगे।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी' संगोष्ठी का आयोजन 20 फरवरी को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान
में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के दौरान किया जाएगा। इसकी पूरी रूपरेखा
योगी सरकार के विभिन्न विभागों और जीबीसी में सक्रिय प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के सीएसआर प्रमुखों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए
तैयार की गई है। संगोष्ठी के दौरान कॉर्पोरेट्स के सीएसआर प्रमुखों के साथ सीधे
संवाद स्थापित किया जाएगा। इससे उन्हें संबंधित विभागों दवारा किए गए प्रभावशाली
कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और परमार्थ के कार्यों का समर्थन करने
के लिए धन प्रदान करने पर विचार करने का अवसर दिया जाएगा।
इसके साथ ही सरकार के 6
विभाग, जिसमें महिला एवं बाल
विकास, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा, व्यावसायिक
शिक्षा एवं कौशल विकास, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, दुग्धशाला विकास विभाग और खेल विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश
में सीएसआर से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स से अवगत कराएंगे। साथ ही सीएसआर उद्देश्यों
के अनुरूप सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से भी कॉर्पोरेट्स को परिचित कराएंगे।
बता दें कि जीबीसी
4.0 प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ावा
देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। लखनऊ में
आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक प्रतिभागियों के प्रतिभाग
करने की संभावना है। इसमें प्रतिष्ठित उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल/इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, विदेशी राजदूत/उच्चायुक्त सहित अन्य प्रतिष्ठित अतिथि
शामिल होंगे। जीबीसी 4.0 के अवसर पर 19 से 21 फरवरी तक तीन-दिवसीय प्रदर्शनी का भी
आयोजन होगा।
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महिला आत्मनिर्भर तो समाज
स्वतः होगा सशक्त : सीएम योगी
नारी शक्ति वंदन सम्मेलन
में बोले मुख्यमंत्री
एनआरएलएम से जुड़ी महिलाओं
से संवाद किया सीएम ने
महिला स्वयं सहायता समूहों
में वितरित किए 54 करोड़ 25 लाख रुपये के ऋण*
गोरखपुर, 15 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता सशक्त समाज की
अनिवार्य शर्त है। जिस समाज में महिला सशक्त होती है, उस समाज को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। वर्ष 2047 में
जब देश आजादी का 100वां वर्ष पूरा करेगा तो हमे एक विकसित भारत मिलेगा जिसमें देश
की आधी आबादी अपना विकास करेगी। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रत्येक स्तर पर प्रयास
करेगी ताकि उनकी सुरक्षा, सम्मान व
स्वावलम्बन का कार्य सुनिश्चित रहे।
सीएम योगी गुरुवार को
योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में नारी शक्ति वंदन सम्मेलन को संबोधित कर रहे
थे। इस अवसर पर उन्होंने
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका
मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी लाभार्थी महिलाओं से संवाद और 3617 स्वयं सहायता समूहों
को 54 करोड़ 25 लाख रुपये का अंशकालिक ऋण भी वितरित किया। कार्यक्रम में
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को विकसित करके ही सरकार विकास की नई ऊंचाईयों को
प्राप्त कर पायेगी। सरकार सभी महिलाओं को आश्वस्त करती है कि उनके हितो के लिए
सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करेगी। शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का
कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ करेगी। पीएम मोदी के नारी सम्मान व सुरक्षा के विजन
के अनुसार गोरखपुर के सभी महिला स्वयं सहायता समूहों एवं एनजीओ, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत अपने पैरों पर
खड़ा होकर स्वावलम्बन का जीवन व्यतीत कर रही हैं।
संसद व विधानसभा में बढ़ेगी
आधी आबादी की भागीदारी
सीएम योगी ने कहा कि पिछले
लोकसभा सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं के
प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया। इसके तहत अब
लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। विगत
समय से लोकसभा व विधानसभाओं में देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बहुत कम था। अब
बिना किसी भेदभाव के उनका 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित रहेगा।
महिला सशक्तिकरण के लिए
शुरू हुए कई कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि
पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किये हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना योजना आदि की केन्द्र बिन्दु महिलाएं रही
हैं। प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार आज हर, महिला, किसान को
बिना भेदभाव के सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिनके पास
आवास नहीं होता वे बहुत कष्ट में रहते है, महिलाएं उससे और कष्ट में रहती हैं। शासन द्वारा
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से केवल गोरखपुर में 61556 पात्रों
को आवास का लाभ मिला है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गोरखपुर में 38866 लोगों
को आवास का लाभ प्राप्त हुआ है।
महिलाओं के उत्थान के लिए
कार्य कर रही डबल इंजन की सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गोरखपुर में कुल गठित स्वयं सहायता
समूह की संख्या 20847 है, जिसमें 3
लाख 5 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। जनपद में 63563 महिलाएं निराश्रित पेंशन, 54062 महिलएं वृद्धा पेंशन तथा 6094 महिलाएं दिव्यांगजन
पेंशन योजना में लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला
योजना के तहत 2 लाख 91 हजार महिलाओं को निःशुल्क गैस का कनेक्शन प्राप्त हुआ है।
56 स्वयं सहायता समूह राशन की दुकानों का संचालन कर रही हैं जिसमें 438 महिलाएं
जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था
किन्तु आज स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वे सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा
रही हैं। डबल इंजन की सरकार ने उनके उत्थान के लिए कई कार्यक्रम प्रारम्भ किये
हैं।
बढ़ाने जा रहे कन्या
सुमंगला योजना की धनराशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि
प्रदेश सरकार कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म से स्नातक तक की पढ़ाई के
लिए आर्थिक सहायता दे रही है। इस योजना के अन्तर्गत अप्रैल माह से इसकी धनराशि 25
हजार की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत 17 लाख से अधिक बेटियों को जोड़ा जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सम्मान के दिशा में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री
सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 3 लाख से अधिक बेटियों की शादी का कार्य सम्पन्न
किया है। स्वामित्व योजना के तहत 90 लाख महिलाओं को घर का मालिकाना अधिकार दिलाया
गया है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह हर विकास खण्ड में पोषण अभियान के
लिए अच्छा आहार भी तैयार कर वितरित कर सकती हैं। इससे वे अधिक मुनाफा कमा सकती
हैं। बीसी सखी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की कमी को दूर कर रही है। उन्होंने कहा
कि इन प्रयासों के बाद हमें किसी भी स्तर पर भेदभाव स्वीकार नही करना चाहिए। यह
नारी शक्ति सम्मेलन इसी बात को प्रदर्शित करता है। इसका उद्देश्य यह है कि जो
लाभान्वित हैं वे बोले तथा जिनको लाभ नहीं मिला, उन्हें लाभान्वित किया जाये।
विकसित राष्ट्र बनाने में
सबको देना होगा योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि
आजादी के अमृत महोत्सव का यह प्रथम वर्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले 25
वर्षो अर्थात 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयास में हम सबको कार्य
करना होगा। इस काल में हर किसान, नौजवान
खुशहाल और आत्म निर्भर हो तथा देश की आधी आबादी बिना किसी भेदभाव के सुरक्षित व
सम्मानित महसूस कर सके इसके लिए हम सबको प्रयास करना होगा।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन
शुक्ल तथा महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने भी लोगों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम
में जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश
श्रीवास्तव, विधान
परिषद सदस्य डॉ धर्मेंन्द्र सिंह, विधायक
प्रदीप शुक्ल, विपिन सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित
रहे।
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गोवा की कैबिनेट ने किया
रामलला का दर्शन
- रामलला का दर्शन करना
मेरा सौभाग्य : प्रमोद सावंत
- गोवा से ट्रेन के जरिए
आए 2000 श्रद्धालुओं ने भी किए रामलला के दर्शन
- योगी सरकार के मंत्री
समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने किया भव्य स्वागत
- सीएम योगी आदित्यनाथ के
निर्देश पर सहजता से कराया गया दर्शन, सुरक्षा व्यवस्था थी चुस्त-दुरुस्त
अयोध्या, 15 फरवरी। राम मन्दिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
होने के बाद से अयोध्या में लगातार श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। देश विदेश
से रामभक्त रामलला का दर्शन पूजन करने चले आ रहे हैं। दर्शन के क्रम में विभिन्न
राज्यों की पूरी कैबिनेट भी रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रही है। इससे पहले
यूपी व अरुणाचल प्रदेश की कैबिनेट भी रामलला का दर्शन कर चुकी है।
इसी क्रम में गुरुवार को
गोवा सरकार की कैबिनेट सीएम प्रमोद सावंत के नेतृत्व में रामलला का दर्शन करने
अयोध्या पहुंची। इस दल में कुल 51 सदस्य शामिल रहे। गोवा कैबिनेट के सभी मंत्री व
विधायक राजर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट अयोध्या पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
निर्देश पर गोवा प्रदेश से आए अतिथियों की सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम
किए गए थे।
गोवा के मुख्यमंत्री
प्रमोद सावंत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में वे दो बार कारसेवा कर चुके हैं। उनके
साथ केन्द्रीय मंत्री भी साथ रहे। उन्होंने कहा कि आज पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या
आया हूं यह मेरा सौभाग्य है। उन्होंने कहा यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। रामलला
की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को पूरे गोवा के गांव अयोध्या बन चुके थे।
पूरा प्रदेश राममय था।
सीएम प्रमोद सावंत ने कहा
राम मंदिर बनने की वजह से हम लोग अयोध्या आ पाए हैं। इसके लिए पीएम नरेन्द्र मोदी
व सीएम योगी और राम मंदिर ट्रस्ट का बहुत आभार व्यक्त करता हूं। सीएम ने कहा कि
गोवा को मुख्यमंत्री दर्शन योजना के तहत अयोध्या से जोड़ा जाएगा, जिससे वहां के लोग रामलला का दर्शन आसानी के साथ कर
सकेंगे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने यदि भूमि दी तो वह अयोध्या में गोवा का भवन
जरूर बनना चाहेंगे। कहा अब तो यहां आना-जाना लगा ही रहेगा। ऐसे में यहां गोवा भवन
बनना आवश्यक हैं।
योगी सरकार के मंत्री ने
किया स्वागत
एयरपोर्ट पर योगी सरकार के
मंत्री सतीश शर्मा, अयोध्या
विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर
गिरीश पति त्रिपाठी, जिला
पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह ने गोवा के मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों व विधायकों को
माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद सभी लोगों ने अयोध्या पहुंच कर रामलला का
दर्शन पूजन किया। सभी लोग रामलला का दर्शन कर काफी खुश व उत्साहित दिखे। जय
श्रीराम के नारों से मंदिर गूंज उठा। मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी लोगों को प्रसाद
दिया गया।
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सीएम योगी ने निभाया वादा, बेटियों को अब मिलेंगे ₹25 हजार
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला
योजना के तहत अभी तक सरकार देती थी 15 हजार रुपये, छह श्रेणियों में दी जाने वाली राशि में हुई वृद्धि
सीएम योगी आदित्यनाथ की
घोषणा के उपरांत महिला कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जारी किया
आदेश
लखनऊ, 15 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेटियों से
किया अपना वादा पूरा कर दिया। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में अभी तक छह
श्रेणियों में 15 हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष
2024-25 से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की घोषणा की थी। बेटियों के जन्म से लेकर
स्नातक/डिप्लोमा में प्रवेश पर यह राशि छह श्रेणियों में दी जाती है। इन सभी
श्रेणियों में दी जाने वाली राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। पहली अप्रैल से इसका
लाभ मिलने लगेगा।
अभी तक योगी सरकार देती थी
15 हजार रुपये
2017 में सत्ता संभालने के
पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सशक्तिकरण, सम्मान व स्वावलंबन पर विशेष जोर दिया। कन्या भ्रूण
हत्या समाप्त करने, समान
लैंगिक अनुपात स्थापित करने, बाल
विवाह की कुप्रथा रोकने, बालिकाओं
के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने, स्वावलंबी बनाने में सहायता प्रदान करने व बालिका के
जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने आदि के उद्देश्य से महिला
कल्याण विभाग की ओर से अप्रैल 2019 से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का आगाज
किया गया था। इस मद में छह श्रेणियों में कुल 15 हजार रुपये दिए जाते थे।
छह श्रेणियों में दी जाने
वाली राशियों में की गई वृद्धि
महिला कल्याण विभाग की
निदेशक संदीप कौर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस राशि को बढ़ाने की
घोषणा की थी। इसके बाद छह श्रेणियों में दी जाने वाली राशियों में वृद्धि कर दी गई
है। पहले जन्म के समय दो हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे वित्तीय वर्ष 2024-26 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर
दिया गया है। एक वर्ष के समस्त टीकाकरण पूर्ण होने पर अभी तक एक हजार रुपये दिए
जाते थे। यह राशि बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दी गई है। बालिका के कक्षा प्रथम में
प्रवेश पर अभी तक दो हजार रुपये दिए जाते थे। इसे बढ़ाकर अब तीन हजार रुपये कर
दिया गया है। चौथी श्रेणी के अंतर्गत कक्षा छह में प्रवेश पर अब तक सरकार की तरफ
से दो हजार रुपये प्रदान किए जाते थे। यह राशि भी अब तीन हजार रुपये कर दी गई है।
पांचवीं श्रेणी के तहत कक्षा 9 में प्रवेश पर अभी तक तीन हजार रुपये दिए जाते थे, जो राशि अब बढ़कर पांच हजार हो गई है। वहीं छठवीं श्रेणी
में दसवीं या बारहवीं उत्तीर्ण कर दो वर्षीय या उससे अधिक अवधि के डिप्लोमा या
स्नातक में प्रवेश पर अभी तक बालिका के खाते में पांच हजार रुपये दिए जाते थे। इस
मद में भी राशि बढ़ाकर कुल सात हजार रुपये कर दी गई है। इस तरह पूरी धनराशि 15
हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है।
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ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी
में शामिल होने आ रहे मेहमानों को लखनऊ में होगा फील गुड
आयोजन स्थल तक जाने वाले
सभी मार्गों को किया जा रहा सुदृढ़
लामार्ट विद्यालय में
होंगे तीन अस्थायी हैलीपैड, सेतुओं
और डिवाइडर का हो रहा सुंदरीकरण
लखनऊ, 15 फरवरी। राजधानी लखनऊ में आगामी 19 फरवरी से आयोजित
होने वाले तीन दिवसीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल होने आ रहे मेहमानों को
योगी सरकार ने फील गुड कराने की तैयारी शुरू कर दी है। उनके आवागमन को आसान और
सुरक्षित बनाने के साथ ही आयोजन स्थल तक जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों को सुदृढ़
किया जा रहा है। सेतुओं, डिवाइडर
की रंगाई-पुताई कराई जा रही है, जिससे
शहर का सौदर्यीकरण बढ़ेगा और मेहमानों को लखनऊ में सुखद अनुभूति का अहसास होगा।
पीडब्ल्यूडी विभाग ने कसी
कमर
प्रदेश के लोक निर्माण
मंत्री जितिन प्रसाद के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने तैयारियों को लेकर कमर कस
ली है। प्रान्तीय खण्ड, लोक
निर्माण विभाग, लखनऊ के अधिशासी अभियंता
मनीष वर्मा ने बताया कि लामार्ट विद्यालय में तीन अस्थायी हैलीपैडों का निर्माण
कराया जा रहा है। आयोजन स्थल इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान जाने हेतु लामार्ट स्कूल से
कालिदास चौराहा, 1090 चौराहा, समतामूलक चौराहा व लोहियापथ चौराहा एल-शेप उपरिगामी सेतु
पर रंगाई-पुताई, फुटपाथ मरम्मत, डिवाइडर की रंगाई-पुताई सम्बन्धी कार्य चल रहा है तथा
मार्ग की साफ-सफाई का भी कार्य प्रगति में है। आवश्यकतानुसार समता मूलक चौराहे से
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान जाने वाले लोहियापथ पर सतह मरम्मत का कार्य कराया जा
चुका है। लोहियापथ पर स्थित एल-शेप उपरिगामी सेतु के पश्चात इन्दिरा गांधी
प्रतिष्ठान तक डिवाइडर मरम्मत, फुटपाथ
मरम्मत तथा मार्ग के मध्य से गुजरने वाले नाले की आवश्यकतानुसार मरम्मत करायी जा
रही है तथा नाले को कवर करने हेतु जहां कहीं भी कवर अनुपलब्ध हैं उन्हें प्रीकास्ट
कराकर रखे जाने की कार्यवाही की जा रही है तथा वर्तमान में डिवाइडर पेन्टिंग का
कार्य कराया जा रहा है।
वीआईपी मार्ग किया जा रहा
तैयार
लखनऊ शहर में स्थित
हैरीटेज जोन जाने वाले सम्बन्धित मार्गों पर भी आवश्यकतानुसार मरम्मत सम्बन्धी
कार्य कराए जा रहे हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से अवध चौराहा होते हुए इन्दिरा
गांधी प्रतिष्ठान जाने वाले मेहमानों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये
वीआईपी मार्ग पर मरम्मत का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। इसके अतिरिक्त
लोहियापथ स्थित एल-शेप उपरिगामी सेतु के पश्चात इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान जाने
वाले मार्ग तथा शहीदपथ मार्ग द्वारा इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान आने वाले मार्ग पर
आवश्यकतानुसार सतह मरम्मत का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
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वैश्विक समुदाय को नया
संदेश दे रहा वनवासी समाज: सीएम योगी
- सेवा समर्पण संस्थान के
एकलव्य वनवास छात्रावास के लोकार्पण एवं सारंग धनुर्विद्या प्रशिक्षण केंद्र के
शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- बोले-देश के अतीत की
परंपराओं का वाहक है वनवासी समाज
लखनऊ, 15 फरवरी: वनवासी समाज देश के अतीत की परंपराओं का वाहक
है। वह धरती को माता मान कर माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: के दिव्य भाव के साथ
आज भी भारत की अरण्य संस्कृति को न केवल लेकर चल रहा है, बल्कि उसके माध्यम से वैश्विक समुदाय को नया संदेश भी दे
रहा है। अगर प्रकृति और परमात्मा के बीच में समन्वय नहीं होगा तो प्रलय जरूर आएगा।
इससे बचना है तो हमें वन परंपरा के साथ जुड़ना होगा और कहीं न कहीं अरण्य संस्कृति
को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित भी करना पड़ेगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने गुरुवार को एचपीसीएल के सीएसआर फंड के सहयोग से सेवा समर्पण संस्थान
के एकलव्य वनवास छात्रावास के लोकार्पण एवं सारंग धनुर्विद्या प्रशिक्षण केंद्र के
शिलान्यास कार्यक्रम में कहीं।
जनजातीय परंपरा को
पुनर्जीवित करने के लिए बनाए जा रहे म्यूजियम
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा कि वह बुधवार को गोरखपुर के वनटांगिया गांव में गये थे। वहां के
लोगों को वर्ष 2017 में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने पर वास्तविक आजादी मिल
पाई थी, क्योंकि डबल इंजन की सरकार
ने आजादी के 70 वर्षों के बाद उनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया। इतना ही
नहीं उन्हें वोट देने का अधिकार मिला। जिन गांवों में एक भी मकान नहीं थे, उन्हें जमीन के पट्टे दिये गये। आवास की सुविधा दी गई।
उन्होंने कहा कि मेरे वहां जाने पर उनके चेहरे की खुशी डबल इंजन की सरकार द्वारा
उनके हितों के लिए किए गए कार्यों को बयां कर रही थी। इतना ही नहीं वह भी इस समाज
और व्यवस्था की मुख्य धारा के साथ जुड़कर अत्यंत प्रफुल्लित थे। सीएम योगी ने कहा
कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, क्योंकि उन्होंने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की पावन
जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। आज जनजातीय
परंपरा को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए जगह-जगह म्यूजियम बनाये जा रहे हैं, ताकि उन परंपराओं, धरोहरों को सुरक्षित और समय के अनुरूप आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए सरकार की ओर से अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
यह गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। हमारी सरकार वन गांव को मान्यता देने के
साथ उन्हें पट्टे की जमीन, राशन
कार्ड, आयुष्मान कार्ड समेत शासन
की हर योजना उपलब्ध करा रही है।
वर्ष 1984 में राजधानी
लखनऊ और गोरखपुर में श्री राम वनवासी छात्रावास की हुई थी स्थापना
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने कहा कि राजधानी लखनऊ के साथ गोरखपुर में श्री राम वनवासी छात्रावास
की स्थापना 1984 में हुई थी। उस समय गोरखपुर के श्री राम वनवासी छात्रावास की
शुरुआत गोरखनाथ मंदिर से हुई थी। पूर्वोत्तर के राज्यों में जहां पहले कोई जा नहीं
सकता था। उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सानिध्य में संचालित सेवा समर्पण
संस्थान के श्री राम वनवासी छात्रावास में यहां के बच्चों को लाकर भारत के साथ
जोड़ करके उन्हें राष्ट्र और समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ा गया। उस समय उनमें
राष्ट्रभक्ति का जो प्रचंड ज्वार इन्होंने पैदा किया, आज उसका ही परिणाम है कि पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य के
बच्चों के मन में भारतीयता के प्रति अनुराग और प्यार मिलेगा। कुछ लोग उन्हें समाज
और राष्ट्र की मुख्य धारा से तोड़ने वाले थे, वह बेनकाब हुए। आज पूरा पूर्वोत्तर भारत प्रधानमंत्री
मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र की मुख्य धारा के साथ जुड़ करके आत्म गौरव की अनुभूति
करता है। भारत को जोड़ने का सबसे बड़ा कार्य प्रचारकों ने किया है। उनका पूरा जीवन
राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित है। सीएम योगी ने कहा कि एचपीसीएल की तरह अन्य
संस्थाओं को भी अपनी आय का दो प्रतिशत भाग इस प्रकार के सामाजिक कार्यों के लिए
देना चाहिये। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, मोहनलालगंज विधायक अमरेश कुमार, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक संजीव, प्रांत प्रचारक कौशल, राजीव गोयल, जितेंद्र अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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युवाओं को केवल शिक्षित ही
नहीं, बल्कि ज्ञानवान भी बनाना
हैः सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने विद्या
भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम-2024
का किया उद्घाटन
सरस्वती वंदना व वंदे
मातरम को सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या भारती के संस्थानों ने जीवित रखाः सीएम
बोले-गुलामी की मानसिकता
इस कदर घर कर गई कि हमने भारतीयता को महत्व देना बंद कर दिया
लखनऊ, 15 फरवरीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षण
संस्थान युवाओं को शिक्षित तो बना दे रहे हैं, डिग्री व सर्टिफिकेट दे रहे हैं पर जब छात्र उच्च शिक्षण
संस्थान से बाहर आता है तो उसके पास ज्ञान नहीं होता कि अब क्या करना है। यह
कार्यक्रम उस भटकाव से दूर करने का माध्यम है। उसके चरित्र व सर्वांगीण विकास के
लिए मंथन करें। केवल शिक्षित ही नहीं, बल्कि उसे ज्ञानवान भी बनाना है। वह व्यावहारिक ज्ञान से
परिपूर्ण हो। जब वह शिक्षण संस्थान से निकले तो भारत के ऐसे नागरिक के रूप में खुद
को जाने जो आत्मविश्वास से भरपूर हो। जीवन के जिस भी क्षेत्र में जो जिम्मेदारी दी
जाए, वह आत्मविश्वास के साथ उसे
चुनौती के रूप में स्वीकार कर लक्ष्य तक पहुंचाने में अपना योगदान दे सके। यह
कार्य उच्च शिक्षण संस्थान से जुड़े आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, केंद्र-राज्य विश्वविद्यालय आदि कर सकते हैं।
उक्त बातें मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहीं। वे विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा
लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम- 2024 के
उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के गौरव को
पुनर्स्थापित करने के लिए शिक्षण संस्थानों के पास फिर से अवसर है। सीएम ने
विभिन्न राज्यों से आए आगंतुकों से अनुरोध किया कि लखनऊ, नैमिषारण्य व अयोध्या का भ्रमण करें और इन जगहों पर क्या
नया हो सकता, यह सुझाव भी हमें उपलब्ध
कराइए।
यदि हमने दायित्वों को समझ
लिया तो कोई ताकत 2047 तक भारत को विकसित बनने से नहीं रोक सकती
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी
जी ने देशवासियों का आह्वान किया कि जब देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा
तो हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के लिए हमारे स्तर पर क्या योगदान हो रहा है।
विकसित भारत की परिकल्पना साकार करने के लिए हर भारतवासी के स्तर पर क्या भूमिका
होनी चाहिए। यह केवल देश के नेतृत्व का ही नहीं, बल्कि राज्यों, जनपदों, गांवों, व्यक्ति व शिक्षण संस्थानों का भी कार्य है। जीवन के
प्रत्येक क्षेत्र में जो व्यक्ति जहां भी सेवा प्रदान कर रहा है। यदि अपने
दायित्वों को सही ढंग से समझ सके तो पीएम के विजन के अनुरूप 2047 में दुनिया की
कोई ताकत भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित करने में रोक नहीं सकती।
88 हजार ऋषियों ने
नैमिषारण्य में मंथन से जो अमृत निकाला, वही भारत का अमर ज्ञान है
सीएम ने कहा कि लखनऊ में
यह आयोजन भारत की उस प्राचीन परंपरा का स्मरण कराता है, जिसे सदियों पूर्व यहां से 70 किमी. दूर नैमिषारण्य में
88 हजार ऋषियों ने मंथन के माध्यम से भारत की वैदिक परंपरा को लिपिबद्ध करने का
कार्य किया था। वहीं से स्वर फूटे थे कि आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतः... यानी ज्ञान प्राप्त करने के लिए सभी दिशाओं को
खुला रखना चाहिए। एक बार फिर से इसकी शुरुआत देश के हृदय स्थल उत्तर प्रदेश में इस
कार्यक्रम से होने जा रही है। इसे हम विभिन्न ग्रंथों के माध्यम से देख रहे हैं।
जब संसाधन नहीं थे तो 88 हजार ऋषियों ने कई वर्ष रहकर मंथन से जो अमृत निकाला, वह भारत का अमर ज्ञान है। हमारे पास वैदिक ज्ञान का जो
भरपूर भंडार है, जो मानवता को आज भी नई राह
दिखा सकता है। वह हमारे पास धरोहर के रूप में है। उस धरोहर को किस रूप में बढ़ा
सकते हैं, इस पर हमें तैयार होना
होगा।
2014 के पहले भारत के अंदर
सामान्य जन के मन में अविश्वास था
सीएम ने कहा कि अगले
तीन-चार वर्ष के अंदर भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। नेतृत्व बदलने
से कैसे लोगों के मन में विश्वास पैदा किया जा सकता है। 2014 के पहले और बाद के
भारत का अनुभव आप कर सकते हैं। 2014 के पहले भारत के अंदर सामान्य जन के मन में
अविश्वास का वातावरण व असमंजस की स्थिति थी। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि देश कहां
जा रहा है। सीमाएं असुरक्षित थीं। किसी भी क्षेत्र में कोई दिशा नहीं थी। दुनिया
में भारत के पासपोर्ट की कोई कीमत नहीं थी। कोई मान्यता देने को नहीं तैयार था। आज
नेतृत्व भारत के अंदर जनविश्वास का प्रतीक बना है। दुनिया के अंदर भारत का गौरव को
किस रूप में पुनर्स्थापित करता है। दुनिया में पीएम के विजिट को देखें और तुलना
करें तो भारत के पासपोर्ट का गौरव, बढ़ा है। उसे मान्यता देना प्रारंभ किया है। प्रवासी
भारतीय भी मानते हैं कि अब उन्हें सम्मान मिलता है। यदि समाज का हर व्यक्ति अपने
दायित्वों का निर्वहन करने लग जाए तो हर कुछ हो सकता है।
गुलामी की मानसिकता इस कदर
घर कर गई कि हमने भारतीयता को महत्व देना बंद कर दिया
सीएम ने कहा कि कभी दुनिया
के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भारत में हुआ करते थे। सीएम ने कहा कि कौन सा ऐसा देश, मत-मजहब या संप्रदाय है, जो 5-12 हजार वर्ष पूर्व के गौरवशाली इतिहास को दुनिया के सामने रख सकता
है। अभी 22 जनवरी को पीएम मोदी के करकमलों से अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को देश-दुनिया ने देखा है। त्रेतायुग हजारों वर्ष पुरानी
परंपरा है। भगवान श्रीराम त्रेतायुग के अंत में हुए थे। न जाने कितने युग बीत चुके
हैं, लेकिन हम परंपरा के वाहक
बने हुए हैं। वैदिक परंपरा, ग्रंथों, शास्त्रों, स्मृतियों, पुराणों के माध्यम से इतिहास मौजूद है। हमने उस परंपरा
को बढ़ाने का कार्य कहीं न कहीं रोक सा दिया है। हमने अपने पर गौरव की बजाय उसे
हेय दृष्टि से देखा और पराये को महत्व देना प्रारंभ किया। गुलामी की मानसिकता मन
में इस कदर घर कर गई कि हमने भारतीयता को महत्व देना बंद कर दिया।
देश-दुनिया के अंदर भारतीय
व भारतीयता के उच्चतम शिक्षा का केंद्र बना है विद्या भारती
सीएम ने कहा कि विद्या
भारती छोटे से शिशु मंदिर से प्रारंभ होता है और देश-दुनिया के अंदर भारतीय व
भारतीयता के उच्चतम शिक्षा का केंद्र बना हुआ है। आज देश में अनुकूल वातावरण है।
संसद व विधानसभाओं में अब राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत पर विवाद नहीं होता, लेकिन एक समय वह भी था, जब सरस्वती शिशु मंदिरों व विद्या भारती के शिक्षण
संस्थानों में ही केवल वंदे मातरम होता था। देश की आजादी का अमृत मंत्र बने इस गीत
पर भी स्वतंत्र भारत में भी विवाद होता था। सरस्वती वंदना व वंदे मातरम इस
राष्ट्रगीत को सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या भारतों के संस्थानों ने जीवित बनाकर
रखा। आज उसका राष्ट्रव्यापी स्वरूप देखने को मिलता है। विधानसभा और संसद की
कार्रवाई का हिस्सा बना है। लोग आत्मसात करते हुए उससे नई प्रेरणा प्राप्त करते
हैं। जहां कोई नहीं पहुंच पाया, वहां
विद्या भारती और उसके प्रकल्प पहुंचे जो एकल विद्यालय के माध्यम से वनवासी, गिरवासी, दुर्गम क्षेत्रों में आगे जाकर उसे आगे बढ़ाया। शिक्षण
के माध्यम से राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया। सरकार का कोई
प्रोत्साहन नहीं, फिर भी
अपने बल पर कि मैं भी देश का नागरिक हूं और देश के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती
है। इसके निर्वहन के लिए विद्या भारती ने आरएसएस के नेतृत्व व मार्गदर्शन में इस
कार्यक्रम को गांव-गांव, जन-जन तक
पहुंचाने का अभिनव कार्यक्रम किया।
इस अवसर पर भारत सरकार के
शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, स्वतंत्र देव सिंह, राज्यमंत्री रजनी तिवारी, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष
कैलाश चंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने
अतिथियों का स्वागत किया।
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